Twitter CEO बनते ही पराग अग्रवाल ने लगाया 'निजी मीडिया शेयर पर बैन'! जानिए इसका असर?
ट्विटर सीईओ (Twitter CEO) बनने और पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) के भारतीय मूल का होने की वजह से भारत में लोगों के बीच काफी उत्साह नजर आ रहा है. लेकिन, पराग के सीईओ बनने के एक दिन के अंदर ही नई प्राइवेट इंफॉर्मेशन पॉलिसी का ये अपडेट साफ करता है कि ट्विटर की कार्यशैली में बदलाव आने की संभावना कम ही है.
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के को-फाउंडर जैक डॉर्सी के CEO पद से इस्तीफा देने के बाद पराग अग्रवाल नए सीईओ बन गए हैं. पराग अग्रवाल ने सीईओ बनने के एक दिन के अंदर ही ट्विटर ने प्राइवेट मीडिया शेयर करने को लेकर एक गाइडलाइन जारी कर दी है. ट्विटर ने अपनी प्राइवेट इंफॉर्मेशन पॉलिसी में जो बदलाव किया है, उसके अनुसार अब ट्विटर पर किसी दूसरे व्यक्ति की निजी फोटो या वीडियो को शेयर करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि, फोटो या वीडियो अपलोड करने से पहले यूजर को कंसेंट नहीं लेनी होगी. लेकिन, दूसरे व्यक्ति के शिकायत दर्ज कराने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ये फोटो हटा दी जाएगी. इतना ही नहीं इस नियम को तोड़ने पर पर यूजर का अकाउंट स्थायी रूप से बैन कर दिया जाएगा. आसान शब्दों में कहा जाए, तो ट्विटर किसी दूसरे शख्स से जुड़ी फोटो या वीडियो को अब शेयर करने से पहले लोगों को सौ बार सोचना होगा. आइए जानते हैं ट्विटर की इस नई प्राइवेट इंफॉर्मेशन पॉलिसी का लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
ट्विटर की इस पॉलिसी में भी कंपनी की जवाबदेही तय नही है.
ट्विटर की सेंसरशिप होगी और मजबूत
पराग अग्रवाल के भारतीय मूल के होने की वजह से भारत में लोगों के बीच फिलहाल काफी उत्साह नजर आ रहा है. लेकिन, पराग अग्रवाल के सीईओ के तौर पर कार्यभार संभालने के एक दिन के अंदर ही नई प्राइवेट इंफॉर्मेशन पॉलिसी का ये अपडेट साफ करता है कि ट्विटर की कार्यशैली में बदलाव आने की संभावना कम ही है. भारत में ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच सोशल मीडिया के लिए बनाए गए आईटी नियमों पर जंग छिड़ी है. कंपनी का ये पॉलिसी अपडेट माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को किसी भी शिकायत पर फोटो या वीडियो को कंटेंट सहित हटाने की ताकत देता है. दरअसल, जैक डॉर्सी के सीईओ रहने के समय ट्विटर पर वामपंथी विचारों को बढ़ावा देने और दक्षिणपंथी विचारों को दबाने के आरोप लगे थे. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुई कार्रवाई को भी गलत कहा गया था. उस दौरान भी यही सवाल उठाए जा रहे थे कि किसी भी ट्वीट के बारे में ट्विटर कैसे तय करता है कि यह जनता के हित के लिए है या नहीं?
इस प्राइवेट इंफॉर्मेशन पॉलिसी अपडेट के बाद ट्विटर के पास अब केवल टेक्स्ट ही नहीं, बल्कि फोटो और वीडियो को लेकर कड़ी कार्रवाई करने के अधिकार मिल जाएंगे. आसान शब्दों में कहा जाए, तो ट्विटर की इस नई पॉलिसी के सामने आने के बाद सोशल मीडिया कंपनी की सेंसरशिप और ज्यादा मजबूत होगी. अगर किसी यूजर द्वारा पोस्ट की गई किसी अन्य यूजर की फोटो या वीडियो पर उसकी ओर से आपत्ति जताई जाती है, तो पोस्ट करने वाले यूजर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. इस पॉलिसी अपडेट के बाद किसी भी पोस्ट के खिलाफ शिकायत की जा सकती है. ट्विटर अपनी पॉलिसी के हिसाब से लोगों के सामने मनमाना कंटेंट परोस सकेगा. आखिर किसी टेक्स्ट/फोटो/ वीडियो का संदर्भ लोगों के लिए सही है या गलत? इसका फैसला माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के कर्मचारी कैसे कर सकते हैं. इन्ही एकाधिकारों को रोकने के लिए भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नए आईटी नियम लाए गए थे.
