डीजल-पेट्रोल से ज्यादा महंगी पड़ गई भारत बंद की राजनीति
यूं तो ये बंद पूरी तरह से अंहिसात्मक होना था, लेकिन इस बंद ने कई जगह हिंसा का रूप ले लिया, जिसके शिकार बच्चे तक हुए हैं. चलिए जानते हैं कांग्रेस के भारत बंद से जनता को क्या मिला और उन्होंने क्या कुछ खो दिया?
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कांग्रेस ने आज भारत बंद का आह्वान किया था, जिसमें अधिकतर विपक्षी पार्टियां उनके साथ भी दिखाई दीं. हालांकि, रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में मंच पर बसपा, सपा और आप का ना होना विपक्षी एकता पर सवालिया निशान भी लगा रहा है. कांग्रेस ने भारत बंद का आह्वान डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए किया था, ताकि कीमतें कम करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सके. हालांकि, इन सबके बावजूद सोमवार को भी दामों में बढ़ोत्तरी हुई, जिसके बाद दिल्ली में डीजल 72.51 रुपए और पेट्रोल 80.38 रुपए प्रति लीटर हो गया. यूं तो ये बंद पूरी तरह से अंहिसात्मक होना था, लेकिन इस बंद ने कई जगह हिंसा का रूप ले लिया, जिसके शिकार बच्चे तक हुए हैं. चलिए जानते हैं कांग्रेस के भारत बंद से जनता को क्या मिला और उन्होंने क्या कुछ खो दिया?
यूं तो ये बंद पूरी तरह से अंहिसात्मक होना था, लेकिन इस बंद ने कई जगह हिंसा का रूप ले लिया.
एक पिता ने अपनी बेटी खो दी
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट करते हुए कहा है कि बिहार में एंबुलेंस समय रहते अस्पताल नहीं पहुंच पाने की वजह से 2 साल की एक बच्ची की मौत हो गई है. राहुल गांधी जवाब दें कि इसका जिम्मेदार कौन है? ये घटना बिहार के जहाना बाद की है. भारत बंद की वजह से बच्ची के पिता को कोई वाहन नहीं मिला, जिसकी वजह से वह समय से अस्पताल नहीं पहुंच सकी. दो दिन से बच्ची की तबियत खराब थी. वहीं दूसरी ओर जहानाबाद के एसडीओ ने कहा है कि बच्ची की तबियत पहले से ही खराब थी और घरवालों ने उसे अस्पताल ले जाने में देरी की. एसडीओ ने परिजनों और भाजपा के उस आरोप को गलत बता दिया है कि जाम में फंसने की वजह से एंबुलेंस अस्पताल नहीं पहुंच सकी. उन्होंने कहा है कि इसका भारत बंद से कोई संबंध नहीं है. ये मामला भी देखकर साफ पता चल रहा है कि एक मासूम बच्ची की मौत अब सियासी हो चुकी है, जिस पर भाजपा-कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लगाएंगे.
बिहार में एम्बुलेंस समय रहते हॉस्पिटल नहीं पहुंच पाई जिसके कारण 2 साल की बच्ची की दुखद मौत हो गयी, राहुल गांधी जवाब दें कि इसका जिम्मेदार कौन है ? श्री @rsprasad pic.twitter.com/9vCpzCPW01
— BJP (@BJP4India) September 10, 2018
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव रामलीला मैदान में राहुल गांधी के साथ भले ही खड़े नहीं दिखे, लेकिन विपक्ष के बंद का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को खुद पर इतना घमंड हो गया है कि आज विपक्ष के भारत बंद आह्वान के बावजूद उन्होंने तेल कीमतें बढ़ाई हैं. सरकार अभी भी कह सकती है कि महंगाई से विकास होता है.
The BJP government is so proud of themselves that even today when the Opposition has called for a 'bandh' they have increased fuel price in some places. Government can even say that inflation will bring development: Former UP CM Akhilesh Yadav #BharatBandh pic.twitter.com/GRsfBwL7fb
— ANI UP (@ANINewsUP) September 10, 2018
मुंबई के बाद पटना देश का दूसरा ऐसा राज्य है, जहां पर डीजल-पेट्रोल की कीमतें सबसे अधिक हैं. यहां पेट्रोल की कीमत 86.69 रुपए और डीजल 78.24 रुपए प्रति लीटर हो गया है. मुंबई और पटना में ही सबसे अधिक विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिल रहा है और राजनीति भी खूब हो रही है.
भाजपा सांसद अनिल शिरोले ने पुणे में स्कूल बस पर हमला करने की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर ट्वीट की हैं. उन्होंने दावा किया है कि केलम स्कूल बस पर भारत बंद के तहत प्रदर्शन कर रहे लोगों ने हमला किया है और जब हमला किया गया, तब स्कूल बस में बच्चे भी मौजूद थे. हालांकि, जब इंडिया टुडे ने संस्कृत स्कूल के प्रिंसिपल प्रनीत मुंगली से बात की तो पता चला इस स्कूल बस को न तो भारत बंद के प्रदर्शन के दौरान तोड़ा गया है ना ही हमले के वक्त बस में कोई बच्चा या स्टाफ मौजूद था. दरअसल, इस बस को एक रात पहले तोड़ा गया है, जिस समय वह पार्किंग में खड़ी थी. भारत बंद को लेकर राजनीति कितनी गरम हो चुकी है, ये छोटी से घटना से भी उसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
So called ‘Opposition Parties’ u have every right to protest but misguiding youth, targeting innocent school children, destroying public property & trying to instill fear in citizens for ur own cheap political gains is really deplorable. Shows Pathetic desperation of ur leaders pic.twitter.com/ioYcSWewfg
— Anil Shirole (@AnilShiroleBJP) September 10, 2018
भारत बंद एक राजनीतिक फैसला है तो इसमें राजनीति तो होनी ही थी. कपिल मिश्रा भी इस राजनीतिक बहस में कूद पड़े हैं. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए राहुल गांधी और संजय सिंह पर हमला बोला है.
