पैगंबर पर विवादित किताब फिर दाह संस्कार, वसीम रिजवी क्या संदेश देना चाहते हैं?
पैगंबर पर विवादित किताब के बाद नरसिम्हा नंद सरस्वती से दोस्ती पर अभी चर्चा हो ही रही थी. लेकिन ये कहकर कि मरने के बाद दफनाने के बजाए मेरा हो दाह संस्कार हो और मुखाग्नि नरसिम्हा नंद सरस्वती देंगे वसीम रिज़वी ने मुस्लिम समुदाय के बीच खलबली मचा दी है.
-
Total Shares
हैरत ज़दा हैं रास्ते, हैरान संग-ए-मील
अंधे की रहनुमाई में, लंगडा सफ़र में है.
शेर है तो किसी गुमनाम शायर का लेकिन दिन भर में ऐसे मौके खूब आते हैं जब ये किसी न किसी पर फिट हो जाता है. एक ऐसे समय में जब 'निष्काम भावना से किसी काम को अंजाम देना' और नैतिकता सरीखी बातें सिर्फ किताबों तक सीमित हों और वहीं अच्छी लगती हों. यदि ख़ुद को विराट हिंदू, हिंदू हृदय सम्राट कहने वाले डासना मंदिर के महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती न केवल किसी मुसलमान के साथ मंच साझा करें बल्कि उसकी शान में कसीदे पढ़ते हुए अपनी आंखें नम कर लें तो आश्चर्य भी होगा और सवाल भी उठेंगे. चूंकि दुनिया में हर चीज की कीमत है और कोई काम मुफ्त नहीं होता इसलिए महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती की भी आंखें मुफ्त में नम नहीं हुई हैं. शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने प्रॉफेट मोहम्मद को लेकर एक किताब लिखी है और महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती की रहमदिली की कीमत चुका दी है.
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित किताब के बाद एक बार फिर वसीम रिज़वी ने अपनी बातों से देश के मुसलमानों को चिंता में डाल दिया है
बात आगे बढ़ाने से पहले बता दें कि इस बार जो हरकत वसीम रिज़वी ने की है उसने देश विदेश के मुसलमानों को आहत कर दिया है. वसीम के खिलाफ न केवल अलग अलग जगहों से फतवे आ रहे हैं बल्कि उन्हें जान से मारने की भी बातें हो रही हैं. कहा ये भी जा रहा है कि जाने अनजाने जो कुछ भी इस बार वसीम रिज़वी ने किया है उसके लिए न तो माफ़ी की गुंजाश है न ही उन बातों को नजरअंदाज किया जा सकता है.
When Wasim Rizvi met Yati Narsinghanand:Double the hate and venom against Muslims and Islam. Wasim Rizvi said Muslims following Quran are extremists as Quran is a propaganda against humanity. He also said that Prophet Mohammad was not a messenger of God. pic.twitter.com/pd4lQrhVhv
— Kaushik Raj (@kaushikrj6) November 6, 2021
लोग यही कह रहे हैं कि वसीम ने जो कुछ भी किया है वो माफ़ी के योग्य नहीं है. पिछले कुछ वर्षों से हर दूसरे- तीसरे दिन किसी न किसी विवाद के चलते सुर्खियों में रहने वाले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने ऐलान किया है कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाए. इसके लिए उन्होंने वसीयतनामा भी तैयार कर लिया है.
I will conduct my last rites according to Hindu rituals: Former Shia Waqf Board Chairman Wasim Rizvipic.twitter.com/ZyOSYt2rye
— OSINT Updates ? (@OsintUpdates) November 14, 2021
वसीम रिज़वी का एक वीडियो जंगल की आग की तरह फैल रहा है. इंटरनेट पर वायरल हो रहे उस वीडियो में वसीम रिज़वी ने बहुत स्पष्ट रूप से इस बात को कहा है कि उनके मरने के बाद उनका शरीर हिंदू दोस्तों को सौंप दिया जाए और उनका अंतिम संस्कार किया जाए. उन्होंने कहा कि डासना मंदिर के महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती उनकी चिता को अग्नि दें.
रिजवी ने बड़ा आरोप लगाते हुए इस बात के भी संकेत दिए हैं किताब के बाद कि मुसलमान उनकी हत्या और गर्दन काटने की साजिश रच रहे हैं.
वसीम रिजवी ने अपने वीडियो में कहा, 'हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के बाहर मेरी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है. मुझ पर इनाम रखे जा रहे हैं. मेरा गुनाह इतना है कि मैंने 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था, जो इंसानियत के प्रति नफरत फैलाती है.अब मुसलमान मुझे मार देना चाहते हैं और ये ऐलान किया है कि मुझे किसी कब्रिस्तान में कोई जगह नहीं देंगे.'