इसी साल केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान टूलकिट समेत कई हैशटैग को लेकर ट्विटर से आपत्ति जताई थी. लेकिन, माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने फ्री स्पीच के नाम पर कठोर कदम उठाने से इनकार कर दिया था. इस नई पॉलिसी को लेकर इतना ही कहा जा सकता है कि अभी तक ट्विटर केवल टेक्स्ट तक ही सीमित था. लेकिन, अब उसकी पहुंच में फोटो और वीडियो भी आ गए हैं. और, वो भी बिना किसी जवाबदेही के. भारत में ट्विटर पर कुछ लोगों के ट्वीट की रीच (लाइक, रिट्वीट और कमेंट को ब्लॉक करने) को कम करने और बेवजह ट्वीट को 'फ्लैग' करने जैसे आरोप पहले भी लगते रहे हैं. अब इस पॉलिसी के साथ ट्विटर के हाथों में लोगों की फोटो और वीडियो पर भी अधिकार का मौका होगा. ऐसी कोई भी तस्वीर या वीडियो जो मेनस्ट्रीम या पारंपरिक मी़डिया (टीवी, अखबार, ऑनलाइन न्यूज बेवसाइट) में नहीं होगी, उस पर ट्विटर को कार्रवाई करने से कोई नहीं रोक सकेगा.
केवल पब्लिक फिगर पर मिलेगी छूट
ट्विटर की नई प्राइवेट इंफॉर्मेशन पॉलिसी के अनुसार, पब्लिक फिगर यानी जाने माने लोगों की तस्वीरें और वीडियो साझा करने से छूट दी गई है. लेकिन, इनके जरिये उनका उत्पीड़न करने, डराने या चुप कराने की कोशिश किए जाने की बात साबित होने पर इसे भी हटा दिया जाएगा. इस नए नियम के बाद अब महिलाओं, एक्टिविस्ट, असंतुष्टों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की बिना अनुमति के तस्वीरें या वीडियो साझा करने पर यूजर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. मेनस्ट्रीम या ट्रेडिशनल मीडिया (टीवी, अखबार, ऑनलाइन न्यूज बेवसाइट) में आ चुकी फोटो या वीडियो जो सार्वजनिक हित में हो, उसे पर बैन नहीं लगाया जाएगा. किसी हिंसक घटना के बाद लोगों की मदद के लिए शेयर किए जाने वाले फोटो या वीडियो को इस नियम के दायरे से बाहर रखा गया है. इस पॉलिसी अपडेट के सामने आने के बाद लोगों ने निजी मीडिया को लेकर कई तरह की चिंताएं जाहिर कीं. सवाल उठा जा रहे हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इन नियमों के सहारे लोगों को निशाना बनाया जा सकता है.
नियम का क्या होगा असर?
इस नियम के लागू होने के बाद किसी वायरल फोटो या वीडियो में नजर आया कोई भी शख्स शिकायत दर्ज नहीं करा सकता है. किसी खेल के मैदान, लाइव कॉन्सर्ट जैसी जगहों पर ली गई तस्वीरों में नजर आए लोगों की निजता के नाम पर हर किसी की फोटो नहीं हटाई जाएगी. किसी भी तरह की निजी फोटो या वीडियो हटाने से पहले ट्विटर उसके टेक्स्ट को भी जांचेगा कि यह लोगों पर किस तरह का प्रभाव डाल रहा है. जिसके बाद यूजर का वो वीडियो या फोटो हटा दिया जाएगा. जिसका फोटो या वीडियो शेयर हुआ है या उसका कोई आधिकारिक प्रतिनिधि रिपोर्ट कर बिना अनुमति के कंटेंट साझा करने की शिकायत दर्ज करा सकता है. इससे सोशल मीडिया ट्रोल्स पर काफी असर पड़ने की संभावना है.
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