2019 लोकसभा चुनाव से पहले भारत को मिल गया एक और गौ-प्रेमी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अब शहर-शहर जाकर गौशालाओं का जायजा ले रहे हैं और गाय की पूजा भी कर रहे हैं. साथ ही, भाजपा द्वारा कैसे गायों का तिरस्कार किया जा रहा है इसका सबूत भी दे रहे हैं.
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ये बात तो शायद कोई बच्चा भी आंख बंद कर कह सकता है कि मोदी राज में गायों की बड़ी इज्जत है. वैसे भी भारत में गाय को मां का दर्जा मिला हुआ है तो यकीनन गाय की इज्जत तो करनी बनती है. आलम ये है कि अब तो यूपी में 0.5% का Cow Cess भी लगने की घोषणा हो गई है. गऊ माता की उत्तर भारत में खास जगह है और अगर कोई उन्हें जबरदस्ती ट्रक में चढ़ाने की कोशिश करता है या फिर रास्ते में टक्कर मार देता है तो समझिए कि वो जान से गया. पर ये कद्र सिर्फ और सिर्फ ट्रकों में चढ़ी हुई गायों के लिए ही है. रास्ते में घूमती हुई गायों को सरकारी स्कूलों में जगह दे दी जाती है. लेकिन उन गायों का क्या जो पहले से ही मौजूद सरकारी और गैर-सरकारी गौशालाओं में गायों की हालत ऐसी है कि उन्हें खाने को चारा तक ठीक से नसीब नहीं हो रहा.
ये मैं नहीं कह रही. ये कह रहे हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. अब इसे पॉलिटिकल स्टंट कह लीजिए या फिर असल मायने में गऊ माता की चिंता, लेकिन आम आदमी पार्टी का ये सुपर लीडर हरियाणा की सबसे बड़ी गौशाला में अचानक निरीक्षण के लिए पहुंच गया. निरीक्षण के बाद केजरीवाल साहब ने ये कह डाला कि गाय के नाम पर वोट मांगना 'पाप' है अगर गाय को ठीक से चारा भी नहीं खिलाया जा सकता है. अरविंद केजरीवाल ने सोनिपत के सैदपुर गांव की एक गौशाला का निरीक्षण किया था.
गौशाला में गाय की पूजा करते अरविंद केजरीवाल
चुनाव के पहले केजरीवाल का गौ-प्रेमी रूप
अरविंद केजरीवाल जहां पिछले शुक्रवार को दिल्ली, बवाना स्थित गौशाला पहुंचे थे वहीं वो 13 जनवरी को सोनिपत के सैदपुर गांव की अठगामा गौशाला गए, अब 14 जनवरी को रोहतक के गांव मोखरा की श्रीकृष्ण गौशाला समिति और मंगलवार 15 जनवरी को हिसार की श्री गौशाला का दौरा करने जाएंगे केजरीवाल.
सोनिपत के दौरे में केजरीवाल जी ने ग्रामसभा को भी संबोधित किया और कहा कि गाय के नाम पर वोट मांगना गलत है. उन्होंने ये भी कहा कि देश की सबसे अच्छी गौशाला बवाना में हैं. जिसे दिल्ली सरकार चला रही है.
आरोप-प्रत्यारोप गौशाला में भी जारी
अरविंद केजरीवाल ने वहां भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रखा. उन्होंने सोनिपत में भी कह दिया कि भाजपा द्वारा प्रशासित दिल्ली मुनसिपल कॉर्पोरेशन असल में गाय के चारे के लिए पैसे नहीं दे रही है. फंड अटके पड़े हैं रिलीज नहीं हो रहे.
केजरीवाल के अनुसार, 'दिल्ली में MCD को हर दिन 20 रुपए और दिल्ली सरकार को हर दिन 5 रुपए गाय के चारे के लिए देने होते हैं. पर दिल्ली सरकार ने 5 रुपए से बढ़ाकर ये 20 रुपए कर दिया ताकि गायों को चारा मिल सके. अब जब दिल्ली सरकार पैसे दे रही है तो MCD ने चारे के लिए पैसे भी रिलीज नहीं किए. ये पिछले तीन सालों से चल रहा है.'
साथ ही, उन्होंने मनोहरलाल खट्टर सरकार पर भी इल्जाम लगाया कि सरकार सिर्फ 140 रुपए प्रति गाय सालाना फंड रिलीज कर रही है. ये 1 गाय के लिए 40 पैसे प्रति दिन से भी कम है. केजरीवाल जी का सीधा सा कहना ये था कि अगर गाय के नाम पर वोट मांग रहे हैं तो गाय के लिए चारे का भी इंतजाम करना चाहिए.
अरविंद केजरीवाल की गौशाला यात्रा उसी तरह से लग रही है जैसे राहुल गांधी का टेम्पल रन था. 2019 इलेक्शन में एक बात जो उभर कर आई है वो ये कि इस समय लगभग हर पार्टी भाजपा की नीतियां अपना रही हैं और अपने आप को कट्टर हिंदू समर्थक साबित करने में लगी हुई हैं.
जहां कांग्रेस और आप जैसी पार्टियों के लिए कभी भी हिंदुत्व का नारा जरूरी नहीं था वहीं अब इन दोनों ही पार्टियों को गाय और मंदिर याद आ रहे हैं. एक तरफ ये कहना की भाजपा गलत कर रही है और दूसरी तरफ वही नीति अपनाना जिसमें विकास कहीं नहीं है सिर्फ और सिर्फ हिंदुत्व को साधने का प्रयास किया जा रहा है वो बेहद गलत है.
अगर हर पार्टी सिर्फ इन्हीं कामों को लेकर चुनाव लड़ेगी और चुनावों के बाद सिर्फ धार्मिक कामों में ही ध्यान लगाएगी तो विकास कब होगा? पता नहीं कब, पर कम से कम 2019 चुनावों से पहले भारत को एक और गौ-प्रेमी मिल गया है.
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