राहुल गांधी बोल रहे हैं और पीछे बैठे संजय सिंह ताली बजा रहे हैअगर मोदी ना होते तो इन रंगे हुए सियारों की पोल इतनी जल्दी नहीं खुल पाती #BharatBandh
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) September 10, 2018
बिहार में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तो कई गाड़ियों को तोड़ डाला.
Jan Adhikar Party workers vandalise vehicles during #BharatBandh protest in Patna against fuel price hike. #Bihar pic.twitter.com/3SX1WRiPps
— ANI (@ANI) September 10, 2018
मध्य प्रदेश के उज्जैन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक पेट्रोल पंप पर तोड़-फोड़ मचाई.
Madhya Pradesh: Congress workers vandalise a petrol pump in Ujjain during #BharatBandh protests pic.twitter.com/LKJy97Vy6c
— ANI (@ANI) September 10, 2018
अभी तो रविशंकर प्रसाद की पार्टी सत्ता में है तो वह कह रहे हैं कि डीजल-पेट्रोल के दाम उनके हाथ में नहीं है. लेकिन जब भाजपा सत्ता से बाहर थी, तब वह खुद भी यह बात समझने को तैयार नहीं थे और कुछ और ही बात कहते थे. देखिए तब क्या-क्या कहा करते थे रविशंकर प्रसाद.
@rsprasad सत्ता में आने से पहले आपके यह बोल हुआ करते थे, महोदय क्या सत्ता की गद्दी पर बैठने के बाद गिरगिट की तरह रंग बदल जाते हैं ??#BharatBandh #BharathBandh #PetrolDieselPriceHike #MehangiPadiModiSarkar #MondayMotivation #MumbaiBandh #Congress #ModiGovernment pic.twitter.com/hcHAHLuonj
— Varun Tomar (@varun11_tomar) September 10, 2018
यूं तो मध्य प्रदेश के उज्जैन में पेट्रोल पंप पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तोड़-फोड़ की है, लेकिन कांग्रेस के अजय माकन का कहना है कि कांग्रेस ने हर पेट्रोल पंप पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया है. पेट्रोल पंप पर खड़ी बैलगाड़ी को ही अपना स्टेज बनाकर अजय माकन ने विरोध प्रदर्शन किया.
आज #BharatBandh के दौरान, पेट्रोल पम्प पर खड़ी हुई बैल गाड़ी ही बनी हमारी स्टेज!क्योंकि #MahangiPadiModiSarkar दिल्ली के सभी पेट्रोल पम्पों पर कांग्रेस का शांतिपूर्ण प्रदर्शन! pic.twitter.com/J7dEf44ZM3
— Ajay Maken (@ajaymaken) September 10, 2018
कुछ लोग कांग्रेस और भाजपा के कार्यकाल के दौरान डीजल-पेट्रोल की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी को लेकर भी ट्वीट कर रहे हैं.
Petrol price increased 42 Rs in 10 years of UPA and 5 Rs in 4.5 years of Modi.
— अंकित जैन (@indiantweeter) September 10, 2018
जहां एक ओर कांग्रेस डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के लिए भारत बंद कर रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों को यह विरोध भी पसंद नहीं है. उनका कहना है कि भले ही पेट्रोल 200 रुपए हो जाए, लेकिन कांग्रेस नहीं चाहिए. पिछले सालों में सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस से कुछ लोग इतने परेशान हैं कि वह किसी भी हालत में दोबारा उन्हें मौका नहीं देना चाहते.
देश की जनता बोल रही है के 200 रुपिया वाला पेट्रोल चलेगा पर कांग्रेस नही चाहिए.#BharatBandh #CongressDividingIndia #ModiFor2019 @rssurjewala @priyankac19 @anjanaomkashyap @sardanarohit @sudhirchaudhary @TajinderBagga @manakgupta @KapilMishra_IND @Being_Humor @sanjivbhatt pic.twitter.com/iDsabZaMTV
— PRAKASH PANDYA (@prakashpandya7) September 10, 2018
राहुल गांधी ने अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर भारत बंद का आह्वान तो किया, लेकिन शायद जैसा सोचा था, वैसा हुआ नहीं. विपक्षी एकता तक देखने को नहीं मिली. राहुल गांधी के साथ मंच पर बसपा, सपा, आप और टीएमटी दिखाई ही नहीं दी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तो फिर भी अप्रत्यक्ष रूप से बंद का समर्थन कर दिया, लेकिन कोलकाता में तो टीएमसी का कोई कार्यकर्ता विरोध प्रदर्श के लिए सड़क पर ही नहीं उतरा. कांग्रेस के भारत बंद के आह्वान का सबसे अधिक असर मुंबई और बिहार में देखने को मिला, जहां डीजल-पेट्रोल के दाम सबसे अधिक हैं. विरोध प्रदर्शन उग्र भी हो गया, जिसके चलते हिंसा तक हो गई. मोदी सरकार भी भारत बंद से जरा सा भी नहीं डरी और भारत बंद के दिन भी डीजल-पेट्रोल की कीमतों में तगड़ा उछाल देखने को मिला. अब देखना ये होगा आगे भी सरकार दाम बढ़ाती ही रहती है या फिर भारत बंद का कोई असर देखने को मिलता है.
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