Amphan तूफान में भी प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक कश्ती खूब चली
अम्फान तूफान (Amphan Cyclone) से हुआ नुकसान का जायजा लेने गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) तारीफ करते हुए राजनीतिक भेदभाव न होने देने का भरोसा तो दिलाया है - लेकिन, साथ ही, बड़े करीने से पश्चिम बंगाल में फिर से 'परिवर्तन' का नारा दे आये हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अम्फान (Amphan Cyclone) प्रभावित पश्चिम बंगाल और ओडिशा का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही आर्थिक मदद की भी घोषणा की है. 1000 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल के लिए और 500 करोड़ रुपये ओडिशा के लिए. हवाई दौरे में बारी बारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ थे. नवीन पटनायक तो नहीं लेकिन ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने मदद को लेकर ममता बनर्जी ने दबी जबान में ही सही नाराजगी जतायी है, लेकिन साथ में ये भी कहा कि ये वक्त मिल जुल कर काम करने का है.
प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल को आर्थिक मदद के साथ साथ ममता बनर्जी की तारीफ भी की है, लेकिन बड़े ही सोफियाने अंदाज में 'परिवर्तन' का मैसेज भी दे दिया. समझने वाली बात ये है कि परिवर्तन के नारे के साथ ही ममता बनर्जी ने लेफ्ट शासन को किनारे कर सत्ता पर कब्जा जमाया था - और एक अरसे से बीजेपी नेता अमित शाह ममता बनर्जी का ही नारा अपनी धुन में गुनगुनाते रहे हैं.
मोदी ने की ममता की तारीफ
बशीरहाट में ममता बनर्जी की मौजूदगी में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल सरकार के प्रयासों की तारीफ भी की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी कोरोना वायरस और अम्पान तूफान से एक साथ दो अलग अलग लड़ाइयां लड़ रही हैं - और भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार का सपोर्ट भी कदम कदम पर मिलेगा.
Despite these contradictions, West Bengal is fighting well.
We are all with West Bengal in these adverse times: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) May 22, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 1000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि अम्फान तूफान के कारण पश्चिम बंगाल का तो एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. कोरोना से जंग के लिए प्रधानमंत्री मोदी के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को भी ममता बनर्जी ने जीरो पैकेज बताया था - और विपक्षी दलों की बैठक में सोनिया गांधी ने उसे देश के साथ क्रूर मजाक बताया है. प्रधानमंत्री से मुलाकात को बाद ममता बनर्जी विपक्ष की बैठक में भी शामिल हुईं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातों बातों में ही ममता बनर्जी को 'परिवर्तन' का टेंशन दे दिया!
प्रधानमंत्री मोदी के इमरजेंसी फंड से 1000 करोड़ रुपये की मदद को लेकर भी ममता बनर्जी के मन में सवाल रहा - वो रकम एडवांस होगी या पैकेज? बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से बताया गया कि ये एडवांस होगा.
Rs. 1000 crore advance assurance will be given to West Bengal.
Rs. 2 lakh would be given to the next of kin of the persons deceased and Rs 50,000 each to the persons who got seriously injured due to the cyclone in parts of West Bengal: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) May 22, 2020
ममता बनर्जी ने मीडिया को ये भी बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को बताया था कि फूड सब्सिडी, सोशल स्कीम्स और केंद्रीय योजनाओं के लिए 53 हजार करोड़ रुपये चाहिये - 'आप हमें पैसे देने की कोशिश कीजिये ताकि हम इस संकट में काम कर सकें.'
मई महीने की ही बात है, ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्रियों की मीटिंग में शिकायत की थी कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के साथ राजनीति कर रही है. ये शिकायत वैसे तो अमित शाह को लेकर थी, लेकिन केंद्र सरकार की मुखिया तो मोदी ही हैं. कोरोना संकट की दुहाई देते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि ऐसे नाजुक मौके पर राजनीति नहीं होनी चाहिये. प्रधानमंत्री मोदी ने ममता बनर्जी की तारीफ कर इस बात के लिए तो आश्वस्त कर दिया कि भेदभाव की राजनीति नहीं होगी, लेकिन पश्चिम बंगाल की धरती से ही एक मैसेज ऐसा भी छोड़ दिया कि विचारधारा की राजनीति तो होती ही रहेगी.
