मालदा में अमित शाह ने हिंदुत्व का शंखनाद कर चुनाव का रुख मोड़ दिया है
ममता की रैली में एक तरफ जहां देश भर के नेता ममता की तारीफों और बंगाल के विकास के कसीदे पढ़ रहे थे वहीं मालदा में शाह ने शारदा, नारदा और रोज़वैली घोटालों की याद बंगाल की जनता को दिलाकर सियासी चर्चा ही बदल दी है.
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पश्चिचम बंगाल की दीदी ममता बनर्जी अभी अपनी मेगा रैली की खुशियां मना ही रही थीं कि मालदा में भाजपा की ‘शाही’ रैली ने उनके खेमे की बेचैनी बढ़ा दी है. शनिवार को ममता ने अपनी रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समय पूरा होने की बात कही तो मालदा में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रैली कर चुनावी शंखनाद के साथ ही राज्य से ममता सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कही.
ममता बनर्जी के अल्पसंख्यक प्रेम को ढ़ाल बनाकर शाह ने बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ और गायों की तस्करी के ज़रिए बंगाल के मन के ‘हिन्दुत्व’ वाले तारों को छेड़ने में कोई कसर नहीं रखी. शाह ने ममता सरकार पर सीधा वार करते हुए कहा कि अगर राज्य के लोग उन्हें मौका देते हैं तो वे बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ और गायों की तस्करी को पूरी तरह बंद कर देंगे.
उल्लेखनीय है कि पिछले पंचायत चुनावों, लोकसभा और विधानसभा सीटों पर उपचुनावों में भाजपा का वोट शेयर बढ़ता रहा है. राज्य में सांप्रदायिक झड़पों के बीच भाजपा अपना दायरा बढ़ाने में लगी हुई है और इसीलिए हिन्दू कार्ड खेल रही है. राज्य में करीब 28 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं जिन्हें ममता बनर्जी नाराज़ नहीं करना चाहतीं. वहीं भाजपा इसी को मुद्दा बनाकर भुनाने की कोशिश कर रही है.
मालदा की रैली में अमित शाह ने राज्य से ममता सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कही
असम में एनआरसी (नेशनल रेजिस्टर ऑफ सिटिज़न) लाकर पहले ही भाजपा बांग्लादेशी घुसपैठियों पर अपनी नीति साफ कर दी है, जिसकी ख़िलाफत ममता पहले ही कर चुकी हैं. शाह ने मालदा की रैली में पश्चिम बंगाल में एनआरसी जारी करने की बात कही जिससे साफ होता है कि भाजपा हिन्दुओं के वोट के जरिए बंगाल में आगे बढ़ने की तैयारी में है.
हालांकि भाजपा के हिन्दू कार्ड से कहीं न कहीं तृणमूल कांग्रेस को भी फायदा हो रहा है. क्योंकि इससे राज्य में मौजूद करीब 28 प्रतिशत अल्पसंख्यक कांग्रेस और लेफ्ट को छोड़कर और मज़बूती से तृणमूल के खेमे में आ रहे हैं.
भाजपा की बढ़त से बौखलाई ममता बनर्जी को ये समझ आ गया है कि हिन्दू वोट के बिना उनकी ज़मीन भी कमज़ोर हो जायेगी और भाजपा इसके जरिए उनका किला ढ़हा सकती है. इसी कारण हमेशा पोस्टरों में हाथ उठाये दिखने वाली दीदी के पार्टी पोस्टरों में श्री राम का नाम भी आने लगा है.
शाह ने ममता सरकार को कोसते हुए कहा कि ममता ने बंगाल को कंगाल बना दिया है और यहां रहने वाला हर पांचवां व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे रहता है. शाह ने कहा कि 35 साल की वाम सरकार को लोगों ने परिवर्तन के नाम पर उखाड़ फेंका लेकिन राज्य की हालत सुधरी नहीं. शाह ने रैली में ममता सरकार को उखाड़ फेंकने के नारे भी लगवाये.
अमित शाह ने ममता सरकार को कोसते हुए कहा कि ममता ने बंगाल को कंगाल बना दिया है
ममता की रैली में एक तरफ जहां देश भर के नेता ममता की तारीफों और बंगाल के विकास के कसीदे पढ़ रहे थे वहीं मालदा में शाह ने शारदा, नारदा और रोज़वैली घोटालों की याद बंगाल की जनता को दिलायी. बंगाल की संस्कृति की दुहायी देते हुए शाह ने सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को भी याद किया.
भाजपा की रथयात्रा पर अंकुश लगाकर शाह को पश्चिम बंगाल में ‘विरथ’ करने वाली ममता सरकार में खलबली कुछ ऐसी थी कि शाह के चॉपर को मालदा के हेलीपैड पर उतरने तक की अनुमति नहीं दी गयी.
विगत शनिवार को ममता बनर्जी ने महागठबंधन के भानुमति के कुनबे को एकजुट कर एक मंच पर 23 नेताओं को जुटाकर ये साबित कर दिया है कि भाजपा के लिए पश्चिम बंगाल ही नहीं दिल्ली की राह भी मुश्किल है. इस रैली के जरिए ममता ने न सिर्फ महागठबंधन की नींव को मज़बूत किया बल्कि ये भी दिखा दिया कि नेतृत्व करने की क्षमता उनके अंदर खूब है. इस मेगा रैली ने राज्य से लेकर दिल्ली तक भाजपा नेताओं की बेचैनी बढ़ा ही है.
राज्य में पहले ही रथयात्रा को लेकर मुंह की खा चुकी भाजपा ने इस रैली के ज़रिए तृणमूल कांग्रेस को जवाब देने की कोशिश की है.
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