एक 'माफिया डॉन' बीजेपी में एंट्री लेकर संस्कारी कैसे हो गया!
साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिए जाने के बाद भाजपा एक बार फिर तीखी आलोचना झेल रही है, क्योंकि इस बार भाजपा में शामिल हुआ शख्स माफिया डॉन रह चुका है.
-
Total Shares
साध्वी प्रज्ञा को जब भाजपा ने भोपाल से टिकट दी तो भाजपा की बहुत आलोचना की गई कि कैसे भाजपा ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी रहीं प्रज्ञा ठाकुर को प्रत्याशी बना दिया. साध्वी अभी भी मालेगांव मामले में निर्दोष साबित नहीं हुईं हैं और बेल पर बाहर हैं इसलिए लोगों को बोलने का मौका मिला. लेकिन बेल पर बाहर आया व्यक्ति अगर चुनाव लड़े तो ये कहीं न कहीं अजीब तो लगता है.
कानूनन साध्वी पज्ञा चुनाव लड़ सकती हैं तभी लड़ रही हैं. लेकिन कहीं न कहीं इससे भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचता है. लेकिन अगर कानून न तोड़ा जा रहा हो तो छवि भाजपा के लिए मायने नहीं रखती. और शायद इसीलिए भाजपा एक बार फिर आलोचनाओं का शिकार हो रही है. इस बार बिहार के माफिया डॉन राजन तिवारी को भाजपा में शामिल कर लिया गया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता आशुतोष टण्डन ने राजन तिवारी को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई.
राजन तिवारी की उपलब्धि ये है कि वो बिहार के माफिया डॉन रह चुके हैं
कहा जा रहा है कि राजन को चुपके से भाजपा की सदस्यता दिलाई गई है. चुपके से क्यों, कारण हम बताते हैं-
राजन तिवारी का बायोडेटा ही कुछ ऐसा है
राजन तिवारी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले का रहने वाला है, यहीं पढ़ा-लिखा लेकिन युवा अवस्था में अपराध की दुनिया में कदम रख लिया. राजन को कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला का साथी बताया जाता है. जिसका नाम कई आपराधिक घटनाओं में शामिल रह चुका है. और एक समय वो पुलिस की वॉन्टेड लिस्ट में भी था. लेकिन फिर वो यूपी से बिहार भाग गया. फिर बिहार के अपराध जगत में भी खूब नाम कमाया. 1998 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद जो अस्पताल में भर्ती ते वहां उनकी निर्मम हत्या कर दी गई. 2009 में सीबीआई की एक अदालत ने श्रीप्रकाश शुक्ला और राजन तिवारी समेत 5 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई. हालांकि 2014 में पटना हाई कोर्ट ने सभी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. लेकिन तभी से राजन तिवारी के नाम के आगे बाहुबली जुड़ गया.
सजा होने से पहले राजन तिवारी की दिलचस्पी राजनीति में होने लगी थी और बिहार से वो दो बार विधायक भी बने. जेल से बाहर आए तो आरजेडी में शामिल हुए. साल 2017 में यूपी में वापसी करने का मन हुआ तो बसपा के साथ हो लिए और अब बीजेपी में शरण मिली. वर्तमान में इनपर हत्या, लूट और अपहरण के 10 से ज्यादा मामले दर्ज हैं.
राजन तिवारी को मिला भाजपा का साथ
तो ये हैं भाजपा में शामिल हुए इस नए राजन तिवारी का बायोडाटा जो लोगों को चुभ रहा है. चुभना स्वाभाविक भी तो है. लेकिन बताया जा रहा है कि तिवारी के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को पूर्वांचल में फायदा मिल सकता है इसलिए भाजपा को कोई समस्य नहीं है.
सोशल मीडिया पर भाजपा की खूब आलोचनाएं हो रही हैं. भाजपा का party with a difference कहा जा रहा है.
बिहार के माफिया डॉन राजन तिवारी ने भाजपा जॉइन की....
अपराधी को चुपके से भाजपा जॉइन कराई गई....
आशुतोष टण्डन ने दिलाई माफिया को सदस्यता....
माफिया ने खाई कसम-फिर एक बार मोदी सरकार.....
पार्टी विद डिफरेंस को अब माफियाओं की दरकार,क्या ऐसे बनेगी फिर एक बार मोदी सरकार? pic.twitter.com/627MYgZJ1C
— Gaurav singh sengar (@sengarlive) May 3, 2019
कहा जा रहा है कि बिहार में जब किसी भी पार्टी ने उन्हें टिकिट देने से मना कर दिया तो वो भाजपा में शामिल हो गए.
