कंगना रनौत से महाराष्ट्र बीजेपी नेताओं ने दूरी बना रखी है, लेकिन क्यों?
शिवसेना भी डंके की चोट पर कह रही है कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को बीजेपी का सपोर्ट मिल रहा है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि महाराष्ट्र बीजेपी के नेता (Maharashtra BJP Leaders) कंगना रनौत से दूरी बनाये हुए हैं. कंगना अब तक सिर्फ रामदास अठावले और राज्यपाल से मिल पायी हैं.
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कोई भी चीज फ्लॉन्ट करने का भी अलग ही फैशन है - राज्यपाल (Governor) भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) हाथ में कमल का फूल लिये ऐसी अदा के साथ पेश आ रही थीं - जैसे राजभवन नहीं बल्कि बीजेपी के दफ्तर से बाहर आ रही हों. महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिलने कंगना रनौत अपनी बहन रंगोली के साथ गयी थीं. राज्यपाल से मिलने से पहले कंगना रनौत ने अपने घर पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी. करणी सेना ने भी कंगना रनौत का सपोर्ट किया है. खास बात ये है कि कंगना रनौत की अब तक महाराष्ट्र बीजेपी के किसी नेता (Maharashtra BJP Leaders) से मुलाकात नहीं हुई है.
कंगना रनौत ने बताया है कि राज्यपाल से मिलकर उन्होंने अपने दफ्तर में बीएमसी के एक्शन के बारे में जानकारी दी और इंसाफ दिलाने की गुजारिश की है. बीएमसी के खिलाफ कंगना रनौत ने अदालत में पहले ही इंसाफ की गुहार लगा रखी है - और बीएमसी कोर्ट से ग्रीन सिग्नल मिलते ही कंगना के घर पर एक्शन का इंतजार कर रही है.
कंगना का राजनीति से लेना देना क्यों नहीं है?
राजभवन के बाहर जब कंगना रनौत मीडिया के कैमरों से मुखातिब हुईं तो उनके हाथ में कमल का फूल था और जुबां पर डिस्क्लेमर - "मेरा पॉलिटिक्स से लेना-देना नहीं है."
कंगना रनौत ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिल कर उन्होंने बताया कि कैसे उनके साथ नाइंसाफी हुई है. बोलीं, 'जिस तरह से मेरे साथ जो सलूक हुआ है उसे बारे में बात हुई है. मैं उम्मीद करती हूं कि मुझे न्याय मिलेगा ताकि युवा लड़कियों सहित सभी नागरिकों का विश्वास सिस्टम में बना रहेगा - मैं सौभाग्यशाली हूं कि राज्यपाल ने एक बेटी की तरह मेरी बात सुनी.'
कंगना रनौत को लेकर आरपीआई नेता रामदास अठावले भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर चुके हैं - और उनको मुआवजा देने की मांग कर रखी है. रामदास अठावले राज्यपाल से मुलाकात से पहले कंगना रनौत से मिलने उनके घर भी गये थे.
वैसे खुद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी कंगना रनौत के दफ्तर पर बीएसमी की कार्रवाई पर नाराजगी जतायी थी. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रमुख सलाहकार अजॉय मेहता को तलब कर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
कंगना रनौत भले ही कमल का फूल दिखायें - लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि महाराष्ट्र बीजेपी के किसी भी नेता ने अब तक उनसे भेंट नहीं की है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे सरकार की इस बात के लिए आलोचना जरूर की है कि जितनी तत्परता कंगना रनौत के दफ्तर में तोड़ फोड़ में दिखायी गयी, कभी दाऊद इब्राहिम की प्रॉपर्टी को लेकर सरकार ने नहीं दिखायी - लेकिन न तो उनका कोई प्रतिनिधि कंगना रनौत से मिलने गया और न ही कंगना रनौत ने खुद मुलाकात की.
कंगना ने राज्यपाल से मिल कर बीएमसी के एक्शन को लेकर न्याय की गुहार लगायी है, जबकि बीएमसी की नजर दफ्तर के बाद उनके घर पर है
बेशक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री कंगना रनौत के सपोर्ट में खुल कर खड़े हैं, लेकिन महाराष्ट्र बीजेपी के नेता बचने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल, शिवसेना कंगना रनौत के मुंबई के PoK वाले बयान को मुद्दा बना रही है जो ऐसा मुद्दा है कि महाराष्ट्र में राजनीति करने वाला कोई भी दल का नेता समर्थन नहीं कर सकता. खुद देवेंद्र फडणवीस भी कह चुके हैं कि बीजेपी कंगना के उस बयान का समर्थन नहीं करती.
