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Updated: 05 अप्रिल, 2022 05:36 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने जनता से कई लोकलुभावन वादे किए थे. जिन्हें अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की 'गारंटी' के तौर पर प्रचारित किया था. इन गारंटियों में दो सबसे बड़े वादे थे, पहला हर परिवार को 300 यूनिट फ्री बिजली और दूसरा 18 साल से ऊपर की हर महिला को हर महीने 1000 रुपये की आर्थिक सहायता. 300 यूनिट फ्री बिजली को लेकर अरविंद केजरीवाल ने तो यहां तक कह दिया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद 'पहली कलम' से इस वादे को पूरा कर दिया जाएगा. पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की ओर से घोषित की गई इन मुफ्त योजनाओं यानी Freebies के लिए अरविंद केजरीवाल ने बाकायदा एक रोडमैप भी दिया था.

अरविंद केजरीवाल ने एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए पूरा गुणा-गणित बताया था कि पंजाब पर लदे करीब 3 लाख करोड़ के कर्ज के बावजूद वह कैसे इन योजनाओं को पूरा करेंगे. वैसे, आम आदमी पार्टी ने इन लोकलुभावन वादों के दम पर पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करते हुए 117 में से 92 सीटें हासिल भी कर लीं. और, मुख्यमंत्री के तौर पर भगवंत मान ने शपथ भी ले ली है. लेकिन, अब आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान के लिए इन वादों को पूरा करना चुनौती बनता नजर आ रहा है. आइए नजर डालते हैं अरविंद केजरीवाल के उस इंटरव्यू पर, जिसमें उन्होंने इन मुफ्त योजनाओं को पूरा करने का रोडमैप दिया था.

Arvind Kejriwal Punjab Poll Promisesकेजरीवाल ने बताया था कि कर्ज के बावजूद कैसे इन मुफ्त योजनाओं का पूरा किया जाएगा.

पंजाब चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल का 'रोडमैप'

पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान एक न्यूज चैनल से बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने अपने दावों को हवा-हवाई नहीं होने के कारण बताए थे. केजरीवाल ने कहा था कि 'चुनाव में वादे करने से पहले होमवर्क करके जाता हूं. पैसा कहां से आएगा, कैसे करेंगे, इसका एडमिनिस्ट्रेटिव स्ट्रक्चर क्या होगा. सारी तैयारियां करने के बाद मैं फिर जाकर कहता हूं कि महिलाओं को 1000-1000 रुपये देंगे.' केजरीवाल ने पैसा कहां से आएगा के सवाल पर कहा था कि 'पंजाब में अगर सरकार एक ठेका देती है, तो उसमें कितने पर्सेंट करप्शन होता है. जनता से पूछता हूं, तो कोई कहता है 40 पर्सेंट-50 पर्सेंट. मैं कह रहा हूं कि मोटा-मोटा 20 पर्सेंट मान लेते हैं. 1.70 हजार करोड़ का बजट है. तो, 34 हजार करोड़ सीधे भ्रष्टाचार में चला गया.' 

अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि 'अगर हमने भ्रष्टाचार खत्म कर दिया, जैसे दिल्ली में किया है. तो, 34 हजार करोड़ यहीं से आ गया. मैंने हिसाब लगाया है कि 20 हजार करोड़ रेत की चोरी बंद करने से आएगा. तो, 20 हजार करोड़ का रेवेन्यू रेत के अवैध खनन को रोकने से आ जाएगा. तो, 54 हजार करोड़ का इंतजाम तो मैं आज भी करके बैठा हूं. अभी तक मैंने जितनी घोषणाएं की हैं. उनमें बिजली की घोषणा और महिलाओं को 1000-1000 रुपये की घोषणा है, जिसे Freebies कहा जा रहा है. महिला वाली योजना में 10 हजार करोड़ का खर्चा आएगा और बिजली वाले में 2500 से 3000 करोड़ का खर्चा आएगा. तो, 12-12.5 करोड़ की मैंने घोषणा की है. और, 54 हजार करोड़ अभी एक्सट्रा कहां से आएगा. ये आपको बता दिया.' उन्होंने ये भी दावा किया था कि 'तीन लाख करोड़ का कर्जा खत्म करेंगे. और, पंजाब के पूरे बजट को पॉजिटिव लाएंगे.' 

पंजाब चुनाव बाद मुफ्त योजनाओं को पूरा करने का 'रोडमैप'

पंजाब चुनाव के बाद शपथ लेने के बाद सीएम भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की थी. भगवंत मान ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद पंजाब की बदहाल आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए 2 साल के लिए हर साल 50 हजार करोड़ के पैकेज की मांग की थी. वहीं, हाल ही में एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में जब अरविंद केजरीवाल से भगवंत मान द्वारा केंद्र सरकार से 50 हजार करोड़ के पैकेज की मांग को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि 'जनता से किया एक-एक वादा पूरा करेंगे, चाहे कहीं से भी पैसा लाएं. अगर वादा ना पूरा करें तो अगली बार वोट मत देना.' केजरीवाल ने कहा कि 'देश में पैसे की कोई कमी नहीं है. केंद्र का पैसा भी जनता के टैक्स का पैसा है. केंद्र का पैसा किसी के पिताजी का पैसा नहीं है. दिल्ली वाले 1.80 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स देते हैं. ये दिल्ली वालों का पैसा है.' 

वैसे, पंजाब राज्य बिजली नियामक आयोग की ओर से 2022-23 के लिए जारी किए गए टैरिफ प्लान को देख कर कहा जा सकता है कि फिलहाल पंजाब के हर परिवार को 300 यूनिट फ्री बिजली के लिए थोड़ा लंबा इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि, बिजली के टैरिफ में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि, लोगों को लग रहा था कि 'पहली कलम' से आम आदमी पार्टी अपने फ्री बिजली के वादे को पूरा करेगी. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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