हिजाब विवाद से सुर्खियों में आई छात्रा अल-कायदा की भी 'मुस्कान' बनी, इसमें चिंता की बात कहां है?
आतंकी संगठन अल कायदा (Al Qaida) के सरगना अयमान अल-जवाहिरी (Ayman Al Zawahiri) ने कर्नाटक के हिजाब विवाद (Hijab Controversy) का चर्चित चेहरा रही और 'हिजाब गर्ल' के नाम से मशहूर हुई मुस्कान (Hijab Girl Muskan) को अपनी बहन बताते हुए जमकर तारीफ की है. जो चिंता का विषय है.
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कर्नाटक के एक कॉलेज में 'जय श्री राम' का नारा लगाती भीड़ के सामने हिजाब पहनकर आने वाली छात्रा मुस्कान ने 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं. देशभर में 'हिजाब गर्ल' के नाम से मशहूर हुई मुस्कान के पक्ष में राजनेताओं से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग की एक धड़े ने जमकर अपनी आवाज बुलंद की थी. खैर, अब इस लिस्ट में वैश्विक आतंकी संगठन अल कायदा का नाम भी जुड़ गया है. अल कायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी ने एक वीडियो में कर्नाटक की छात्रा मुस्कान की तारीफ की है. अल कायदा ने अल जवाहिरी का 9 मिनट का वीडियो जारी किया है. जिसमें अयमान अल-जवाहिरी ने मुस्कान को अपनी 'बहन' बताते हुए उसकी तारीफ में कविता पढ़ी है. और, हिजाब गर्ल मुस्कान को 'भारत की महान महिला' बताते हुए एक पोस्टर भी जारी किया है. वीडियो में जवाहिरी ने कहा है कि जिस तरह से उसने 'तकबीर' की आवाज उठाई है, उसने उसका दिल जीत लिया है. आइए जानते है कि हिजाब विवाद से सुर्खियों में आई छात्रा अल-कायदा की भी 'मुस्कान' बनी हैं, तो इसमें चिंता की बात कहां है?
BIG : Terror Organization #AlQaeda openly declare support for #Hijab movement in IndiaTerrorist Al Zawahiri release a video praising Radical muslim girl Muskan who was seen shouting Allah hu Akbar inside an educational institute in Karnataka pic.twitter.com/YalDcRHBbI
— Live Adalat (@LiveAdalat) April 6, 2022
क्या अलकायदा की तारीफ स्वीकार करेगा मुस्कान का साथ देने वाला धड़ा?
कर्नाटक के मुद्दे को भले ही राजनीतिक कहकर पल्ला झाड़ लिया जाए. लेकिन, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाली छात्राएं कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई के स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़ी हुई थीं. हालांकि, कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं. कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा था कि 'हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है.' लेकिन, इसके बावजूद हिजाब विवाद को लगातार भड़काए रखा गया. कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करना हिजाब की मांग करने वाली छात्राओं का अधिकार है. लेकिन, कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी हिजाब पहनने की मांग पर अड़े रहना. और, हिजाब के लिए अपनी परीक्षाओं को छोड़ कर एक उदाहरण स्थापित करने की सोच को क्या कहा जाएगा.
वैसे, पीएफआई जैसे कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन से छात्राओं के जुड़ाव को अगर नजरअंदाज भी कर दिया जाए, तो सबसे अहम सवाल यही है कि इन छात्राओं के दिमाग में हिजाब के साथ स्कूल-कॉलेज में एंट्री करने का ख्याल कैसे आया? क्योंकि, इससे पहले तक ये छात्राएं स्कूल-कॉलेज में बिना हिजाब के आती रही हैं. हालांकि, स्कूल-कॉलेज से बाहर ये छात्राएं हिजाब पहनती रही हैं. लेकिन, हिजाब के साथ स्कूल-कॉलेज में आने की जिद को बढ़ावा देने में कहीं न कहीं इन कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों का ही हाथ नजर आता है. भारत में राजनेताओं और बुद्धिजीवी वर्ग के एक धड़े ने इस मामले को हिजाब बनाम भगवा गमछा की जंग बनाते हुए खूब जहर उगला था. लेकिन, अब अलकायदा के सरगना अल-जवाहिरी ने जब मुस्कान की तारीफ कर दी है. तो, क्या वे इसे भी उसी तरह से स्वीकार करेंगे, जैसे उन्होंने मुस्कान की तारीफ की थी.
