ओवैसी और पर्सनल लॉ बोर्ड की कृपा से राम मंदिर-बाबरी मस्जिद का मुद्दा खत्म नहीं होने वाला
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) द्वारा अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Temple) के भूमि पूजन (Bhumi Pujan) में जैसा अड़ंगा असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने लगाया है साफ़ हो जाता है कि अपने राजनीतिक हितों के लिए ये लोग कभी भी राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मुद्दे की कहानी को ख़त्म नहीं होने देंगे.
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घर में कोई शुभ कार्य हो और फूफा जी/ जीजा जी अड़ंगा न लगाएं संभव नहीं. प्रायः ये अटेंशन पाने के लिए होता है वहीं जो काम हो रहा होता है वो अपनी निर्धारित गति से हो जाता है. ये हर घर की हर परिवार की कहानी है. सवाल होगा कि किसी शुभ कार्य में फूफा/जीजा की भूमिका का वर्णन क्यों किया गया है? जवाब है अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर (Ram Temple) के लिए पीएम मोदी (PM Modi) द्वारा किया गया भूमि पूजन जिसमें अड़ंगा लगाने वाले और मजा किरकिरा करने वालों की लिस्ट में दो नाम, असदुद्दीन ओवैसी ((Asaduddin Owaisi) और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) सबसे ऊपर हैं. दोनों ही भूमि पूजन से बहुत ज्यादा आहत हैं और जैसे ट्वीट दोनों ने किए हैं साफ हो जाता है कि ये लोग शायद ही कभी बाबरी की कहानी खत्म होने दें.
ध्यान रहे कि जैसे ही ये खबर आई कि पीएम मोदी भव्य राम मंदिर के लिए भूमि पूजन करने वाले हैं वो तमाम लोग जो केंद्र सरकार और पीएम मोदी के आलोचक थे अलग अलग चीजों का बहाना बनाकर पीएम मोदी की आलोचना के लिए मैदान में कूद पड़े और ऐसा बहुत कुछ कह दिया जिससे मुश्किलें बढ़ गईं हैं और वो खाई जो बीते कुछ दिनों में दोनों समुदाय के बीच फैली थी कहीं न कहीं वो और बढ़ी है.
राममंदिर पर ओवैसी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बेवजह का अड़ंगा लगा रहे हैं
बात की शुरुआत असदउद्दीन से. पीएम मोदी के भूमि पूजन से पहले ही ट्विटर पर बाबरी ज़िंदा है का हैशटैग चला और इसी हैश टैग को ओवैसी ने अपना हथियार बनाते हुए बाबरी मस्जिद की पुरानी तस्वीरें पोस्ट की और लिखा कि बाबरी मस्जिद थी है और रहेगी इंशाअल्लाह.
#BabriMasjid thi, hai aur rahegi inshallah #BabriZindaHai pic.twitter.com/RIhWyUjcYT
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 5, 2020
ओवैसी इतने पर थम जाते तो भी ठीक था मगर वो नहीं रुके आगे उन्होंने कई और ट्वीट किए और जमकर इस मुद्दे पर अपनी भड़ास निकाली. ओवैसी ने अपनी पार्टी के पेज से एकल वीडियो शेयर किया है. इंटरनेट पर वायरल हो रहे इस वीडियो में जैसा लहजा ओवैसी का है साफ़ है कि वो अपनी बातों से तुष्टिकरण का काम कर रहे हैं और देश की शांति और अखंडता को प्रभावित कर रहे हैं.
आज का दिन हिंदुत्व की जीत का दिन है और secularism की शिकस्त का दिन है। @PMOIndia ने आज अयोध्या में चांदी का पत्थर रख कर वहां हिन्दू राष्ट्र की बुनियाद रखी। - Barrister @asadowaisi #BabriZindaHai #BabriMasjid https://t.co/UQuR8M2Dmh
— AIMIM (@aimim_national) August 5, 2020
अपने इस वीडियो में ओवैसी ये कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि आज का दिन हिंदुत्व की जीत का दिन है और secularism की शिकस्त का दिन है. @PMOIndia ने आज अयोध्या में चांदी का पत्थर रख कर वहां हिन्दू राष्ट्र की बुनियाद रखी.