Listen to the blasphemous allegations of #WasimRizvi against our dear Holy Prophet (s). He is doing all this only to please Hindutva brigade, earn political favors and safeguard himself from arrest! Jo karna ho karlo, Rasoole Khuda (s) aur Ahlebayt (a) se tumhara koi wasta nahi pic.twitter.com/ha0c9xyNOW
— Sayyid Husain Aejaz Rizvi Kararvi (@sayyidspeaks) November 8, 2021
अपने वीडियो में आगे रिज़वी ने ये भी कहा है कि 'मेरे मरने के बाद शांति बनी रहे, इसलिए मैंने एक वसीयतनामा लिखा है कि जो मेरा शरीर है, वो मेरे हिंदू दोस्त हैं, उनको लखनऊ में दे दिया जाए और चिता बनाकर मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए. और चिता में अग्नि हमारे यति नरसिम्हा नंद सरस्वती जी देंगे, मैंने उनको अधिकृत किया है.
ज्ञात हो कि वसीम के खिलाफ देश के मुसलमानों का विरोध उस वक़्त शुरू हुआ था जब अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से ये याचिका खारिज हो गई थी. इसके फौरन बाद से ही रिजवी मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम समुदायों के निशाने पर हैं.
Wasim Rizvi, the same guy who petitioned to change Quran right? How is he even allowed to publish? pic.twitter.com/NwmPKYV9FZ
— عادل مغل ?? (@MogalAadil) November 5, 2021
बताते चलें कि वसीम रिज़वी की इस्लाम विरोधी गतिविधियों के कारण मुस्लिम धर्मगुरु और अलग अलग संगठन उनकी गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं. ऐसे लोगों का तर्क है कि वसीम रिज़वी न केवल हिंदू मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं बल्कि अपनी बातों से शिया और सुन्नियों के बीच भी दूरी पैदा कर देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
मुस्लिम संगठनों का ये भी कहना है कि रिजवी का इस्लाम और शिया समुदाय से कुछ लेना-देना नहीं है. मुस्लिम संगठन रिजवी को चरमपंथी और मुस्लिम विरोधी संगठनों का एजेंट बताते हैं. वसीम रिज़वी मुस्लिम विरोधी संगठनों के एजेंट हैं या नहीं इसका फैसला तो वक़्त करेगा. लेकिन जो कुछ भी हरिद्वार के प्रेस बल्ब क्लब में हुआ उसने इस बात की तस्दीख ज़रूर की है कि रिज़वी और नरसिम्हा नंद सरस्वती की दोस्ती वभी आगे और गुल खिलाएगी.
वसीम रिज़वी ने डासना देवी मंदिर पहुंचकर यति नरसिंहानंद सरस्वती को पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद पर लिखी अपनी किताब भेंट की। आप समझ सकते हैं कि उस किताब में कितनी नफ़रत परोसी गई होगी जिसके लिए वसीम रिज़वी को नरसिंहानंद सरस्वती जैसे इंसान के पास जाना पड़ा है…? pic.twitter.com/Lzyjrc2sn8
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) November 6, 2021
गौरतलब है कि अभी बीते दिनों ही हरिद्वार के प्रेस बल्ब में वसीम रिजवी ने अपनी पुस्तक का विमोचन किया है. जहां नरसिम्हा नंद सरस्वती ने न केवल मंच साझा किया. बल्कि आंखों में आंसू लिए वसीम रिजवी को अपना छोटा भाई बताया और कहा कि यदि किसी ने वसीम का बाल भी बांका किया तो उससे मोर्चा वो खुद लेंगे.
मामले में दिलचस्प ये भी है कि महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती ने यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वो वसीम रिज़वी की सुरक्षा का ख्याल रखें. महंत ने कहा है कि यदि वसीम जैसों को कुछ भी होता है तो देश का हिंदू किसी भी सूरत में चुप नहीं बैठेगा.
This maloon murtad Wasim Rizvi is openly insulting Prophet ﷺ A severe action needs to be taken by the authorities on this man.#ArrestWasimRizvi pic.twitter.com/0kNovyz7pI
— سعد ? (@TalibEIlm_) November 13, 2021
हर रोज विवादों की आंच सुलगने वाले वसीम रिज़वी को लेकर महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती कुछ कह लें. लेकिन चूंकि इस बात को हम पहले ही बता चुके हैं कि कुछ भी मुफ्त में नहीं होता और हर चीज की कीमत है. इसलिए यदि आज रिज़वी को महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती की बदौलत समर्थन मिल रहा है. तो इसका कारण बस इतना है कि रिज़वी अपने द्वारा लिखी किताब के जरिये उस एजेंडे को आगे ले जा रहे हैं जिसका अलख डासना प्रमुख ने खुद जला रखी है और जिसके दम पर वो खुद राजनीति को अंजाम दे रहे हैं.
ये भी पढ़ें -
टीम इंडिया से निराश भारतीय दर्शकों का अच्छा मनोरंजन करेगी 'इनसाइड एज', दिसंबर में देख सकते हैं!
कांग्रेस किस बूते अकेले लड़ेगी यूपी चुनाव, या अभी सिर्फ 2024 की तैयारी करनी है?
Hinduism Vs Hindutva: राहुल गांधी की 'दार्शनिकता' कांग्रेस के लिए सिरदर्द ही बनेगी
आपकी राय