पोर्न बैन से पीछे हटना मोदी सरकार के लिए झटका
सरकार मौत की सज़ा या ललितगेट पर उपजे जन आक्रोश पर शायद नरम नहीं हो सकती लेकिन उसने पोर्न साइट देखने वालों के तर्क में वजह तलाशने की शुरुआत कर दी है. हम अभी भी अच्छे दिन का इंतजार कर रहे हैं, अच्छी रातें जल्द ही वापस आ सकती हैं.
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जब मोदी सरकार को भूमि अधिग्रहण विधेयक मामले को संभालने में ही महीनों लग गए थे, ऐसे में जनसंपर्क से जुड़े मामले को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है. सरकार पोर्न साइटों को ब्लॉक करने पर तेजी से अपना मन बदल रही है, आप इसकी तुलना में XXX भी नहीं कह सकते. सरकार मौत की सज़ा या ललितगेट पर उपजे जन आक्रोश पर शायद नरम नहीं हो सकती लेकिन उसने पोर्न साइट देखने वालों के तर्क में वजह तलाशने की शुरुआत कर दी है. हम अभी भी अच्छे दिन का इंतजार कर रहे हैं, अच्छी रातें जल्द ही वापस आ सकती हैं. जा सिमरन, जी ले अपनी जिंदगी.
अविश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार बड़े दबाव में है, इसकी वजह केवल ट्विटर पर चल रहे चुटकुले ही नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी भी है. कर्नाटक और गुजरात के भाजपा नेताओं ने संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद को याद दिलाया कि अतीत में सत्र के दौरान विधानसभा में उनके अपने ही विधायक पोर्न देखते हुए पकड़े गए थे. कर्नाटक की राजधानी बंगलौर भारत की सिलिकॉन वैली है, तो हम सभी जानते हैं कि गुजरात धरती पर स्वर्ग है. जब ये राज्य विधानसभा में पोर्न देखने वाले भाजपा विधायकों के साथ इतनी अच्छी तरह से समृद्ध हो सकते हैं, तो पार्टी का तर्क चल सकता है, ऑनलाइन पोर्न निश्चित रूप से दुनिया में एक बार फिर भारत को सबसे महान राष्ट्र बनाने के लिए उपयोगी साबित होगा.
सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी पोर्न साइटस् को अनब्लॉक करने के पक्ष में खड़ा है ताकि वह पोर्न साइट के माध्यम से कामसूत्र और खजुराहो की मूर्तियों का उपयोग उदाहरण के रूप में करके यह दिखा सके कि पोर्नोग्राफी हिंदू विरोधी नहीं है.
प्रसाद ने स्वीकार किया कि वे ब्लॉकिंग के आदेश पर फिर से विचार कर रहे हैं ताकि लोग भारत सरकार की तुलना इस्लामी कट्टरपंथियों से न करें.
प्रसाद ने कहा कि "मैं इस आरोप को अस्वीकार करता हूं कि यह एक तालिबानी सरकार है, जैसा कि कुछ आलोचक कह रहे हैं. हमारी सरकार स्वतंत्र मीडिया की समर्थक है. सोशल मीडिया पर संचार का सम्मान करती है और हमेशा संचार की स्वतंत्रता का सम्मान किया है."
संचार की स्वतंत्रता का सम्मान करने के बड़े दावों के बावजूद वह नहीं समझा सके कि ब्लॉकिंग का आदेश सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया था. यह केवल तब पता चला, जब पोर्न देखने वाले रोज़ाना की तरह इसे देख पाने में सक्षम नहीं थे और उन्होंने अपने दोस्तों से पाइप लाइन से आदेश की एक लीक कॉपी हासिल करने के लिए कहा. वह यह भी नहीं समझा पाए कि अगर वे संचार की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं तो आईटी एक्ट की कठोर धारा 66A को वापस क्यों लाना चाहते हैं.
सरकार के स्पिन डॉक्टरों को तुरंत चाइल्ड पोर्न और सुप्रीम कोर्ट से ध्यान से हटाने के काम में लगा दिया गया. अब वे कहते हैं कि केवल चाइल्ड पोर्न वाली साइटों को ब्लॉक किया गया है और यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर की गई थी. स्पिन डॉक्टरों को लगा कि पोर्न देखने वाले गूगल के लिए भी बहुत ही गूंगे थे और उन्होंने पाया कि सुप्रीम कोर्ट ने वास्तव में ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है.
पोर्न देखने वाले मंत्री को नीचा दिखाने के इच्छुक नहीं है. इस बात से पता चलता है कि अतीत में उन्होंने पोर्नोग्राफी के खिलाफ मजबूत विचार व्यक्त किए थे. पिछले वर्ष सितम्बर में केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा था कि "देश के सांस्कृतिक मूल्यों के सम्मान के बड़े मुद्दे और भारतीय समाज की भावनाओं की जरूरत पर विचार किया जाना है. इस संदर्भ में हर संभव तरीके और साधन को तैयार किया जा सकता है."
अभी के लिए सरकार ने फैसला किया है कि वह साइट ब्लॉकिंग को गैरकानूनी बताने वाले आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं देगी. क्योंकि आईटी एक्ट के ब्लॉकिंग नियमों के मुताबिक "नैतिकता" के कारण साइटों को ब्लॉक किए जाने की अनुमति नहीं है.
सरकारी प्रचार में अहम भूमिका निभाने वाले, ट्विटर पर मोदी के भक्त भी पोर्न साइटों को अनब्लॉक किए जाने को लेकर भाजपा नेताओं और मंत्रियों के सामने कड़ी पैरवी कर रहे हैं. ट्विटर पर भारतीय सरकार को कुछ अंतरराष्ट्रीय पोर्न साइटों के नाराजगी भरे नोट भी मिल रहे हैं. एक मोदी भक्त बताते हैं कि गुस्से भरे ट्वीट उनका एकाधिकार हो गए हैं. "इसके अलावा" उन्होंने सीखा है कि शीर्ष सरकारी अधिकारियों को कैसे सूचित किया जाता है. "आप हमें कैसे पोर्न देखने नहीं देंगे? हम सारा दिन आप के लिए उदारवादी ट्रोल करते हैं."
यहां तक कि एक अंतरराष्ट्रीय पोर्न साइट को पता चला कि उसके कर्मचारी ने चेतन भगत को पढ़ा. एक और XXX साइट ने भारतीयों से कहा कि "अगली बार बेहतर वोट करें."
भाजपा के संकट प्रबंधकों ने कहा है कि ऑनलाइन पोर्न उपभोक्ताओं के बढ़ते वोट बैंक के खोने का डर है. उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि "एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में हम सिर्फ पोर्न उद्योग बंद करने का जोखिम नहीं उठा सकते."
सरकार ने अनजाने में 857 यूआरएल की अपनी सूची में कुछ गैर अश्लील साइटों को भी शामिल कर दिया है. इस तरह की एक वेबसाइट कॉलेज ह्यूमर ने एक लेख के साथ सरकार पर ट्राल किया है, "मैंने भारत के बारे में 12 तथ्य बनाए हैं क्योंकि वे अभी इस लेख को नहीं देख सकते हैं." कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं की एक आपात बैठक बुलाई और सरकार के पोर्न साइटों को अनब्लॉक किए जाने पर अपनी नई रणनीति बनाई. अब यह होगा कि पोर्नोग्राफी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सरकार पर हमला बोला जाएगा.
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