मामले के मद्देनजर ओवैसी ने कई न्यूज़ चैनल्स से भी अपनी बातें साझा की हैं और बातों में उनका दर्द साफ़ झलक रहा है.
AIMIM के अध्यक्ष @asadowaisi ने राम मंदिर के भूमिपूजन में पीएम मोदी के शामिल होने पर सवाल उठाए....बीजेपी नेता @SudhanshuTrived ने कहा कि राम संविधान के अधिकारों के प्रेरणास्रोत हैं #हल्ला_बोल @anjanaomkashyapलाइव: https://t.co/fOz5QPkk43 pic.twitter.com/YtWFvgOjc5
— AajTak (@aajtak) August 5, 2020
ये तो हो गयी एक नेता के रूप में असदउद्दीन ओवैसी की बात अब रुख करते हैं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का. तुष्टिकरण के इस खेल में बोर्ड ओवैसी से भी दो हाथ आगे निकला है. मामले के मद्देनजर जिस तरह का रोष बोर्ड दिखा रहा है महसूस हो रहा है कि जैसे किसी ने उसकी जागीर छीन ली है.
इंटरनेट पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का एक बयान खूब सुर्खियां बटोर रहा है. यदि बोर्ड के इस बयान का अवलोकन किया जाए तो उनका रोष साफ़ झलकता नजर आ रहा है. बोर्ड ने इस पूरे मामले को राजनीति करार देते हुए ट्वीट किया है कि बाबरी मस्जिद एक मस्जिद थी जो हमेशा रहेगी। इसके बाद बोर्ड ने HagiaSophia का उदाहरण दिया है और कहा है कि अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण के आधार पर भूमि का पुनर्निर्धारण निर्णय इसे बदल नहीं सकता है. दिल दुखाने की जरूरत नहीं है. हालात हमेशा एक जैसे नहीं रहते.
#BabriMasjid was and will always be a Masjid. #HagiaSophia is a great example for us. Usurpation of the land by an unjust, oppressive, shameful and majority appeasing judgment can't change it's status. No need to be heartbroken. Situations don't last forever.#ItsPolitics pic.twitter.com/nTOig7Mjx6
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) August 4, 2020
ट्वीट और इस ट्वीट में लिखी अंतिम पंक्ति ने सारी बातें शीशे की तरह साफ़ कर दी हैं और बता दिया है कि अभी हम आगे भी ऐसे तमाम मौके देखेंगे जब इसे एक बड़ा मुद्दा बनाकर राजनीतिक रोटियां सखी जाएंगी. यानी जब तक अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण नहीं होता बोर्ड द्वारा ये नाटक बदस्तूर जारी रहेगा.
बहरहाल, चाहे वो बोर्ड हो या फिर ओवैसी इन दोनों का ही अड़ंगा इसलिए भी विचलित करता है क्योंकि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण किसी पार्टी द्वारा या फिर किसी व्यक्ति कि व्यक्तिगत इच्छा से नहीं हो रहा है. आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है और जिस तरह ये लोग मंदिर निर्माण में राह का रोड़ा बन रहे हैं आने वाला वक़्त इस देश के मुसलमानों के लिए जटिल है. ये तमाम लोग तो अपनी राजनीति करके निकल जाएंगे मगर इस पूरे नाटक का प्रभाव जिस पर सबसे ज्यादा पड़ेगा वो इस देश का मुसलमान होगा.
अब चूंकि राम मंदिर निर्माण में ओवैसी और पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से एक बड़ी खाई का निर्माण कर दिया गया है. इसलिए इस देश के मुसलमानों का भविष्य क्या होता है इसका फैसला वक़्त करेगा. लेकीन जो वर्तमान है उसने ये सन्देश दे दिए हैं कि किसी बारात में फूफा की तरह बर्ताव कर रहे ओवैसी और पर्सनल लॉ बोर्ड की इस नाराजगी का फायदा सिर्फ और सिर्फ भाजपा और पीएम मोदी को होगा. जो जमीन भाजपा ने 22 के यूपी विधानसभा चुनाव और 24 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयार की है उसमें ये आलोचना केवल और केवल खाद का काम करेगी जो भाजपा द्वारा लगाई फसल को मजबूत करने का काम करेगी.
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