Ram Mandir verdict: राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े 12 बड़े लोगों की बड़ी प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Verdict) के फैसले (Ayodhya Ram Mandir Faisla) का सम्मान तो सभी लोग कर रहे हैं, लेकिन सभी संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं. मुस्लिम पक्ष ने तो अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. आइए जानते हैं इस मामले में विभिन्न पक्ष क्या कह रहे हैं.
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आखिरकार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Verdict) ने अयोध्या केस (Ayodhya Case) में फैसला (Ayodhya Ram Mandir Faisla) सुना दिया है. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद (Ram Janmbhoomi-Babri Masjid Despute) का निपटारा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया है और विवादित जमीन राम जन्मभूमि न्यास (Ram Janmbhumi Nyas) को देने का फैसला (यहां पढ़ें 1045 पेज का फैसला) किया है. साथ ही मुस्लिम पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) को अयोध्या में ही किसी अहम जगह पर 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया है, जिस पर वह मस्जिद निर्माण कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान तो सभी लोग कर रहे हैं, लेकिन सभी संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं. मुस्लिम पक्ष ने तो अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. आइए जानते हैं इस मामले में विभिन्न पक्ष क्या कह रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या केस में दिए गए फैसले पर हर कोई खुश नहीं दिख रहा है.
1. जफरयाब जिलानी फैसले से संतुष्ट नहीं
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी (Zafaryab Jilani) ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जाहिर की. इस मामले में आगे की कार्रवाई क्या होगी, इस पर बाद में फैसला करेंगे. उन्होंने अपनी बात एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही है. 5 एकड़ जमीन दिए जाने पर उन्होंने कहा कि शरियत के मुताबिक मस्जिद को न तो किसी को गिफ्ट कर सकते हैं, ना बेच सकते हैं ना ही कहीं शिफ्ट कर सकते हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को न्याय नहीं माना है.
2. वसीम रिजवी बोले, 5 एकड़ जमीन शिया वक्फ बोर्ड को मिलनी चाहिए
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Shia Central Waqf Borad) के चेयरमैन वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) ने कहा है कि जो हिंदुओं को मिलना चाहिए था, वो उन्हें मिल गया. इसके लिए उन्होंने पूरे देश के हिंदुओं को बधाई दी. इसके अलावा उन्होंने 5 एकड़ जमीन मुस्लिम पक्ष को देने के फैसले पर थोड़ी आपत्ति जताई है. वह बोले कि मस्जिद मीर बाकी ने बनाई थी, जो एक शिया था, ऐसे में ये 5 एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को नहीं, बल्कि शिया वक्फ बोर्ड को मिलनी चाहिए. यहां आपको बता दें कि शिया वक्फ बोर्ड पहले से ही चाहता था कि वहां इमाम-ए-हिंद यानी भगवान राम का भव्य मंदिर बने.
3. ओवैसी ने माना कि कोर्ट से गलती हुई
असदुद्दीन ओवैसी ने एक किताब का फ्रंट पेज शेयर किया है. सिर्फ एक तस्वीर, उसके साथ कुछ नहीं लिखा, लेकिन वो कहते हैं ना कि एक तस्वीर हजारों शब्दों के बराबर होती है. इस किताब का शीर्षक है- Supreme But not Infallible यानी सबसे ऊपर, लेकिन ऐसा नहीं जिससे गलती ना हो. यानी वह सीधे-सीधे ये कहना चाह रहे हैं कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही नहीं है. यानी वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. भले ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सिर्फ एक तस्वीर शेयर की हो, लेकिन मीडिया के सामने उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि ये फैसला गलत है, क्योंकि उन्हीं लोगों को मंदिर बनाने की जिम्मेदारी दे दी गई है, जिन्होंने मस्जिद गिराई थी. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर मस्जिद नहीं गिराई जाती तो आज सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला होता? ओवैसी ने तो मस्जिद बनाने के लिए मिली 5 एकड़ जमीन को भी भीख कह दिया है.
4. कांग्रेस की ओर से कपिल सिब्बल ने किया फैसले का स्वागत
कपिल सिब्बल ने पूरी कांग्रेस की तरफ से बयान देते हुए कहा कि कोर्ट के इस फैसले का वह स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि जिस फैसले को सभी जजों ने एकजुट होकर दिया है, उस फैसले पर पूरे देश को भी एकजुटहोना चाहिए. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अगर कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं, तो ये लोकतंत्र का हिस्सा है.
5. निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट का आभार माना
निर्मोही अखाड़े (Nirmohi Akhara) की ओर से उसके प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा ने कहा- निर्मोही अखाड़ा सुप्रीम कोर्ट का बहुत आभारी है कि कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े की 150 सालों की लड़ाई को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट में पर्याप्त प्रतिनिधित्व सौंपा है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया है और इसके लिए एक ट्रस्ट की स्थापना करने का भी आदेश दिया है. ये ट्रस्ट ही श्री राम जन्मभूमि की देखरेख करेगा. इस राम जन्मभूमि न्यास में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व देने का फैसला किया गया है.
