Assembly Election 2022: ये भारतीय जनता पार्टी के सांस्कृतिक आधार की जीत है
चार राज्यों विशेषकर उत्तर प्रदेश में मिली विजय से भाजपा नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं और समर्थकों में अपार हर्षोल्लास है. भाजपा इस विजय रथ को आगे बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. भाजपा लगभग साढ़े तीन दशक के पश्चात पहली बार उत्तर प्रदेश में दोबारा सरकार में आई है. इसी प्रकार उत्तराखंड में भी पहली बार भाजपा सरकार दोहराई गई है.
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देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव में प्राप्त हुई विजय ने सिद्ध कर दिया है कि यह भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे की विजय है. जनता ने भाजपा में विश्वास जताया है, भाजपा की नीतियों का समर्थन किया है. वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था, क्योंकि यही चुनाव आगे के लोकसभा चुनाव की दिशा निर्धारित करता है. यह चुनाव योगी आदित्यनाथ के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ था. उनका दावा था कि राज्य की जनता उनके विकास कार्यों को देखते हुए उन्हें पुन: सत्ता का बागडोर सौंपेगी. उनका यह दावा सत्य सिद्ध हुआ.
कारण स्पष्ट है कि भाजपा अपने चाल चरित्र, चेहरे के अनुसार निरंतर हिंदुत्व की छवि को और सुदृढ़ करने का प्रयास कर रही है. प्राचीन शहरों के नाम बदलना तथा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण इसका उदाहरण है. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है. सरकार नमामि गंगे योजना के अंतर्गत गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल करने पर विशेष बल दे रही है. गंगा का प्रदूषण कम करने के लिए स्मार्ट गंगा सिटी परियोजना पर कार्य जारी है. योगी सरकार राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा दिया है. गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री निराश्रित गौवंश सहभागिता योजना प्रारम्भ की गई है.
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव में प्राप्त हुई विजय के नायक नरेंद्र मोदी ही हैं.
चार राज्यों विशेषकर उत्तर प्रदेश में मिली विजय से भाजपा नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं और समर्थकों में अपार हर्षोल्लास है. भाजपा इस विजय रथ को आगे बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. भाजपा लगभग साढ़े तीन दशक के पश्चात पहली बार उत्तर प्रदेश में दोबारा सरकार में आई है. इसी प्रकार उत्तराखंड में भी पहली बार भाजपा सरकार दोहराई गई है. गोवा में तो विजयश्री की हैट्रिक लगी है. भाजपा को प्रत्येक दिशा से अपार जनसमर्थन मिला है. इस विजय ने 2024 के परिणामों को लगभग निश्चित कर दिया है. वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 325 सीटों पर विजय प्राप्त की थी. उस समय चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा गया था. इस बार भाजपा ने 255 सीटों पर विजय प्राप्त की है, परन्तु पिछली बार की तुलना में भाजपा को 57 सीटों की हानि हुई है. किन्तु भाजपा ने इस बार उत्तर प्रदेश में लगभग 42 प्रतिशत मत प्राप्त किए हैं, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में उसे 39.67 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे. भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ाना पार्टी नेताओं के लिए हर्ष का विषय है, परन्तु लोकसभा चुनाव में विजय का मार्ग प्रशस्त करने के लिए भाजपा को अपना जनाधार बढ़ाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करना होगा. पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को लगभग 50 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे. इस दृष्टि से देखा जाए, तो भाजपा को लोकसभा चुनाव में अपने घटे मत प्रतिशत को पुन: प्राप्त करने के लिए कड़ा परिश्रम करना होगा.
उत्तर प्रदेश में भाजपा का मुकाबला समाजवादी पार्टी से है. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 311 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उसे लगभग 28 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे. इस बार समाजवादी पार्टी ने 32 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त किए हैं, जो भाजपा के लिए चिंता का विषय है. इस बार सपा ने 111 सीटें प्राप्त की हैं. इस प्रकार उसे 64 सीटों का लाभ हुआ है. बहुजन समाज पार्टी से भाजपा को कोई विशेष खतरा नहीं है, क्योंकि बसपा के मतदाता अच्छी तरह समझ चुके हैं कि मायावती ने उनके नाम पर केवल सत्ता प्राप्त कर उसका सुख भोगा. उन्हें दलित समाज के दुःख-सुख से कोई सरोकार नहीं है. इसलिए इस बार बसपा को केवल एक ही सीट से संतोष करना पड़ा है. पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में उसे 18 सीटों की हानि हुई है. कांग्रेस की बात करें, तो पार्टी की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी के वर्षों के कड़े प्रचार के पश्चात भी उसे केवल दो ही सीटें प्राप्त हो सकीं. पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में उसे पांच सीटों की हानि हुई है. कांग्रेस के पास ऐसा कोई नेता भी नहीं बचा, जो उसके लिए विजय का मार्ग प्रशस्त कर सके. कांग्रेस कहीं भी मुकाबले में दिखाई नहीं देती. पिछले विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के प्रचार के पश्चात कांग्रेस केवल सात ही सीटें जीत पाई थी. इस बार के विधानसभा चुनाव ने कई मिथक तोड़े हैं. विपक्षी दल जिन मुद्दों को सरकार के विरुद्ध मान रहे थे, उनका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने एक लंबे समय तक आंदोलन किया. देशभर में प्रदर्शन हुए और रैलियां निकाली गईं. विपक्षी दलों ने खुलकर किसानों का समर्थन किया. पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों का साथ दिया. इसके पश्चात भी पंजाब की जनता ने आम आदमी पार्टी को चुनकर राजनीति में एक नये अध्याय का प्रारंभ किया. स्थिति तो यह है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी सीट तक नहीं बचा पाए.
इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी व अन्य दलों ने किसान आन्दोलन का समर्थन किया था. अखिलेश यादव को विश्वास था कि माय अर्थात मुस्लिम और यादवों के वोट बैंक के साथ उन्हें जाटों का भी भरपूर समर्थन मिलेगा, इसलिए उन्होंने आरएलडी के साथ गठबंधन किया. इसके अतिरिक्त उन्होंने सुभासपा और अपना दल जैसे कई छोटे दलों से भी गठबंधन किया, परन्तु गठबंधन सफल नहीं हुआ. भाजपा ने किसान आन्दोलन के पश्चात पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 136 विधानसभा सीटों में से 93 पर विजय प्राप्त करके सिद्ध कर दिया कि किसान आन्दोलन निष्प्रभावी रहा. साथ ही लखीमपुर खीरी की उन आठ विधानसभा सीटों पर भी भाजपा ने विजय पाई, जो उसके लिए कठिन मानी जा रही थीं.
वास्तव में भाजपा की विजय भाजपा की नीतियों और उसकी सरकार के विकास कार्यों की विजय है. उत्तर प्रदेश मंह योगी श्री आदित्य नाथ ने मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के पश्चात राज्य में विकास कार्यों की गंगा बहा दी. राज्य में बेघरों को आवास देने के लिए उत्तर प्रदेश आवास विकास योजना प्रारम्भ की गई. निर्धन परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना आरम्भ की गई. प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान प्रारम्भ किया गया. बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना आरम्भ की गई. बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन तथा मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गई. राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना प्रारम्भ की गई. बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश बेरोजगारी भत्ता नामक योजना आरम्भ की गई.
राज्य के श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ देने के लिए श्रमिक पंजीकरण योजना प्रारम्भ की गई. श्रमिकों के भरण पोषण के लिए राज्य में श्रमिक भरण पोषण योजना आरम्भ की गई है. इसके साथ ही राज्य की समृद्धि के लिए उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
योगी सरकार ने कृषि क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया है. राज्य में जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए परम्परागत खेती विकास योजना चलाई जा रही है. खेतों को पर्याप्त सिंचाई जल उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश नि:शुल्क बोरिंग योजना तथा उत्तर प्रदेश किसान उदय योजना संचालित की जा रही है. इनके अतिरिक्त बीज ग्राम योजना के अंतर्गत किसानों को धान एवं गेहूं के बीज पर विशेष अनुदान दिया जा रहा है. पारदर्शी किसान सेवा योजना के अंतर्गत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को समुचित उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है. किसानों को ऋण के बोझ से मुक्त करने के लिए किसान ऋण मोचन योजना प्रारम्भ की गई. मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. राज्य में अनाथ बच्चों को आसरा देने के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रारम्भ की गई. महिला सशक्तिकरण के लिए भी सरकार अनेक योजनाएं चला रही है. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत निर्धन परिवारों की पुत्रियों को शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. उत्तर प्रदेश भाग्यलक्ष्मी योजना के अंतर्गत पुत्री की शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. इसके अतिरिक्त लोगों को घर बैठे बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बैंकिंग संवाददाता सखी योजना प्रारम्भ की गई है. इससे जहां लोगों को घर पर बैंकिंग सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं, वहीं महिलाओं को भी रोजगार प्राप्त हुआ है. राज्य में अनेक पेंशन योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना तथा उत्तर प्रदेश दिव्यांगजन पेंशन योजना सम्मिलित हैं. सरकार लड़कियों और दिव्यांगों के विवाह के लिए अनुदान प्रदान कर रही है. उत्तर प्रदेश विवाह अनुदान योजना के अंतर्गत लड़कियों के विवाह के लिए सरकार द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है. दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत दिव्यांगजनों के विवाह लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.
योगी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य कर रही है. राज्य में विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्रों एवं उनके नये भवनों की स्थापना की जा रही है. गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण किय जा रहा है. उत्तर प्रदेश छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है. सरकार सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर है. महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सेफ सिटी योजना प्रारम्भ की गई है. विद्युत क्षेत्र में भी योगी सरकार उत्कृष्ट कार्य किया है. परिवहन के क्षेत्र में भी सरकार ने सराहनीय कार्य किए हैं. राज्य ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी बहुत उन्नति की है.
योगी आदित्यनाथ दावा करते हैं कि अपने कार्यकाल में राज्य में रोजगार के अवसर तीव्रगति से बढ़े हैं. स्टार्टअप नीति के अंतर्गत पांच लाख युवाओं को रोजगार मिला है, जबकि मनरेगा के माध्यम से डेढ़ करोड़ से अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. इसी प्रकार 10 लाख स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से एक करोड़ महिलाओं को रोजगार मिला है. इतना ही नहीं साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई, जबकि साढ़े तीन लाख युवाओं की संविदा पर नियुक्ति हुई है. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को 2.16 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया.
नि:संदेह भाजपा अपने विकास कार्यों के कारण ही पुन: सत्ता में आई है.
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