पीएम मोदी के इस मंत्री ने तो, उनकी विचारधारा को शर्मिंदा कर के रख दिया !
मोदी सरकार में उनके मंत्रियों द्वारा बेतुके बयान देना कोई नई बात नहीं है. इसी क्रम में मोदी सरकार के मंत्री हंसराज अहिर की जुबान बेकाबू हो गयी और वो कुछ ऐसा बोल गए जिससे पूरी इंसानियत शर्मसार हो गयी.
-
Total Shares
एक अच्छे लोकतंत्र के लिए ये ज़रूरी है कि, व्यक्ति बोलता और अपनी बात कहता रहे. बोलते वक़्त व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए कि वो जो बोल रहा है वो किसी को आहत न करे. साथ ही उसकी कही बात वजनदार हो. इस बात में कोई संदेह नहीं कि आम आदमी बात सोच समझकर ही करता है. हां मगर जब बात राजनीति की हो तो वहां ये पाबन्दी हट जाती है. व्यक्ति अपने को खुदा मान कर कुछ भी बोलने के लिए स्वतंत्र है. कहा जा सकता है कि राजनीति व्यक्ति निरंकुश और कठोर बना देती है.
हो सकता है इस बात को पढ़कर आप विचलित हों और ये सोचें कि हम ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं. इसके पीछे की वजह बस मोदी सरकार के एक मंत्री हैं, जिन्होंने एक ऐसा बयान दिया है जो उन्हें तो नहीं मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी विचारधारा "सबका साथ, सबका विकास को अवश्य ही प्रभावित करेगा.
हंसराज अहिर का ये बयान न सिर्फ राजनीति को बल्कि पूरी इंसानियत को शर्मसार कर रहा है
जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. हम बात कर रहे हैं मोदी सरकार में मंत्री हंसराज अहिर की. अहिर अक्सर ही अपने बेतुके बयानों से चर्चा में रहते हैं. खैर हुआ कुछ यूं है कि, महाराष्ट्र के चंद्रपुर में एक अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे मंत्री जी को जब पता चला कि अस्पताल के डॉक्टर छुट्टी पर हैं. तो उन्हें ये बात अपनी तौहीन लगी और इस तौहीन के बाद गुस्सा आना तो स्वाभाविक था. मंत्री जी ने न आव देखा न ताव और कह दिया कि, "मैं लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया नेता हूं. मैं यहां आ रहा हूं इसकी जानकारी होने के बाद भी डॉक्टर छुट्टी पर क्यों चले गए. अगर उन्हें इस लोकतांत्रिक सिस्टम पर विश्वास नहीं है तो नक्सली बन जाएं. इसके बाद हम उनके सीने में गोली दाग देंगे.
I am a democratically elected minister, despite knowing that I am coming here why did the doctor go on leave? If they don't believe in democracy then they should join Naxals, we will put bullets in them: Hansraj Ahir,MoS Home at a hospital inauguration in Maharashtra's Chandrapur pic.twitter.com/xmGytpw1D0
— ANI (@ANI) December 25, 2017
गौरतलब है कि पूर्व में भी अहिर चर्चा में तब आए थे जब कश्मीर को लेकर उन्होंने अपने द्वारा पढ़े गए गलत इतिहास का परिचय देते हुए कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) पिछली सरकारों की गलतियों की वजह से पाकिस्तान के अधीन है. बहरहाल, मंत्री जी की बातों से साफ है कि वो सत्ता के नशे में अंधे हो गए हैं और ये भूल चुके हैं कि एक जिम्मेदार और "चुने" हुए व्यक्ति के द्वारा बोलने का लहजा क्या होता है.
हम ये जानते हैं कि इनको समझाने से कोई फायदा नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये आज जिस मुकाम पर हैं उसमें हाथ हमारा ही है. हम इस लेख के माध्यम से इनसे तो नहीं हां मगर प्रधानमंत्री से कहना चाहेंगे कि वो इन नेताओं को समझाने की कोशिश करें कि आखिर आम जनता के प्रति इनकी जिम्मेदारी क्या है. साथ भी प्रधानमंत्री इन्हें ये भी बताएं कि यदि ये लोग नहीं सुधरे और अपनी जुबान पर नियंत्रण नहीं रखा तो अवश्य ही उनका "सबका साथ और सबका विकास" का सपना चूर चूर हो जाएगा.
अंत में हम मंत्री जी से ये कहते हुए अपनी बात खत्म करते हैं कि वो जिनके सीने पर गोली मारने की बात कर रहे हैं वो कोई चोर उचक्के और नक्सली नहीं बल्कि डॉक्टर हैं. हां वो डॉक्टर जिन्हें हमारा समाज भगवान का दूसरा रूप मानता है.
ये भी पढ़ें -
2017 में हुए थे ये भीषण हादसे, जो 2018 में भी होंगे !
व्यंग्य : अब मोबाइल में रिसीवर से रेडिएशन रुकेगा, पहले नोटबंदी से कालाधन भी तो आया था
56 इंची सोशल मीडिया रिएक्शन जैसा आसान नहीं माल्या को भारत लाना
आपकी राय