अमूल्या की निंदा कर रहे उसके माता-पिता भी 'बेगुनाह' नहीं हैं
बेंगलुरु (Bengaluru) में असदउद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की तरफ से आयोजित एंटी सीएए रैली (Anti CAA Rally) में सारी लाइम लाइट बटोरने वाली अमूल्या लियोना (Amulya Leona) का मामला भी खासा दिलचस्प है आज भले ही उनके पिता ने अपने को उनसे अलग कर लिया हो मगर अमूल्या के ऐसा होने के सबसे बड़े जिम्मेदार वो खुद हैं.
-
Total Shares
एक ऐसे वक़्त में जब एंटी सीएए प्रोटेस्ट (Anti CAA Protest) के नाम पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) और शाहीनबाग (Shaheenbagh) लोगों की जुबान पर हों बेंगलुरु में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के वीरोध में रैली की. ओवैसी को लगा वो इस रैली के माध्यम से सुर्खियां बटोरने में कामयाब होंगे, लेकिन दांव उल्टा पड़ गया. चिकमंगलूर की अमूल्या लियोना (Amulya Leona) ने पाकिस्तान जिंदाबाद (Pakistan Zindabad) के नारे लगाकर महफ़िल लूट ली और तमाम तरह के विवादों को जन्म दे दिया है. सवाल ओवैसी से पूछे जा रहे हैं जिनपर वो कन्नी काटते और बचते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं इस हरकत के बाद प्रशासन भी हरकत में आया और आनन फानन में पाकिस्तान समर्थित नारा लगाकर सियासी घमासान मचाने वाली लड़की अमूल्या लियोना के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. अमूल्या की अब कोर्ट में पेशी होगी और अदालत ही ये फैसला करेगी कि पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही छात्रा अमूल्या लियोना को क्या सजा देनी है. मामला सामने आने के बाद अब अमूल्या की कुंडली छानी जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि पड़ोसी मुल्क के जिंदाबाद के नारे लगाने के पीछे इसका क्या मकसद था.
मंच पर अमूल्या द्वारा लगाए गए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारों ने खुद ओवैसी तक को सकते में डाल दिया
मामले के बाद भारतीय जनता पार्टी अमूल्या लियोना और असदुद्दीन ओवैसी दोनों पर हमलावर है. बीजेपी मीडिया सेल के प्रभारी अमित मालवीय (Amit Malviya) ने घटना के फ़ौरन बाद ही अमूल्या लियोना ( Amulya Leona) का एक वीडियो ट्वीट किया और आशंका जाहिर की है कि जो दिख रहा है उसके पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं?
In this dated video, the girl who raised ‘Pakistan zindabad’ slogans at Asaduddin Owaisi’s ‘anti-CAA’ rally, explains that she may be the face but there is a big ‘lobby’ of senior activists and advisors, who advise her on what to speak...
The rot is deeper than what is visible! pic.twitter.com/qOD8Wkg3Rw
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 20, 2020
वहीं अब बातें ये भी हो रही हैं कि बेंगलुरु में आयोजित असदुद्दीन ओवैसी की एंटी सीएए रैली में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली लड़की अमूल्या लियोना का संबंध नक्सलियों से है. दावा खुद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का है जिन्होंने घटना के बाद कहा है कि यह समाज में शांति और सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश है. जांच ऐसे लोगों की भी होनी चाहिए, जो इनको प्रोत्साहित करते हैं. अमूल्या का नक्सलियों से भी संबंध था. सजा तो होनी ही चाहिए.