ऐसे में कंगना रनौत को शिवसेना से अपने साथ साथ बीजेपी के लिए भी जूझना पड़ रहा है. संजय राउत के बीजेपी पर हमले वाली खबर के लिंक के साथ कंगना रनौत ने तंज के साथ ट्विटर पर लिखा है - 'वाह, बदकिस्मती है कि बीजेपी एक ऐसे व्यक्ति को बचा रही है जिसने ड्रग्स और माफिया रैकेट का भांडा फोड़ा. बीजेपी को शिवसेना के गुंडों को मेरा मुंह तोड़ देने, रेप करने या लिंच करने देने चाहिये - नहीं संजय जी? आखिर उनकी हिम्मत कैसे हुई एक युवती को बचाने की जो माफिया के खिलाफ खड़ी हुई है.'
Wow!! Unfortunate that BJP is protecting someone who busted drug and mafia racket, BJP should instead let Shiv Sena goons break my face,rape or openly lynch me, nahin Sanjay ji? How dare they protect a young woman who is standing against the mafia!!! https://t.co/xnspn8yeSW
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 13, 2020
कंगना रनौत लाख कहें कि राजनीति से उनका कोई लेना देना नहीं है, लेकिन रामदास अठावले ने पहले ही तस्वीर साफ कर दी है. रामदास अठावले का कहना है कि अगर कंगना हमारी पार्टी में आएंगी तो उन्होंने कुछ खास फायदा नहीं होगा - लेकिन अगर वो बीजेपी में शामिल होती हैं तो उनको राज्ससभा की सीट मिल सकती है.
कंगना रनौत को बीजेपी की ही केंद्र सरकार की तरफ सुरक्षा मुहैया करायी गयी है. महाराष्ट्र से बाहर के बीजेपी नेता जिनमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी शामिल हैं, खुल कर सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा ताज्जुब की बात ये है कि महाराष्ट्र बीजेपी के नेता उनसे दूरी बना कर चल रहे हैं.
दफ्तर के बाद BMC के टारगेट पर कंगना का फ्लैट
कंगना रनौत के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से पंगा लेने के बाद, एक तरफ शिवसेना जहां उनके खिलाफ मुंबई और महाराष्ट्र में जनमत तैयार कर रही है, ऐन उसी वक्त बीएमसी की निगाह उनके दफ्तरे के बाद उनके फ्लैट पर जा टिकी है.
बीएमसी का कहना है कि कंगना रनौत के फ्लैट में उनके दफ्तर के मुकाबले नियमों का कहीं ज्यादा उल्लंघन हुआ है. कंगना के फ्लैट के अवैध निर्माण को लेकर पहले से ही कोर्ट में केस चल रहा है - 25 सितंबर को उसकी सुनवाई होनी है. 22 सितंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट में कंगना रनौत के दफ्तर में बीएमसी के तोड़ फोड़ के मामले में सुनवाई होनी है.
कंगना रनौत के जिस घर में अवैध निर्माण की बात हो रही है खार पश्चिम में 16 नंबर रोड पर एक इमारत की पांचवी मंजिल पर है - जहां कंगना ने तीन फ्लैट ले रखे हैं. ये तीनों फ्लैट कंगना रनौत के नाम से मार्च, 2013 में रजिस्टर्ड हुए थे.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंगना रनौत के फ्लैट लेने के पांच साल के बाद किसी ने अवैध निर्माण की शिकायत कर दी थी. शिकायत पाकर बीएमसी ने फ्लैट का मुआयना किया और फिर अवैध निर्माण कराये जाने को लेकर नोटिस थमा दी.
कंगना ने बीएमसी के नोटिस को सिविल कोर्ट में चैलेंज किया था. बीएमसी ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट से कार्रवाई की इजाजत की गुजारिश की है. अगर कोर्ट में बीएमसी कंगना के घर हुए अवैध निर्माण को गलत साबित कर देती है तो एक्शन तो वहां भी होना तय ही है.
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