राजनीति नहीं, लेकिन 'परिवर्तन' जरूरी है
22 मई को महान समाज सुधारक राजा राम मोहन रॉय की जयंती होती है - और संयोग से प्रधानमंत्री का दौरा भी इसी खास मौके पर हो रहा था. प्रधानमंत्री मोदी ने ये तो बताया ही कि इस बेहद खास मौके पर बंगाल की धरती पर मौजूदगी कितना मायने रखती है और कितने गर्व की बात है - लगे हाथ ये भी समझाने की कोशिश की कि राजा राम मोहन रॉय का सपना अभी पूरा नहीं हुआ है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं इतना ही कहूंगा कि राजा राममोहन राय जी हम सबको आशीर्वाद दें ताकि समयानुकूल समाज परिवर्तन के जो उनके सपने थे, उनको पूरा करने के लिए हम मिल बैठ करके... एक उज्ज्वल भविष्य के लिए... भावी पीढ़ी के निर्माण के लिए समाज सुधार के अपने कामों को निरंतर जारी रखेंगे - यही राजा राममोहन राय जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.' कहने की जरूरत नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी के मुंह से परिवर्तन का जिक्र सुनने के बाद ममता बनर्जी को उनकी तारीफ भी तंज ही लग रही होगी. ममता बनर्जी मानती हैं कि 'मां, माटी और मानुष' की तरह ही परिवर्तन के नारे पर भी उनका ही पेटेंट है. दरअसल, परिवर्तन के नारे के साथ ही ममता बनर्जी ने बरसों पुरानी वाम मोर्चे की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था - और कई चुनावों से देखने को मिल रहा है कि बीजेपी अब ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ ही परिवर्तन का नारा देने लगी है. पहले तो नहीं लेकिन 2019 के आम चुनाव में परिवर्तन के नारे का असर भी दिखायी दिया है - और यही बीजेपी के लिए आगे की उम्मीद बढ़ाती है और ममता बनर्जी की टेंशन.
राज राम मोहन रॉय के बहाने प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल की धरती पर अपनी मौजूदगी को बंगाल के लोगों के साथ सीधे कनेक्ट करने की कोशिश की है. ऐसा करके प्रधानमंत्री मोदी वही भाव प्रकट करने का प्रयास कर रहे हैं जब वो कहते हैं - 'हूं छू गुजरात'. ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजराती अस्मिता के साथ जुड़ा और गौरव महसूस करने के एहसासों का प्रकटीकरण है और राजा राम मोहन रॉय की जयंती पर बंगाल से जुड़ाव का भाव व्यक्त करने का अपना खास अंदाज भी और तरीका भी है.
ममता बनर्जी की तारीफ कर मोदी ने बंगाल के लोगों को यही समझाने की कोशिश की है कि केंद्र सरकार पर भेदभाव के आरोप भी राजनीतिक है, लेकिन वो खुद भरोसा दिलाना चाहते हैं कि ऐसा नहीं होने वाला है. बंगाल के लोगों को मोदी ये भी समझाना चाहते हैं कि वो ऐसे भेदभाव में तो यकीन नहीं रखते जैसा ममता बनर्जी का आरोप है, लेकिन विचारधारा के स्तर पर वो राजनीतिक एक्टिविज्म के पक्षधर हैं - और राजा राम मोहन रॉय के सामाजिक परिवर्तन के सपनों को पूरा करने का राजनीतिक बीड़ा वो जरूर उठा रखे हैं - क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी के हिसाब से ममता बनर्जी के परिवर्तन का नारा अभी तक राजा राम मोहन रॉय के सपनों को पूरा नहीं कर सका है.
पश्चिम बंगाल ने अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और ममता बनर्जी का हर कदम, ममता बनर्जी की हर बात चुनावों को ध्यान रख कर ही होती है - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तरीके से उन्हीं कदमों और बातों को फिर से परिवर्तन की तरफ बढ़ाने का संदेश दिया है.
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