अयमान अल-जवाहिरी ने हिजाब गर्ल मुस्कान को 'भारत की महान महिला' बताते हुए एक पोस्टर भी जारी किया है.
'तकबीर' ने एक को 'शेरनी', दूसरे को 'बीमार' बना दिया
अलकायदा के चीफ अल-जवाहिरी ने कहा है कि मुस्कान ने 'तकबीर' की आवाज उठाकर मेरा दिल जीत लिया है. तकबीर की बात की जाए, तो इसका शाब्दिक अर्थ अल्लाह हू अकबर (ईश्वर सबसे बड़ा है) कहना, नमाज में झुकने, खड़े होने अथवा बैठने के लिए अल्लाह हू अकबर कहना होता है. हिजाब मामले में तकबीर की बात कर अल-जवाहिरी ने एक बात स्पष्ट कर दी कि कर्नाटक में 'हिजाब गर्ल' मुस्कान के भीड़ के सामने 'अल्लाह हू अकबर' कहने पर उसे 'शेरनी' और 'साहसी' जैसी तमाम उपमाओं से अलंकृत किया जाना जायज था. अब ऐसी उपमाएं मुस्कान को किन लोगों ने दी थीं, ये भी किसी से छिपा नहीं है. क्योंकि, सोशल मीडिया और इंटरनेट के इस दौर पर कुछ भी छिपाया जाना आसान नहीं रहा है. वैसे, जमीएत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) ने मुस्कान को पांच लाख के इनाम का ऐलान किया था.
वहीं, बीते दिनों यूपी के गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षा में तैनात जवानों पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी भी 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगा रहा था. अल-जवाहिरी के हिसाब से देखा जाए, तो उसने भी 'तकबीर' की आवाज को ही बुलंद किया था. लेकिन, गोरखनाथ मंदिर में लोगों पर हमला कर 'तकबीर' की आवाज उठाने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी को 'हिजाब गर्ल' की तरह प्रमोट नहीं किया गया. बल्कि, उसे दिमागी तौर पर बीमार बताया जा रहा है. तकबीर की आवाज उठाने वाले मुर्तजा के पिता मुनीर अहमद अब कह रहे हैं कि उनके बेटे की मानसिक हालत 2017 से ही ठीक नही है. लेकिन, मुर्तजा के पिता को इस बात का जरा भी इल्म नहीं है कि धर्मांतरण जैसे रैकेट और तकरीरों के जरिये मुस्लिम युवाओं में जहर भरने वाला जाकिर नाइक से उनका बेटे का जुड़ाव कैसे हो गया?
भारत के लिए क्या है असली चिंता?
वीडियो में अल-जवाहिरी ने हिजाब विवाद के सहारे दावा किया है कि भारत के हिंदू लोकतंत्र में मुसलमानों पर अत्याचारों और उनका दमन हो रहा है. हिजाब बैन को उत्पीड़न करार देते हुए अल-जवाहिरी ने भारतीय मुसलमान इसके खिलाफ 'तकबीर' की आवाज उठाने की बात कही है. दरअसल, इस्लाम में किसी भी तरह के 'बदलाव' के लिए जगह नहीं है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो मजहबी मामलों में दुनियावी दखलंदाजी को इस्लाम में बर्दाश्त नहीं किया जाता है. तो, हिजाब विवाद के सहारे अल-जवाहिरी ने मुस्लिमों के उस पर को उकसाने का जिम्मा उठाया है, जो 'तकबीर' के लिए समर्पित है. हिजाब गर्ल मुस्कान को तमाम उपमाएं देने वाले ये लोग भारत में ही रहने वाले हैं. हिजाब पहनने को न्यायोचित ठहराने वाले कौन हैं?
एक बार उन पर नजर डाल लीजिए. क्योंकि, उन तमाम लोगों में हिजाब बैन को लेकर भरा गुस्सा अब हलाल मीट बैन, मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने जैसी मांगों से बढ़ा ही होगा. और, अल-जवाहिरी का साफ निशाना ऐसे ही लोगों पर है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो भारत के उन तमाम कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों के जरिये अल-जवाहिरी देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है. वैसे, बताना जरूरी है कि मुर्तजा अब्बासी ने 2015 में IIT मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की थी. और, मुर्तजा की हालिया हरकत को देखकर कहना गलत नहीं होगा कि उसने अल-जवाहिरी की बात को काफी हद तक सही भी साबित किया है. क्योंकि, अल-जवाहिरी खुद भी एक सर्जन रहा है.
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