6. स्वामी चक्रपाणि ने मुस्लिमों को वैकल्पिक जमीन देने के फैसले को भी सराहा
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर स्वामी चक्रपाणि (Swami Chakrapani) ने भी अपनी बात रखी. पहले तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि ये एक ऐतिहासिक फैसला है, जिसे सभी को स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने सबकी बातें करते हुए रामलला के पक्ष में निर्णय देते हुए दुनिया में एक नजीर स्थापित की है. ये फैसला देश की एकता और अखंडता तो बनाए रखने वाला है. साथ ही उन्होंने मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन दिए जाने के फैसले को भी सराहा.
7. पक्षकार इकबाल अंसारी बोले- अहम मसला था, जो अब खत्म हुआ
अयोध्या मामले में इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) एक याचिकाकर्ता हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का दिल से स्वागत किया है. उन्होंने कहा- हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बेहद खुश हैं और उसका स्वागत करते हैं. कोर्ट ने जो कहा है, वह बिल्कुल सही है. ये मसला हिंदुस्तान के लिए बहुत अहम था, जो अब खत्म हो गया है.
8. मोहन भागवत बोले- मंदिर बनाने की हमारी इच्छा पूरी हुई
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि दशकों तक चले इस केस में हर पहलुओं का ध्यान रखा गया है. इस लंबे प्रयास में योगदान करने वाले सभी सहयोगियों और बलिदानियों का स्वागत करते हैं. उन्होंने अतीत की सभी बातों को भुलाकर राम मंदिर निर्माण की ओर बढ़ने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि देर आए दुरुस्त आए. साथ ही ये भी कहा कि इसे जय-पराजय की तरह ना देखें. हम मिलजुकर अयोध्या में मंदिर बनाएंगे, हमारी इच्छा पूरी हुई.
9. बाबा रामदेव बोले- मस्जिद बनवाने में हिंदू और मंदिर बनवाने में मुस्लिम मदद करें
सत्य के आधार पर एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक न्याय हुआ है. सत्यमेव जयते आज चरितार्थ हुआ और अब राम मंदिर का निर्माण होगा. मुस्लिम पक्ष का सम्मान करते हुए मस्जिद के लिए भी जगह दी गई, इससे सौहार्द्यपूर्ण और भाइचारे वाला कोई फैसला नहीं हो सकता है. बड़ा दिल रखते हुए हिंदू भाइयों को मस्जिद निर्माण के लिए सहयोग करना चाहिए, क्योंकि श्रीराम हिंदू और मुस्लिम सभी के पूर्वज हैं. मुस्लिम भाइयों को भी मंदिर निर्माण में सहयोग देना चाहिए, जिससे पूरी दुनिया में देश का गौरव बढ़ेगा.
10. श्री श्री रविशंकर बोले, दोनों समुदायों का सम्मान बनाए रखा
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा- इस निर्णय ने दोनों समुदायों के सम्मान को बनाए रखा है. इसमें न किसी की जीत है, न किसी कि हार है, बल्कि इससे भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है. लंबे समय से चल रहे इस मामले में आखिरकार हम निष्कर्ष पर पहुंच चुके हैं. समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखा जाना चाहिए.
11. शिवसेना की टिप्पणी में राजनीति का रंग भी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले में सुनाए गए फैसले पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है- 'पहले मंदिर फिर सरकार!!! अयोध्या में मंदिर, महाराष्ट्र मे सरकार.. जय श्रीराम!!!' यानी राउत कहना चाहते हैं कि जो वह चाहते थे वही हुआ आगे भी वैसा ही होगा. शिवसेना चाहती थी कि अयोध्या में मंदिर बने, जो बन रहा है और दूसरी ओर वह चाहती है कि महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बने, और राउत को यकीन है कि ऐसा ही होगा.
12. अमित शाह ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा- एक भारत, श्रेष्ठ भारत
अमित शाह (Amit Shah) ने ट्वीट करते हुए कहा- श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूँ. मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूँ कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें. दशकों से चले आ रहे श्री राम जन्मभूमि के इस कानूनी विवाद को आज इस निर्णय से अंतिम रूप मिला है. मैं भारत की न्याय प्रणाली व सभी न्यायमूर्तियों का अभिनन्दन करता हूँ. श्री राम जन्मभूमि कानूनी विवाद के लिए प्रयासरत; सभी संस्थाएं, पूरे देश का संत समाज और अनगिनत अज्ञात लोगों, जिन्होंने इतने वर्षों तक इसके प्रयास किया, मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ. मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा. यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पीएम मोदी ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है. इसे हार जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. वहीं दूसरी ओर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि इस फैसले को सभी को पूरे धैर्य के साथ स्वीकार करना चाहिए.
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