मेनका गांधी का एक 'भाई' गुजरात में मिला है!
गुजरात में भाजपा एमएलए ने एक ऐसा विवादित बयान दिया है जिसे सुनकर गुस्सा कम हंसी ज्यादा आ रही है. उनका दावा है कि मोदी जी सीसीटीवी के जरिए सब देख सकते हैं कि किसने किसे वोट दिया और जिसने भाजपा को वोट नहीं दिया उसे काम नहीं देंगे.
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लोकसभा चुनाव 2019 कई मायनों में अनोखा है क्योंकि इस चुनाव में कुछ ऐसे दावे किए जा रहे हैं जो पहले कभी नहीं हुए. जैसे हेमा मालिनी का मथुरा के लिए काम करना और भूल जाना, साक्षी महाराज का ये कहना कि अगर उन्हें वोट नहीं दिया गया तो उनमें श्राप देने की भी ताकत है, मेनका गांधी का ये कहना कि मुसलमानों ने अगर उन्हें वोट नहीं दिया तो वो किसी सरकारी मदद की उम्मीद न करें. इसी कड़ी में अब गुजरात में मेनका गांधी का एक 'भाई' मिल गया है. भाई इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वो बात पूरी तरह से ऐसी ही कर रहे हैं जैसी मेनका गांधी ने की थी.
ये भी भाजपा से संबंधित हैं. भाजपा विधायक रमेश कटारा के अनुसार जिसने भाजपा को वोट नहीं दिया उसे काम नहीं मिलेगा. जी हां, उसे सरकार की तरफ से कोई भी मदद नहीं मिलेगी. इसे धमकाना न कहा जाए तो आखिर क्या कहें?
रमेश कटारा के अनुसार मोदी जी सब देख सकते हैं!
उन्होंने ये पूरा बयान गुजराती में दिया. इस बयान को देते वक्त वो भाजपा का प्रचार कर रहे थे और दाहोद (गुजरात) के भाजपा उम्मीदवार जसवंत सिंह भाभोर को वोट देने की बात कह रहे थे.
भाजपा विधायक यहीं नहीं रुके. जोश-जोश में कुछ ऐसा कह गए जिसकी शायद उन्हें उम्मीद ही नहीं थी. उन्होंने तो खुद नरेंद्र मोदी पर ही आरोप लगा दिया.
"मोदी साब ने कैमरे लगवा दिए हैं, जो भाजपा को वोट नहीं देगा उसका पता चल जाएगा"
ये लाइन पढ़कर ही शायद आपको अजीब लगे, लेकिन वाकई इस भाजपा एमएलए ने ऐसी बातें कही हैं और ये इल्जाम लगाया (उनके हिसाब से वो तारीफ कर रहे थे शायद) कि नरेंद्र मोदी ने पोलिंग बूथ पर कैमरे लगवा दिए हैं और जो कांग्रेस को वोट देगा, जो भाजपा को वोट देगा उसकी जानकारी मिल जाएगी. आजकल तो आधार कार्ड और अन्य कार्ड में फोटो वगैराह सब होती है. अगर आपके बूथ से कम वोट मिले तो उन्हें पता चल जाएगा कि किसने किसे वोट दिया है और फिर काम नहीं मिलेगा.
BJP MLA from Fatehpura, Ramesh Katara: Who voted for BJP, who for Congress, it can be seen. Aadhaar Card & all cards have your photo now, if there are less votes from your booth then he will come to know who did not cast vote & then you will not get work. #Gujarat (15.04) (2/2) pic.twitter.com/JZT4azsRBD
— ANI (@ANI) April 16, 2019
क्या सच में CCTV होते हैं पोलिंग बूथ में?
इस बार से ऐसा किया जा रहा है कि पोलिंग बूथ में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा रहे हैं. ये मोदी जी नहीं बल्कि चुनाव आयोग करवा रहा है. और वो वोटर को देखने के लिए नहीं बल्कि चुनाव ड्यूटी कर रहे अधिकारियों को देखने के लिए है. चुनाव आयोग ने खास तौर पर ये निर्देश दिए हैं कि वोटर की पहचान छुपाई जाएगी. इन्हें लगवाने का कारण है ताकि ये देखा जा सके कि चुनाव प्रक्रिया सही चल रही है या नहीं.
इसमें कहीं भी नरेंद्र मोदी का हाथ नहीं है और ये तो कोई नहीं देख सकता कि वोट किस पार्टी को दिया गया है. पर शायद इसकी जानकारी विधायक जी को नहीं थी या तो उन्होंने सोचा कि इसकी जानकारी उन्हें सुनने वाली जनता को भी नहीं है तो जो भी बोला जाएगा वो सही है.
भाजपा विधायकों के इस तरह के बयान इन आम चुनावों में कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन यकीन मानिए ये कुछ नया ही था. अगर किसी भाजपा विधायक को ये भी नहीं समझ आ रहा है कि वो ऐसा बोलकर एक तरह से प्रधानमंत्री पर चुनावों में गलत तरीके से वोटरों की जानकारी पाने की कोशिश करने का इल्जाम लगा रहा हैं तो उन्हें विधायक बने रहने का कितना हक है ये तो नहीं पता.
यकीनन जब कटारा जी कह रहे थे कि, 'कोई गलती नहीं होनी चाहिए, भाजपा को ही वोट पड़ने चाहिएं' तब वो ये नहीं जानते थे कि सोशल मीडिया के इस युग में जहां वो जनता को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं वहां लगभग हर भारतीय के पास मोबाइल फोन हैं और वो जल्दी ही ब्रेकिंग न्यूज बन सकते हैं. अब खुले आम लोकतंत्र के सबसे बड़े चुनाव और चुनाव प्रक्रिया की धज्जियां उड़ा रहे हैं तो इतना तो बनता ही है.
या तो कटारा जी को चुनाव आयोग के नियमों की जानकारी नहीं थी या फिर उन्हें चुनावों की जानकारी ही नहीं थी जो वो आसानी से ये कह गए कि वोटरों की पहचान हो जाएगी. जब्कि चुनाव आयोग के नियम कहते हैं कि वोटर की पहचान गुप्त रखना अनिवार्य है. और इस तरह की धमकी देने वालों को पहले ही चुनाव आयोग सज़ा दे चुका है. हाल ही में मेनका गांधी को भी तो इसी तरह का भाषण देने और मुस्लिम वोटरों को धमकाने के लिए चुनाव आयोग ने 48 घंटों के लिए चुनाव प्रचार से बैन कर दिया है. अब कटारा जी पर भी चुनाव आयोग का ध्यान जाता है या नहीं ये तो बाद की बात है, लेकिन यकीनन कटारा जी ने अच्छा-खासा विवाद खड़ा कर दिया.
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