CAA-NRC तो बहाना है असल में असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी नीयत बताई है!
विधानसभा चुनावों से पहले यूपी की सियासत में ध्रुवीकरण का अध्याय खुल गया है. श्री गणेश किया है एआईएमआईएम सुप्रीमो असद उद्दीन ओवैसी ने. यूपी के बाराबंकी में रैली करने आए असदउद्दीन ओवैसी ने अपने तरकश से CAA -NRC के तीर निकाले हैं और भाजपा को चेतावनी देते हुए यूपी को शाहीन बाग बनाने की चेतावनी दी है.
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चुनावी चौपड़ जब उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में बिछी हो तो मुद्दे की.बात करता ही कौन है. नेता भी इस बात को बखूबी जानते हैं कि जब हिंदू मुस्लिम का कार्ड उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में धड़ल्ले से चलता हो तो किसे पड़ी है कि वो गरीबी पर बात करे महंगाई, बेरोजगारी, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा पर बात करे. उत्तर प्रदेश की सियासत में ध्रुवीकरण का अध्याय खुल गया है. श्री गणेश किया है एआईएमआईएम सुप्रीमो असद उद्दीन ओवैसी ने. प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को मुद्दा बनाकर यूपी के बाराबंकी में रैली करने आए असदउद्दीन ओवैसी ने अपने तरकश से CAA -NRC के तीर निकाले हैं और भाजपा को चेतावनी देते हुए यूपी को शाहीन बाग बनाने की चेतावनी दी है. बाराबंकी में पीएम मोदी, भाजपा, किसानों, सीएए को लेकर जो कुछ भी ओवैसी ने कहा है साफ है कि जहां एक तरफ उन्होंने अपना एजेंडा बताया है तो वहीं अपनी जहर बुझी बातों से इस बात की भी तस्दीख कर दी है कि उनकी नीयत क्या है.
यूपी विधानसभा चुनावों में एजेंडा क्या होगा ओवैसी ने अपनी बाराबंकी की जनसभा में बता दिया है
चुनाव सामने हों और नेताओं के बोल न बिगड़ें ये भारतीय राजनीति उसमें भी उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया नहीं है. ओवैसी ने देश और यूपी दोनों की नब्ज पहचान ली है. बाराबांकी की रैली में मंच पर से जो कुछ भी ओवैसी ने कहा है उसने इस बात के भी संदेश दे दिये हैं कि ओवैसी को यूपी में अगर थोड़े बहुत वोट मिले तो उसका कारण मुस्लिम समुदाय के बीच व्याप्त वो डर है जिसको हथियार बनाकर ओवैसी ने मुस्लिम तुष्टिकरण के घिनौने खेल की शुरुआत कर दी है.
हुकूमत अगर NRC, CAA का क़ानून लागू करती है, तो हम फिर से सड़कों पर उतरेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। हमारी मांग है कि हुकूमत ने जिस तरह से तीनों कृषि क़ानून को वापस लिया है उसी तरह CAA, NRC का क़ानून भी वापस ले। https://t.co/2dvmw5E1Hf
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 22, 2021
ओवैसी और उनकी राजनीति के पैटर्न पे कहने बताने को बहुत कुछ है लेकिन उसे समझने से पहले हमारे लिए ये जरूरी है कि हम उन बातों का अवलोकन और विश्लेषण करें जो उन्होंने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में कही हैं. बाराबंकी में अपनी सभा के दौरान ओवैसी ने कहा कि अगर केंद्र की मोदी सरकार कृषि कानूनों की तर्ज पर सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेती है तो यूपी को शाहीन बाग़ बना देंगे.
बाराबंकी के एक तबके को संबोधित करते हुए असद उद्दीन ओवैसी ने कहा कि, 'सीएए संविधान के खिलाफ है, अगर भाजपा सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है, तो हम सड़कों पर उतरेंगे और यहां एक और शाहीन बाग बन जाएगा. ध्यान रहे गत वर्ष जामिया हिंसा के बाद दिल्ली का शाहीन बाग सीएए और एनआरसी के प्रोटेस्ट का केंद्र रहा था.
