अमित शाह, नाम ही काफी है - कहानी एलिसब्रिज सीट पर बीजेपी को मिली प्रचंड जीत पर!
गुजरात विधानसभा चुनावों के तहत भाजपा ने अहमदाबाद की एलिसब्रिज सीट से अमित शाह को टिकट दिया और कमाल हो गया. शाह ने अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है. एलिसब्रिज सीट से अमित शाह भाजपा के लिए 80.39 प्रतिशत वोट जुटाने में कामयाब हुए हैं.
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'What's in a name? That which we call a rose by any other name would smell just as sweet.' मशहूर प्लेराइट शेक्सपियर ने अगर ये कोटेशन दी तो ये यूं ही नहीं थी. मजबूत लॉजिक था उनके पास. शायद शेक्सपियर को इस बात की अनुभूति अपने समय में हो गयी थी कि 2022 में भारतीय राजनीति में अमित शाह न केवल मील के मट्ठर होंगे. बल्कि जिनका कद कुछ इस हद तक बुलंद होगा कि सिर्फ उनका नाम देखकर ही वोटों की बाढ़ आ जाएगी. जी हां बिलकुल सही सुना आपने. जैसा कि ज्ञात है गुजरात विधानसभा चुनावों के परिणाम आ गए हैं. तमाम उम्मीदवारों की तरह भाजपा ने अहमदाबाद की एलिसब्रिज सीट से अमित शाह को भी टिकट दिया फिर जो कमाल हुआ, शाह ने अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है. एलिसब्रिज सीट से अमित शाह भाजपा के लिए 80.39 प्रतिशत वोट जुटाने में कामयाब हुए हैं. इस सीट से शाह को 1,19,323 वोट मिले हैं जिनमें ईवीएम वोटों की संख्या 118803 और पोस्टल वोटों की संख्या 520 है. शाह का सीधा मुकाबला कांग्रेस के भीखूभाई हरगोविंदभाई दवे से था जिन्हें ईवीएम और पोस्टल वोट मिलाकर महज 14,527 वोट मिले.
भारतीय राजनीति के चाणक्य अमित शाह का नाम ही भाजपा के लिए वोट बटोरने के लिए काफी है
एलिसब्रिज सीट से इतिहास रचने वाले अमित शाह के बारे में सुनकर जो सबसे पहला ख्याल आया होगा वो ये कि क्या केंद्रीय गृहमंत्री पर भाजपा ने दांव खेला था? यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो ऐसा हरगिज नहीं है.ये अमित शाह वो वाले अमित शाह यानी केंद्रीय ग्रहमंत्री अमित शाह नहीं हैं. एलिसब्रिज विधानसभा सीट जीतने वाले भाजपा के उम्मीदवार अमित शाह का पूरा नाम अमितभाई पोपटलाल शाह हैं. बताया ये भी जा रहा है कि नए नए विधायक बने अमितभाई पोपटलाल शाह पूर्व में अहमदाबाद के मेयर भी रह चुके हैं.
जिक्र अमित शाह और अहमदाबाद की एलिसब्रिज सीट का हुआ है तो आगे कुछ और बात करने से पहले बताते चलें कि इस सीट का शुमार उन चुनिंदा सीटों में है जो हमेशा ही भाजपा के लिए फेवरेट रही है. शायद आपको जानकार हैरत हो 1995 से लेकर अब तक इस जीत पर भाजपा का कब्ज़ा है. इस सीट की एक दिलचस्प बात ये भी है कि चुनाव कोई भी हो जब भी इस सीट से भाजपा ने किसी को टिकट दिया है उसने रिकॉर्ड मत हासिल किये हैं.
भले ही अहमदाबाद की एलिसब्रिज सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार को हराकर अमितभाई पोपटलाल शाह या अमित शाह ने इतिहास रच दिया हो मगर भारतीय राजनीति में एक नाम के रूप में अमित शाह को कैसे हाथों हाथ लिया जाता है हम केंद्रीय गृहमंत्री के खुदके चुनाव से समझ सकते हैं. भारतीय राजनीति में चाणक्य के नाम से मशहूर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 2019 आम चुनाव में पहली बार गुजरात के गांधीनगर से चुनाव लड़ा और तमाम रिकॉर्ड अपने नाम किये.
ध्यान रहे कि तब भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे अमित शाह ने करीब 8.94 लाख वोटों से धमाकेदार जीत दर्ज की थी. शाह ने अपने चुनाव में कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार डॉ. सीजे चावड़ाको करारी शिकस्त दी थी जिन्हें करीब 3 लाख वोट मिले थे. आज भी यदि इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर नजर डाली जाए और आंकड़ों को देखा जाए तो मिलता है कि तब अमित शाह करीब 70 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब रहे थे.
बताया ये भी जाता है कि भाजपा के मजबूत किले के रूप में शुमार गांधीनगर सीट पर अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार लाल कृष्ण आडवाणी का रिकॉर्ड तोडा था. आडवाणी ने इस सीट पर 6 बार चुनाव जीता था.
बहरहाल चाहे केंद्रीय मंत्री अमित शाह हों या अहमदाबाद की एलिसब्रिज सीट को जीतने वाले अमितभाई पोपटलाल शाह दोनों ने नाम की महत्ता को बता दिया है. केंद्रीय मंत्री अपने चुनाव में जहां कुल वोटों का 70 प्रतिशत हासिल करने में कामयाब हुए थे तो वहीं साल 2022 के गुजरात विधानसभा चुनावों में 80 परसेंट से ऊपर वोट हासिल कर अमितभाई पोपटलाल शाह ने बता दिया कि अब भविष्य में कोई तीसरा अमित शाह हमारे सामने आए और 90 प्रतिशत या 100 प्रतिशत वोट हासिल कर ले तो हमें हैरत नहीं होनी चाहिए.
बाकी बात एलिसब्रिज सीट की हुई है तो जैसा माहौल इस सीट पर भाजपा ने तैयार किया है कल की तारीख में अगर भाजपा अमित शाह को फिर मौका दे और वो अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दें तो हमें हैरत इसलिए भी नहीं होनी चाहिए क्योंकि भाजपा कह सकती है कि ये सीट उनकी जागीर का हिस्सा है यहां 80 प्रतिशत, 90 प्रतिशत या फिर 100 प्रतिशत वैल्यू नहीं करता.
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