New

होम -> सियासत

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 01 अप्रिल, 2016 08:48 PM
राहुल मिश्र
राहुल मिश्र
  @rmisra
  • Total Shares

बांग्लादेश में पनप रही भारत विरोधी मानसिकता को समझने का मौका देता है वहां के क्रिकेटर मुशफिकुर रहीम का विवादास्पद ट्वीट. टी20 वर्ल्डजकप के सेमीफाइनल में वेस्ट इंडीज से भारत को मिली हार पर वे क्यों खुश हो रहे हैं, यह समझने की कोशिश...

कभी पूर्वी पाकिस्तान रहा बांग्लादेश आज यदि आजाद देश है तो उसमें भारत की भूमिका मां की तरह है. पाकिस्तानी सेना के जुल्म, कत्लेआम और बलात्कार से उसे भारत ने बचाया. वहां की मुक्ति बाहिनी को पूरा समर्थन दिया. 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश आजाद हो गया. आजाद बांग्लादेश भारत की तर्ज पर एक सेक्युलर लोकतंत्र की राह पर जाना चाहता था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और इस्लामिक कट्टरपंथियों के दबाव में 1988 में पाकिस्तान की तर्ज पर बांग्लादेश ने भी खुद को इस्लामिक राज्य घोषित कर दिया.

...और हिंदू कम होते चले गए
भारत की आजादी के पहले से मुस्लिम बहुत पूर्वी बंगाल में हिंदुओं का दमन शुरू हो चुका था. आजाद होने के बाद ईस्ट पाकिस्तान में 1971 तक बड़ी संख्या में हिंदुओं का कत्लेआम हुआ. लेकिन पाकिस्तान से आजाद होने के बाद भी बांग्लादेश में हिंदुओं का दमन नहीं रुका और अभी तक जारी है. बांग्लादेश में सेंसस के सरकारी आंकड़े दिखा रहे हैं कि किस तरह वहां हिंदुओं की संख्या लगातार गिरती रही है. वजह था इस्ला मिक कट्टरपंथ. आंकड़े भी दिखा रहे हैं कि किस तरह दशक दर दशक मुसलमानों की संख्या बढ़ती रही और हिंदू सिमटते रहे.

इसे भी पढ़ें: ट्विटर पर ऐसे खेला गया भारत - वेस्ट इंडीज सेमीफाइनल

बांग्लादेश में हिंदू-मुस्लिम जनसंख्या

copy_040116083446.jpg
 


अब भारत भी दुश्म-न है
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले में बांग्लादेशी दर्शकों का झुकाव इस मसले का साफ करता है. वे पाकिस्तान को सपोर्ट करते हैं. खैर, यह खेल है, कोई किसी को भी सपोर्ट कर सकता है. लेकिन लेखिका तस्लीमा नसरीन इस समर्थन का विश्लेेषण कुछ इस प्रकार करती हैं- ‘बांग्लादेशी मुस्लिम अब पाकिस्तानी सेना के जुल्म, कत्लेेआम और बलात्कार को भूलकर पाकिस्तानी टीम को सपोर्ट कर रही है, उसकी वजह सिर्फ मजहब है. धार्मिक कट्टरता है.’

इसे भी पढ़ें: बांग्‍लादेश वाले मैच के रन आउट का देखिए नाटकीय रूपांतरण...

खेल नहीं, धार्मिक लड़ाई
इस कट्टरता को एशिया कप शुरू होने से पहले सोशल मीडिया में शेयर हुए एक विवादास्पद पोस्टर से समझा जा सकता है. बांग्लादेश में बनाए गए इस पोस्टीर में बॉलर तस्किन अहमद के एक हाथ में तलवार तो दूसरे हाथ में भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के कटे हुए सिर को दिखाया गया. इससे पहले बांग्लादेश में वन-डे हारने पर भारतीय टीम का एक और पोस्टर वहां खूब चर्चित हुआ, जिसमें बताया गया कि मुशफिकुर रहीम ने किस तरह भारत के सभी बड़े क्रिकेटरों का सिर मूड़ दिया है.

mush_650_040116083911.jpg
मुशफिकुर रहीम

वहीं जब सेमीफाइनल में भारत की वेस्टइंडीज के हाथों हार होती है तो बांग्लादेश के पूर्व कप्तान मुशफिकुर रहीम खुशी जाहिर करते हैं.

यह नफरत महज इसलिए कि पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश भी अब एक इस्लामिक राज्य है और हिंदुओं से नफरत करना उनका धर्म सिद्ध अधिकार है. यही वजह है कि वेस्टइंडीज से भारत की हार में भी वे खुशी मनाते हैं. वैसे ही जैसे पाकिस्तान में भारत से मिली हार पर अफरीदी पूरे मुल्क से माफी मांगते हैं. उनके लिए भारत से मैच हारना धार्मिक गुनाह से कम नहीं है.

लेखक

राहुल मिश्र राहुल मिश्र @rmisra

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में असिस्‍टेंट एड‍िटर हैं

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय