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Updated: 14 नवम्बर, 2019 07:48 PM
नवेद शिकोह
नवेद शिकोह
  @naved.shikoh
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Ram Mandir-Babri Masjid पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Supreme Court Verdict on Ayodhya) के दिन अयोध्या में, सब कुछ वही था. वही जनता, वही पुलिस, खुफिया तंत्र और प्रशासनिक अधिकारी भी वही. वही संसाधन और साइबर क्राइम सेल भी वही. बस इस दिन के सन्नाटों में भी हर तरफ राम नाम (Jai Shree Ram) गूंज रहा था. भक्ति भावना का असर था, राम का आर्शीवाद, दृढ़ शक्ति, चमत्कार या परमेश्वर का मार्ग दर्शन था. कुछ तो था जो 9 नवंबर के दिन उत्तर प्रदेश ने इतिहास रच दिया. ये वो दिन था जब यूपी में वाकई राम राज्य क़ायम था. इस दिन एक ऐसा रिकार्ड बन गया जिस रिकार्ड को राम की कृपा ही तोड़ सकती है. यानी किसी किस्म का कोई भी छोटा-बड़ा क्राइम ना होना. रिकार्ड देखिए तो पता चलेगा कि दशकों से कोई भी ऐसा दिन नहीं है जब पूरे दिन प्रदेश में कोई अपराध ना हुआ हो. लेकिन ऐसा 9 नवंबर को यूपी में हुआ. रोजमर्रा जो छोटे बड़े आपराधिक मामले सामने आते हैं पर 9 नंबर के पूरे दिन किसी किस्म की कोई भी आपराधिक घटना सामने नहीं आई. यानी रामराज्य (Ram Rajya) क़ायम रहा.

योगी आदित्यनाथ, राम मंदिर, फैसला, अयोध्या, रामराज्य, Yogi Adityanath9 नवंबर यानी अयोध्या फैसले का दिन, ये यूपी में इसलिए भी याद किया जाएगा क्योंकि इस दिन यूपी में कोई अपराध नहीं हुआ

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार इस दिन हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म, अपहरण, मारपीट या कोई छोटे से छोटे अपराध की घटना सामने नहीं आई. ज्ञात हो कि इस दिन मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सीधे कानून व्यवस्था की बागडोर संभाल रखी थी. मुख्यमंत्री  पुलिस कंट्रोल रूम में सूबे के डीजीपी के साथ प्रदेश की कानून व्यवस्था पर नजर रखे थे.

9 नंबर 2019 का ख़ास दिन कई मायने मे इतिहास रच गया. तमाम रास्ते भी दिखा गया. सरकार और उसका पुलिस तंत्र ठान ले तो सचमुच अपराध को काबू किया जा सकता है. साधन-संसाधन वही, पुलिस और जनता भी वही लेकिन जब सरकारी तंत्र ने कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने और शांति व्यवस्था क़ायम करना ठान लिया तो सफलता मिल भी गई. जरुरत है तो सिर्फ दृढ़ इच्छा शक्ति की.

अयोध्या में राम जन्म भूमि के पक्ष में फैसला आने के दिन 9 नवंबर के दिन ने अभिनेता अनिल कपूर की फिल्म नायक की भी याद दिला गया. फिल्म की कहानी में एक दिन के लिए मुख्मयंत्री बने अनिल कपूर एक दिन में ही सब कुछ ठीक कर देते हैं.

लोग कहते हैं कि फिल्म और हक़ीक़त में फर्क होता है. लोग शायद गलत कहते है. इतिहास गवाह है हमेशा से ही उत्तर प्रदेश में अपराध का बोलबला रहा है. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के कार्यकाल में यूपी में संगठित अपराध का ग्राफ कम हुआ है. किंतु इस बात की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि कोई ऐसा दिन हो सकता है जब यूपी जैसे इतने बड़े सूबे में एक भी आपराधिक घटना ना घटे.

लेकिन 9 नवंबर के दिन सरकार और शासन-प्रशासन ने ऐसा कर दिखाया. और राम के नाम का ये दिन इस बात की नजीर बन गया कि इच्छा शक्ति, दृढ़ संकल्प और कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो तो सबकुछ मुमकिन है.

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नवेद शिकोह नवेद शिकोह @naved.shikoh

लेखक पत्रकार हैं

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