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Updated: 17 सितम्बर, 2017 05:25 PM
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कांग्रेस के सीनियर नेता मनीष तिवारी ने तीर तो एक ही छोड़ी थी, लेकिन वो दो-दो निशानों पर जा लगी. मनीष तिवारी के निशाने पर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे, लेकिन वही तीर देश के आम आदमी पर जा लगा और उसे मालूम हुआ कि कांग्रेस के नेता की नजर में आम लोगों की औकात क्या है?

कांग्रेस नेता की नजर में आम आदमी की औकात

हफ्ते भर पहले ही कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो के साथ अपशब्दों वाला ट्वीट किया था. ट्वीट के कुछ ही देर बाद जब दिग्विजय को ट्रोल ने दौड़ाया तो सफाई देने लगे. दिग्विजय फिर भी नहीं समझा पाये कि जिस गाली का इस्तेमाल उन्होंने ट्वीट में किया था वो मूर्ख के लिए प्रयोग होता है. तब दिग्विजय के ट्वीट के कुछ ही देर बाद जब ट्विटर पर #GaaliWaliCongress ट्रेंड होने लगा था.

digvijay singh tweetsजिस शब्द का अर्थ दिग्विजय ने मूर्ख बताया...

दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस के ही एक और सीनियर नेता मनीष तिवारी ने भी मोदी को टारगेट करते हुए अपने ट्वीट में उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया जिन पर दिग्विजय सिंह सफाई दे चुके हैं.

मोदी ने कांग्रेस को टारगेट किया

अपने 67वें जन्मदिन पर मिली शुभकामनाओं को लेकर मोदी ने कहा, 'मुझे जन्मदिन की बधाई देने वालों का शुक्रिया. मैं जन्मदिन नहीं मनाता हूं, लेकिन लोगों के शुभकामना का धन्यवाद.'

मोदी को जन्मदिन की बधाई देने वालों में मनीष तिवारी भी शामिल हैं. बधाई देने से ठीक पहले मनीष तिवारी ने एक ट्वीट किया और मोदी का मजाक उड़ाने की कोशिश की.

मनीष तिवारी के ट्वीट की प्रतिक्रिया में जब एक यूजर ने टिप्पणी की तो वो उसी पर टूट पड़े. इस ट्वीट के साथ ही मनीष तिवारी ने साफ कर दिया कि दिग्विजय की बातों से वो कितना इत्तेफाक रखते हैं.

मनीष तिवारी के इस ट्वीट से प्रधानमंत्री मोदी के बारे उनकी राय ही नहीं देश के आम लोगों के बारे में भी उनके विचार जग जाहिर हो चुके हैं. समझ लेना होगा कि कांग्रेस के ये दोनों नेता विरोधी दलों के नेताओं के बारे में जैसा बोलते हैं वैसा सोचते भी हैं और आम लोगों के बारे में भी उनकी वही राय है.

manish tiwariमनीष तिवारी ने दिग्विजय से इत्तेफाक जताया

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में कहा था कि कुछ लोगों को लगता है कि कुछ मुट्ठीभर लोगों ने ही देश की आजादी के लिए बलिदान दिया है. प्रधानमंत्री ने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनके भाषण में कांग्रेस का शासन और उसके नेता ही निशाने पर रहे. मोदी ने कहा कि अगर साजिशें नहीं रची गयी होतीं तो सरदार सरोवर बांध 60-70 के दशक में तैयार हो गया होता. एक तरफ मोदी कांग्रेस नेताओं को टारगेट कर रहे थे तो दूसरी तरफ सिर्फ बाबा साहब अंबेडकर और सरदार वल्लभ भाई पटेल को सारा क्रेडिट दे दिया. साफ ये बातें कांग्रेस नेताओं को कैसे हजम होतीं.

मनीष तिवारी के ट्वीट के बाद लोगों ने उन्हें ट्विटर पर घेर लिया और निजी हमले करने लगे. हालांकि, कुछ लोग गाली-गलौज पर भी उतर आये. अगर गाली का जवाब गाली ही है फिर तो फर्क कहां बचता है.

कहने को तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी प्रधानमंत्री मोदी को कायर और मनोरोगी तक कह चुके हैं - और खुद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी उन्हें खून का दलाल भी बता चुके हैं. लेकिन मनीष तिवारी के अचानक इस अवतार में आ धमकने की क्या वजह हो सकती है? कहीं ऐसा तो नहीं कि दिग्विजय के छुट्टी पर चले जाने के बाद मनीष तिवारी ही उनकी भूमिका निभाने वाले हैं?

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