बेतिया लोकसभा क्षेत्र से तेजस्वी से टिकट माँग रहे थे।तेजस्वी ने टिकट नहीं दिया तो तेजप्रताप को भड़काने पहुंच गए।वहाँ मामला सेट नहीं हुआ तो उपेंद्र कुशवाहा और कांग्रेस के पास गए।जब कहीं टिकट नहीं मिला हैं तो भाजपा शरणम् गच्छामि हो गए हैं और दिनभर तेजस्वी को अभद्र बोलते रहते हैं।
— Hridesh Raja (@raja_hridesh) May 3, 2019
बीजेपी वाले सपा को गुंडों की पार्टी कहते थे, अब क्या कहेगें...?? वैसे बीजेपी में आकर सब शुद्ध हो जाते हैं, ये भी शुद्ध हो गए। ये है न्यू इंडिया वाह अमित शाह????
— लगभग मुख्यमंत्री उत्तराप्रचंड वाले (@JaiSing90904643) May 3, 2019
इधर से अपराधी डालो, उधर से देशभक्त निकलेगा. बिहार का कुख्यात अपराधी राजन तिवारी कल लखनऊ में बीजेपी में शामिल हो गया.❤️ #वाह_मोदी_जी_वाह@SanjayAzadSln @AAPBihar @bihar pic.twitter.com/H5IMnaJr6Q
— Deepak Gupta (@K09Deepak) May 4, 2019
As honorable #RajanTiwari ji has joined the nationalist party @BJP4India , any one who will call #Rajan ji as Mafia don or goon , will be declared an anti national and will be sent to #Pakistan ..C.C. @girirajsinghbjp
— Hiren Antani (@HirenAntani) May 4, 2019
लोगों का ये भी कहना था कि प्रज्ञा आ सकती हैं तो राजन क्या चीज हैं
जब प्रज्ञा ठाकुर आ सकती है तो राजन तिवारी क्या चीज है.....
— JAINENDRA (@Jainendra_pbh) May 3, 2019
लोगों ने बाकी अपराधियों का नाम भी गिनाए और कहा कि इन्हें भी भाजपा में शामिल कर लेना चाहिए.
अरे चौकीदार जी कुछ ही आतंकी बचे हैं लगे हाथ दाऊद इब्राहिम को भी टिकट देदो शायद बीजेपी जीत जाए,,????????????
— ????????MKD???????? परिवार???????? (@mrkrishnaparsha) May 3, 2019
हालांकि बहुत से लोग ऐसे भी थे जिन्होंने राजन तिवारी को 'शेर-ए-बिहार' की उपाधि भी दे डाली और भाजपा में शामिल होने के पीछे बड़े ही रोचक कारण दिए.
जब लड़ाई में सामने वाले सारे चोर उच्चके और डाकू हो तो मुकाबला रोचक बनाने के लिए ऐसा करना पड़ता है l वैसे इतिहास गवाह है कि संगत अच्छी होने से एक डाकू भी संत बन जाता है वही गलत संगत में एक देशप्रेमी भी पाक प्रेमी बन जाता है l
— चोकीदार Rajendra Singh Rao (@Rajendra081284) May 4, 2019
शेरे-ऐ-बिहार राजन तिवारी जी का भी भाजपा रूपी गंगा में हार्दिक स्वागत बा !!#नमोअगेन
— चौकीदार इन्द्रेश मिश्र(सोनू) (@UPindreshMishra) May 4, 2019
ऐसे में भला बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव को बुरा क्यों नहीं लगेगा
तो राजन तिवारी का भाजपा में शामिल होना भले ही लोगों को खटक रहा हो लेकिन राजन के भाजपा में आने के जो कारण हैं वो पार्टी को उनके हित में ही नजर आते हैं. हो सकता है कि भाजपा में शामिल होने पर राजन तिवारी के पाप धुल जाएं, लेकिन इस बात पर बहस हमेशा होती रहेगी क्योंकि आरोपी या अपराधी दोनों ही समाज को फूटी आंख नहीं सुहाते. एक बार को पब्लिक अभिनेता को नेता बनते देख सकती है, लेकिन एक माफिया डॉन को सत्ता में देखना भला कौन चाहेगा?
ये भी पढ़ें-
Rahul Gandhi Interview: अहम मुद्दों पर राहुल की राय वोटरों को कितना प्रभावित करेगी?
अभिमन्यु की तरह लखनऊ में घिर ना जायें राजनाथ !
शाह के नामांकन में उद्धव-बादल-पासवान सभी पहुंचे - नीतीश क्यों नहीं आये?
आपकी राय