बकरीद पर लॉकडाउन में छूट देकर ममता बनर्ती ने 'आपदा में अवसर' तलाश लिया!
बंगाल (West Bengal) में 31 अगस्त तक कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है मगर बकरीद (Bakra eid 2020) के दिन सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की तरफ से राज्य के लोगों को छूट दी गई है. साफ़ है कि बंगाल चुनाव से पहले ही राज्य में ममता की तरफ से मुस्लिम तुष्टिकरण की शुरुआत हो गयी है.
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2021 में पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चुनाव होने हैं. क्या भाजपा (BJP), क्या तृणमूल कांग्रेस (TMC) सभी ने तैयारियां अभी से तेज कर दी हैं. भाजपा जहां एक तरफ हिंदू वोटर्स (Hindu Voters) को आकर्षित करने के लिए जी जान से कोशिश कर रही है. वहीं जैसे हालात बने हैं और समीकरण स्थापित हुए हैं. ममता बनर्जी (Mamata Banrejee) को भी लग गया है कि ये मुस्लिम वोटर्स (Muslim Voters) ही होंगे जो बीच मझधार में फंसी उनकी नैया के खिवैया होंगे इसलिए उनको रिझाना बहुत ज़रूरी है. ममता राजनीति के नाम और तुष्टिकरण का ये खेल, एक ऐसे वक्त में खेल रही है जब पूरा देश कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में है. राज्य में तुष्टिकरण (Appeasement) किस हद तक किया जा रहा है इसे हम लॉकडाउन (Lockdown) से समझ सकते हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बकरीद (Bakreid) पर लॉक डाउन में राहत दी है. बता दें कि राज्य में हफ्ते में होने वाले दो दिन के लॉक डाउन को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
लॉक डाउन के मद्देनजर जो फैसला ममता बनर्जी ने किया है उससे लोगों में भारी असंतोष है
जानकारी देते हए पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य में 29 जुलाई, दो अगस्त और 5 अगस्त को पूरी तरह लॉक डाउन रहेगा. वहीं कंटेंमेंट जोन में लॉक डाउन 31 अगस्त तक जारी रहेगा. सीएम ने ये भी कहा है कि राज्य में बकरीद के दिन किसी तरह का कोई लॉक डाउन नहीं होगा. ममता का शेष दिनों में लॉक डाउन करके बकरीद के दिन लॉक डाउन की छूट देना ही सारे विवाद की जड़ है. विपक्ष के अलावा सोशल मीडिया पर जनता तक इस बात को कह रही है कि ममता ने जो भी किया है वो मुस्लिम हितों को ध्यान में रखकर अपने राजनीतिक हितों के लिए किया है.
No lockdown in the state on August 1st on the occasion of Bakr Eid: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/TqS8N9AFVl
— ANI (@ANI) July 28, 2020
बता दें कि गत 20 जुलाई को राज्य के गृह सचिव अल्पन बंधोपाध्याय ने घोषणा की थी कि जुलाई के अंतिम हफ्ते में बृहस्पतिवार और शनिवार को लॉक डाउन रहेगा. इस फैसले को राज्य की मुखतमंत्री ममता बनर्जी ने आगे बढ़ाया और इसकी अवधी बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दी.बता दें कि ममता के इस फैसले पर बंगाल में पहले ही विपक्ष ने सवाल उठाए थे. बैरकपुर से भाजपा के सांसद अर्जुन सिंह ने ममता बनर्जी को घेरते हुए कहा है कि बंगाल में लॉक डाउन धार्मिक हितों को ध्यान में रखकर किया जाता है. मुख्यमंत्री ने गुरुवार और शनिवार को पूर्ण लॉक डाउन किया है मगर शुक्रवार को छूट दी है.
चूंकि इस घोषणा के बाद राज्य की ममता बनर्जी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी इसलिए सरकार के बचाव में ममता सरकार में मंत्री जावेद अहमद खान सामने आए हैं. भाजपा की नीयत पर सवाल उठाते हुए जावेद ने कहा है कि भाजपा वालों का दिमाग काम नहीं कर रहा है और यही वो कारण है जिसके चलते भाजपा से जुड़े लोगों को ऐसी अतार्किक बातें करनी पड़ रही हैं. बकरीद की नमाज़ का जिक्र करते हुए खान ने कहा है कि मस्जिद बंद है और सभी लोग अपने घरों में नमाज अदा कर रहे हैं और इसका शुक्रवार से कोई लेना देना नहीं है.