शाहीन बाग प्रोटेस्ट क्यों देश के बच्चे बच्चे की जुबान पर रहा इसके एक बड़ी वजह सैकड़ों महिलाओं समेत कई लोगों का महीनों तक प्रोटेस्ट साइट पर प्रदर्शन करना था. भले ही कोरोना की शुरुआत के बाद दिल्ली पुलिस ने तत्काल प्रभाव से एक्शन लेते हुए प्रदर्शनकारियों को हटा दिया हो लेकिन मुस्लिम समुदाय के बीच आज भी जख्म हरे हैं जिन्हें बाराबंकी की अपनी जनसभा में एआईएमआईएम सुप्रीमो असद उद्दीन ओवैसी ने कुरेद दिया है.
असद उद्दीन ओवैसी के दिल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कितनी और किस हद तक नफरत है इसका अंदाजा उनकी उस बात से भी बड़ी ही आसानी के साथ लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री को नौटंकीबाज बताया.
हाय @narendramodi जी, क्या एक्टिंग करते हो आप! मोदी ग़लती से राजनीति में आ गए और bollywood actors बच गए। अगर वो bollywood में होते तो Best Actor के सारे पुरस्कार उन्हें ही मिलते। pic.twitter.com/PLiUcRgFGv
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 21, 2021
ओवैसी ने कहा कि, 'प्रधानमंत्री मोदी देश के सबसे बड़े ‘नौटंकीबाज’ हैं, और गलती से राजनीति में आ गए हैं. नहीं तो फिल्म उद्योग के लोगों का क्या होता? सभी पुरस्कार मोदी ही जीते होते. ओवैसी ने पीएम मोदी की छवि का जिक्र करते हुए ये भी कहा कि जब मोदी को लगा कि उनकी छवि खराब हो रही है तो उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किसान कानून को वापस ले लिया.
भले ही ओवैसी ने सपा, बसपा और बीजेपी पर जातीय वोट बैंक बना कर यूपी की सत्ता हासिल करने का आरोप लगाया हो. लेकिन बड़ा सवाल ये भी है कि जो वो खुद कर रहे हैं आखिर वो क्या है? क्या उसे जातीय वोट बैंक हासिल करने की चाल नहीं कहा जाएगा?
शुक्रिया बाराबंकी की अवाम।अल्लाह (s.w.t) ने चाहा तो बाराबंकी में इंक़लाब आएगा और उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की एक आज़ाद सियासी क़यादत बनेगी। [1/2]#OwaisiInUttarpradesh #UPElections2022 #barabanki pic.twitter.com/yPavwjLFX2
— AIMIM (@aimim_national) November 21, 2021
विषय बहुत सीधी है. उत्तर प्रदेश जैसे सूबे के लिहाज से तुष्टिकरण का खेल कोई आज का नहीं है. ओवैसी इस बात को बखूबी समझते हैं कि चाहे वो सी ए ए हो या फिर एनआरसी मुस्लिमों के लिहाज से ये मुद्दे अभी भी ताजे हैं अगर इन्हें सही समय पर सही तरह से कैश किया जाए तो यक़ीनन कुछ सीटें उनकी पार्टी के खाते में चली आएंगी.
बात एक नेता के रूप में ओवैसी की हुई है और पुनः यूपी को शाहीन बाग़ बनाने की हुई है. तो जिस तरह शाहीन बाग़ का भूत ओवैसी के जरिये एक बार फिर बाहर निकला है. तस्दीख हो गयी है कि वो कौन कौन से मुद्दे रहेंगे जिनको आधार बनाकर एआईएमआईएम जैसे दलों द्वारा तुष्टिकरण का खेल खेलते हुए उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा.
साथ ही जिस तरह अभी से सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हुआ है. ये कहना हमारे लिए अतिश्योक्ति न होगा कि चुनावों के चलते यूपी की फिजा आने वाले वक़्त में खासी दिलचस्प होने वाली है.
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