Karnataka CM BS Yediyurappa: Bail should not be given to Amulya (who raised 'Pakistan zindabad' slogan at anti-CAA rally in Bengaluru, yesterday), her father has also said he won't protect her. Its proved now that she had contacts with Naxals. Proper punishment should be given pic.twitter.com/db1krGKXCW
— ANI (@ANI) February 21, 2020
घटना के बाद अमूल्या के परिजन भी सुर्ख़ियों में आ गए हैं. अमूल्या के विरोध में खुद उनके पिता सामने आए हैं. अमूल्या के पिता ने पाकिस्तान परस्त नारा लगाने के कारण उसके हाथ पैर तोड़ने की बात की है साथ ही ये भी कहा है कि वो किसी भी हाल में अपनी बेटी की जमानत के लिए सामने नहीं आएंगे. साथ ही लड़की के पिता ने ये भी कहा कि मैं उसका बचाव नहीं करूंगा. उन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए जो अमूल्य जैसे लोगों के पीछे हैं. अगर कार्रवाई नहीं हुई तो यह सब खत्म नहीं होगा.'
यही कहानी का ट्विस्ट है. अमुल्या और अमूल्या के पिता की बातों में गहरा विरोधाभास है. सवाल होगा कैसे ? तो जवाब है वो वीडियो जिसका एक हिस्सा अमित मालवीय ने ट्वीट किया है. सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल रहे अमूल्या के उस इंटरव्यू जो उसने आप की आवाज नाम के यूट्यूब चैनल को 21 जनवरी 2020 को दिया था.
6 मिनट 6 सेकंड के इस इंटरव्यू में अगर गौर किया जाए तो तमाम सवालों के जवाब खुद अमूल्या ने दिए हैं और बताया है कि उनकी इस क्रांति के पीछे की वजह उनके परिवार वाले विशेषकर उनके पिता हैं. वो सिर्फ एक चेहरा हैं. दिशा निर्देश उन्हें पिता के अलावा संगठन के और लोगों से मिलता है और वो उसे अमली जामा पहनाती हैं. इंटरव्यू में खुद अमूल्या ने इस बात को स्वीकारा है कि उनके पिता भी एक्टिविस्ट हैं और वो ग्रासरूट पर काम करते हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि जब चिकमंगलूर या आसपास में कोई कार्यक्रम होता था तो उनका घर ही एक्टिविस्ट के लिए हब होता था और ये लोग वहीं रुकते थे.
अपने इंटरव्यू में अमूल्य ने ये भी बताया था कि वो जो भी कर रही हैं अकेले नहीं कर रही हैं. वो इसका एक चेहरा भर हैं. इन सब के पीछे बहुत सारे लोग जैसे उनके माता पिता, सुझाव समितियां हैं यही लोग बताते हैं कि इन्हें कहां जाना है. क्या करना है किस तरह का भाषण देना है.
इतनी बातों के बाद ये खुद ब खुद साफ़ हो गया है कि अगर आज अमूल्या के रूप में क्रांति का पेड़ तैयार हुआ है तो इसके बीज खुद उनके माता पिता ने डाले थे. अगर आज अमूल्या पाकिस्तान परस्त हो गई हैं तो हम इसके लिए उन्हें अकेले जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते. दोषी मां आप भी है और उन्हें भी बराबर की सजा मिलनी चाहिए.
बाकी बात अमूल्या के पिता के पाकिस्तान जिंदाबाद के नारों पर दर्ज की गई आपत्ति पर भी हुई है तो बता दें कि ये उनका वो पैंतरा है जिसका इस्तेमाल वो खुद को बचाने के लिए कर रहे हैं. अमूल्या के पिता इस बात को जानते हैं कि जो बात उनकी बेटी ने की है वो एक गंभीर बात है और फिलहाल फायदा इसी में ही है कि वो अपने आप को अपनी बेटी द्वारा दी गई स्पीच से अलग कर लें.
ये भी पढ़ें -
RSS की नजर में BJP के लिए Kejriwal सबसे बड़ा खतरा यूं ही नहीं हैं
प्रशांत किशोर आज 'गांधी' के साथ हैं तो 2014 में किसके साथ थे?
Jamia Library CCTV video: मुंह पर कपड़ा, हाथ में पत्थर लेकर किताब पढ़ने वाले कौन थे?
आपकी राय