क्यों कि ये लॉक डाउन कोरोना के मद्देनजर किया जा रहा है तो राज्य में कोरोना के मामलों पर बात करना भी हमारे लिए बहुत ज़रूरी हो जाता है. फिलहाल पश्चिम बंगाल में कोरोना मरीजों की संख्या 60 हज़ार से अधिक है और इसमें भी एक्टिव मरीजों की संख्या 40 हज़ार से ऊपर है. कोरोना के चलते पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा दिल दहला देने वाले मौत के आंकड़े हैं. ध्यान रहे कि पश्चिम बंगाल में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1449 है.
साफ़ है कि एक मुख्यमंत्री के रूप में जो फैसला ममता बनर्जी ने लिया है उसपर प्रतिक्रियाओं का आना और आलोचना का होना स्वाभाविक था. आइये नजर डालते हैं सोशल मीडिया का जहां इस मामले के तहत एक से एक दिलचस्प बातें निकलकर सामने आ रही हैं.
This is Bengal! Biased Bengal.25/7 Saturday lockdown8/8 Saturday lockdown1/8 Saturday NO LOCKDOWN.Why? As Bakra Idd 5/8 Wednesday lockdown.Why? Ram Janmabhoomi Silanyas.This is how Hindu festivals are treated by Mamata gov. #RamMandir pic.twitter.com/EpzkTVJiIl
— Arjun Singh (@ArjunsinghWB) July 28, 2020
@shekharmcs नाम के यूजर ने ममता की इस घोषणा को साफ़ तौर से तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है.
Appeasement lockdown: Bengal Govt extends weekly lockdown till Aug 31, gives relaxation fr Bakra EidMamta Govt has decided to continue lockdown fr two days per week through August. The govt has exempted Bakra Eid from lockdown but has request people to celebrate indoor. pic.twitter.com/7JRctX4cks
— Chandra Shekhar ???????? (@shekharmcs) July 28, 2020
मामले पर @TheRoyalRaajput नाम के यूजर ने ममता बनर्जी पर दोहरी नीति अपनाने के आरोप लगाए हैं.
Mamta Bano Hypocrisy..No Lockdown on Bakri Eid but Lockdown on 5th August on the Day of Bhoomi Pujan of Ram Mandir. https://t.co/bRlWpUwPVq
— Rajeev Rajput (@TheRoyalRaajput) July 28, 2020
सोशल मीडिया पर ऐसी यूजर्स की भी एक बड़ी संख्या है जो इस मामले को 5 अगस्त को अयोध्या में हो रहे भूमि पूजन से जोड़कर देख रहे हैं.
No Lockdown on Bakrid and Strict Lockdown when 500+ years wait would be over and Bhagwan Ram Mandir Bhumi Poojan would be done, Hindus would celebrate!In short Muslims can celebrate but Hindus can't, That's Mamta.Jai Sri Ram with Saffron flag is all set for Bengal's revival https://t.co/oslJ3oI4Jh
— संवैधानिक डकैत (@Shivam_h9) July 28, 2020
मामला चूंकि बंगाल और अपनी सेक्युलर छवि के कारण लोकप्रिय ममता बनर्जी से जुड़ा है इसलिए सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर चुटकी लेने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं.
Mamta Didi is so considerate to decrare lockdown on 5th August so that people can watch Bhoomi pujan live on TV. Suggestion to people of WB to buy candles and Diyas on 4th to celebrate Diwali.Thanks to @MamataOfficial Jai Shriram !
— Yogesh Gaur (@yogeshdgaur) July 29, 2020
बहरहाल, ममता का फैसला है ही ऐसा कि आलोचना होनी ही थी. कह सकते हैं कि अगर ममता वाक़ई राज्य में कोरोना के लिए फिक्रमंद होतीं तो तुष्टिकरण को ताख पर रखकर एक ऐसा फैसला लेतीं जो निष्पक्ष होता मगर जिस तरह उन्होंने एक समुदाय को खुश करने के लिए एक बड़ी चूक को अंजाम दिया है इसका खामियाजा उन्हें आने वाले चुनावों में भुगतना होगा.
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