वक्त आ गया है पाकिस्तान पर अमेरिकी सर्जिकल स्ट्राइक का...
ट्रम्प की सरकार गंभीर नजर आ रही है. दो दिन में अमेरिका के राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री तीनों के अहम् बयान पाकिस्तान की आतंकी नीति के खिलाफ बहुत कुछ कह रहे हैं.
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हाफिज सईद, मसूद अज़हर, सैयद सलाउद्दीन, दाऊद और न जाने कितने खतरनाक और मोस्ट वांटेड आतंकवादी पाकिस्तान में पनाह लिए हुए हैं, और इन आतंकियों को पनाह देने वाली खुद पाकिस्तान सरकार हैं. पाकिस्तान की सरकार इनपर करवाई करने के बजाय इन्हें पालने-पोसने में लगी हुई हैं. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इनके दिन गिने-चुने ही रह गए हैं. अमेरिका ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दे दी है- या तो आतंकी संगठनों और आतंकवादियों पर करवाई करे, अन्यथा कड़े परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे. मई 2011 का महीना सबको याद होगा, जब कैसे अमेरिकी कंमांडो ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान की धरती में मारने में कामयाब हुए थे. और शायद इसी तरह का मंजर फिर देखने को मिले जब अमेरिका आतंकियों पर कठोर करवाई करने पर उतारू हो जाए.
आतंकवाद को पनाह देने के मुद्दे पर अमेरिका ने पाकिस्तान को साफ और कठोर चेतावनी देते हुए यह कहा है कि जहां भी आतंकवाद के गढ़ होंगे अमेरिकी सेना वहां पर घुसकर उसे तबाह कर देगी. आतंकवादी अड्डे अगर ध्वस्त होंगे तो आतंकवादी भी नहीं बचेंगें.
पाकिस्तान को दी चेतावनी
अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन इस बार निश्चित रूप से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेगा. अमेरिका का व्यक्तव्य ठीक ऐसे समय पर आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान को आगाह किया कि आतंकियों को शरणस्थली उपलब्ध करवाने के लिए पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. वहीं दूसरी और अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा कि- आतंकवाद को लेकर अपना रुख बदले पाकिस्तान. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ एक्शन नहीं लेगा तो उसे मिलने वाली अमेरिकी सहायता रोक दी जाएगी.
आपको बता दें कि अमेरिका पहले भी कई बार पाकिस्तान पर करवाई की बात करता रहा है लेकिन उसके खिलाफ कदम उठाने में अमेरिका पिछे हटता रहा है. अब समय बदला-बदला नजर आ रहा है, ट्रम्प की सरकार गंभीर नजर आ रही है. दो दिन में अमेरिका के राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री तीनों के अहम् बयान पाकिस्तान की आतंकी नीति के खिलाफ बहुत कुछ कह रहे हैं.
आतंक के खिलाफ अमेरिका हुआ सख्त
दो दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नई अफगान नीति का ऐलान किया था. उनकी इस नई नीति में पाकिस्तान पर कड़े अमेरिकी रुख का संकेत मिला. ट्रंप ने कड़े शब्दों में कहा था कि इससे पहले पाकिस्तान ने अमेरिकी मदद का भरपूर फायदा उठाया लेकिन अब उसे आतंकियों को पनाह देने की वजह से बहुत कुछ खोने का तैयार रहना होगा. हाल ही में अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल किया था. इससे पहले अमेरिका ने जून में इस संगठन के लीडर सैयद सलाहुद्दीन का नाम अंतरराष्ट्रीय आंतकवादियों की सूची में शामिल किया था.
ऐसा लग रहा हैं कि आतंक के खिलाफ इस लड़ाई में अब पाकिस्तान को अपनी प्रतिबद्धता साबित करनी होगी, अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा. पाकिस्तान के लिए मुश्किल यह है कि जहां पर आर्मी, आईएसआई और आतंकवादियों का गठजोड़ सत्ता से भारी हो वहां पर किसी कठोर आतंकी करवाई का होना असंभव प्रतीत होता है. भारत और अमेरिका के बीच आतंक को लेकर बढ़ती सहमति हाफिज सईद और मसूद अज़हर जैसे मोस्ट वांटेड आतंकवादियों के लिए उलटी गिनती से कम नहीं है.
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