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Updated: 03 नवम्बर, 2022 09:09 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ चेयरमैन इमरान खान के आजादी मार्च में उनको निशाना बनाते हुए गोलीबारी हो गई. बताया जा रहा है कि जान लेने के इरादे की गई इस फायरिंग में इमरान खान घायल हो गए हैं. हालांकि, पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान खान खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि आजादी मार्च में कंटेनर पर खड़े इमरान खान पर हमलावर ने गोली चला दी थी. जो उनके पैर में लगी थी. इस हमले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सांसद फैसल जावेद खान समेत करीब नौ लोग घायल हुए हैं.

Attack on Imran Khan in Pakistan his wounds seems innocent so as Attacker Confession tooइमरान खान पर हुए हमले में नौ अन्य लोग भी घायल हुए हैं.

वैसे, पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से ही इमरान खान का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा है कि 'मुझे अल्लाह ने नई जिंदगी दी है. मैं दोबारा लड़ाई लड़ूंगा.' लेकिन, इस बीच सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें इमरान खान हमले के बाद वहां से निकलने के दौरान लोगों का हाथ हिलाकर इस्तकबाल करते नजर आते हैं. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर लिख रहे हैं कि इमरान खान पूरी तरह से ठीक लग रहे हैं. फिर ये ड्रामा क्यों किया जा रहा है? 

बता दें कि इमरान खान का ये वीडियो उनकी ही पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने ट्विटर पर शेयर किया था. जिसने लोगों के बीच इमरान खान को लगी कथित चोटों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्योंकि, पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि आजादी मार्च में कंटेनर पर खड़े इमरान खान पर हमलावर ने अचानक गोली चला दी थी. और, उनके पैर में तीन जगह गोलियां लगी थीं. लिखी सी बात है कि जिस शख्स के पैर में तीन गोलियां लगी हों, वो मुस्कुराते हुए शायद ही हाथ हिलाकर किसी को अपनी खैरियत के बारे में तसल्ली दे सकता है. वैसे, जितने मासूम इमरान खान के जख्म हैं. उतना ही मासूम हमलावर का कबूलनामा भी है.

पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने एक ट्वीट कर हमलावर के बारे में जानकारी दी है. मीर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि हमलावर का नाम नावीद है. और, वो वजीराबाद का रहने वाला है. शुरुआत में खबर आई थी कि इमरान खान पर हमला करने वाले शख्स की मौत हो गई है. लेकिन, कुछ ही देर बाद हमलावर का पुलिस को बयान देने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा.

Attack on Imran Khan in Pakistan Attackerइमरान खान पर हमला करने वाला नावीद उनके शोर मचाने से खफा था.

इस वीडियो में हमलावर नावीद बहुत ही मासूमियत के साथ कहता नजर आ रहा है कि 'इमरान खान लोगों को गुमराह कर रहा था. और, मुझसे ये चीज देखी नहीं गई. मैंने उसे मारने की कोशिश की. उधर अजान हो रही थी. और, ये टेंट लगाकर शोर कर रहे थे. इसको मारने का अचानक फैसला किया, दिन से, सुबह से, जिस दिन से ये लाहौर से चला. उस दिन से सोच लिया था कि मारना है. मेरे साथ और कोई नहीं है.' हमलावर के इस कबूलनामे को देखकर ऐसा लगता है कि इस शख्स का दिमाग अचानक ही खराब हो गया. और, उसने घर के कोने में पड़ी पिस्टल उठाई. और, इमरान खान के आजादी मार्च में पहुंचकर उन पर गोलियां दाग दीं. 

खैर, यहां सबसे बड़ी बात ये है कि जिस शख्स ने हमला किया. पुलिस की गिरफ्त में उसके बयान का वीडियो वायरल हो गया. जबकि, ऐसे मामलों में इससे पहले शायद ही इस तरह की पुलिसिया कार्रवाई पूरी दुनिया में कहीं देखने को मिली होगी. मतलब पाकिस्तान की पुलिस ने चुटकियों में ही हमलावर को दिमागी रूप से कमजोर साबित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. माना जा रहा है कि इस हमले की पीछे कोई बड़ी साजिश है. और, इस साजिश में पाकिस्तानी सेना के साथ ही खुद इमरान खान भी सवालों के घेरे में हैं. क्योंकि, पाकिस्तान की राजनीति में इस तरह की साजिशें बहुत ही सामान्य सी बात लगती हैं.

वैसे, पाकिस्तान में राजनेताओं पर इस तरह के हमले कोई नई बात नहीं है. वहां के कई बड़े नेताओं की हत्या ऐसे ही हमलों में की जा चुकी है. आइए डालते हैं एक नजर ऐसे ही कुछ मामलों पर...

पहले पीएम लियाकत अली खान की हत्या अभी भी अनसुलझी

भारत के आजाद होने के बाद बनी अंतरिम सरकार में लियाकत अली खान देश के वित्त मंत्री बने थे. लेकिन, देश के बंटवारे के बाद मुस्लिम लीग के नेता लियाकत अली खान पाकिस्तान चले गए. और, पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने. लियाकत अली खान की भी हत्या ऐसे ही एक कार्यक्रम में की गई थी. 1951 में एक रैली के दौरान लियाकत अली खान को गोली मार दी गई थी. कहा जाता है कि गोली सईद अकबर नाम के एक शख्स ने चलाई थी. जिसे पुलिस ने मार गिराया था. लेकिन, इसका कोई सबूत नहीं मिला था कि गोली उसी ने चलाई थी.

बेनजीर भुट्टो की आत्मघाती धमाके में हत्या

पाकिस्तान की दो बार प्रधानमंत्री रह चुकीं बेनजीर भुट्टो अगले चुनावों की तैयारी कर रही थीं. 27 दिसंबर 2007 को एक रैली से लौटते वक्त बेनजीर भुट्टो पर रावलपिंडी के लियाकत बाग में हमला हुआ. 15 साल का एक लड़का बिलाल अचानक से बेनजीर भुट्टो के पास आया. और, उन पर गोलियां बरसा दीं. इसके बाद बिलाल ने खुद को बम से उड़ा लिया. इस हादसे में बेनजीर समेत 26 लोगों की मौत हो गई थी. जांच में सामने आया था कि ये हमला अल कायदा के इशारे पर किया गया है. लेकिन, कई लोग मानते हैं कि ये पाकिस्तान के तानाशाह परवेज मुशर्रफ की खुराफाती सोच का नतीजा था.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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