बीजेपी की इन महिला नेताओं का यूपी में बजता है डंका, प्रियंका गांधी की बढ़ाएंगी टेंशन
बीजेपी की उन दिग्गज महिला नेताओं के बारे में जानते हैं जिन्हें पार्टी, यूपी चुनाव में अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है. जिनकी संगठन से लेकर सरकार तक में भागीदारी है. यही कारण है कि ये यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी के रास्ते का बड़ा रोड़ा बन सकती हैं.
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यूपी चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के लिए राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर, सीएम योगी आदित्यानाथ, राहुल गांधी, अमित शाह और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रचार अभियान शुरु कर दिया है. सीएम योगी और पूर्व सीएम आखिलेश यादव ने जिलों का दौरा करना भी शुरु कर दिया है. वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ‘मैं लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ नारे के साथ सक्रिय हो गई हैं. आपको क्या लगता है, क्या यूपी चुनाव में प्रियंका गांध की मेहनत रंग लाएगी? क्या प्रियंका गांधी की बदौलत कांग्रेस का वोट बैंक 6 से 30 प्रतिशत बढ़ पाएगा?
यूपी चुनाव में बीजपी की ये महिला नेता निभाएंगी बड़ी जिम्मेदारी, प्रियंका के लिए राहें नहीं आसान
असल में बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक तो वैसे ही खिसकता जा रहा है, बचा-खुचा चंद्रशेखर रावण के पाले में जा रहा है. समाजवादी पार्टी में खुद ही फूट पड़ी है, शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव के लिए ठीक नहीं है ऊपर से प्रियंका को बीजेपी की इन महिला नेताओं से सामना होगा जिनका पहले से ही यूपी में बोलबाला है.
चलिए बीजेपी की उन दिग्ग्ज महिला नेताओं के बारे में जानते हैं जिन्हें पार्टी यूपी चुनाव में अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है. जिनकी संगठन से लेकर सरकार तक में भागीदारी है. यही कारण है कि ये यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी के रास्ते का बड़ा रोड़ा बन सकती हैं.
स्मृति ईरानी
प्रियंका गांधी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से भिड़ना होगा. ख्याल रहे अमेठी में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराकर सबसे बड़े राजनीतिक किले को भेद दिया था. वहीं यूपी 2022 चुनाव में बीजेपी स्टार प्रचारक स्मृति ईरानी अपने अलग अंदाज में प्रियंका गांधी के सक्रियता का जवाब देंगी. स्मृति ईरानी गांधी परिवार की पॉलिटिक्स के खिलाफ मुखर रहती हैं. कुछ दिनों पहले प्रियंका गांधी के नारे 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' को लेकर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा था, 'घर पर लड़का है, पर लड़ नहीं सकता...'
अदिति सिंह
कांग्रेस की बागी विधायक रहीं अदिति सिंह ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है. एक समय था जब अदिति सिंह को प्रियंका गांधी के काफी करीब माना जाता था लेकिन अब ये नजदीकियां दूरियों में तब्दील हो चुकी हैं. अदिति सिंह का जख्म ताजा-ताजा है ऐसे में वे कई बार प्रियंका गांधी की आलोचना कर चुकी हैं. अदिति सिंह ने पार्टी लाइन से बाहर जाकर विधानसभा में तब भाषण दिया था जब पूरे विपक्ष ने योगी सरकार के खिलाफ सदन का बहिष्कार करने का ऐलान किया था.
पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण ही कांग्रेस ने अदिति सिंह को निलंबित कर दिया था. असल में अदिति स्वर्गीय बाहुबली अखिलेश सिंह की बेटी हैं. रायबरेली में उनके परिवार की काफी लोकप्रियता है. अदिति, कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली सदर से 2017 में चुनाव जीतीं और विधायक बन गईं. इसके पहले इस सीट पर 1993 से 2017 तक उनके पिता अखिलेश सिंह का कब्जा था.
ऐसे में अदिति के बीजेपी में शामिल होने से रायबरेली सदन में भाजपा की राहें आसान हो गई हैं जबकि कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है क्योंकि अदिति की काट खोजना कांग्रेस पार्टी के लिए टेढ़ी खीर के समान है. बगावत करने के बाद अदिति को रेबेल ऑफ रॉयबरेली कहा जाने लगा, अब देखना है कि प्रियंका गांधी किस तरह अदिति के वार का जवाब देती हैं.
केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की अपनी क्षेत्र में काफी पकड़ है
साध्वी निरंजन ज्योति
फ़तेहपुर से सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को कौन नहीं जानता. ये अपने बेबाक विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं. साध्वी निरंजन ज्योति की पृष्ठभूमि और उनका निषाद जाति से आना उनकी सबसे बड़ी खासियत है. वे दूसरी बार सांसद बनी हैं. इसके पहले वे विधायक भी रह चुकी हैं. अपने क्षेत्र में उनकी काफी पकड़ है. उनकी वेशभूषा की वजह से पार्टी को चुनाव में काफी लाभ मिलता है. ऐसे में प्रियंका गांधी पर अगर ये निशाना साधती रहती हैं तो इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी.
स्वाति सिंह
बीजेपी की इस महिला नेता का पार्टी से नाता ज्यादा पुराना नहीं है लेकिन अपने क्षेत्र में पकड़ काफी मजबूत है. असल में स्वाति सिंह का नाम इनके पति दयाशंकर सिंह के बयान के बाद आया. जब दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीम पर अश्लील टिप्पणी की थी. इसके बाद बसपा के नेता दयाशंकर सिंह के परिवार पर हमलावर हो गए. उसी बीच अचानक से एक तेज तर्रार चेहरा उभरा जिसने बसपा कार्यकर्ताओं की अभद्र बातों का तर्क के साथ जवाब दिया. वो चेहरा दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह का था. स्वाति सिंह ने जिस तरह बसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के अमर्यादित बयान के खिलाफ बात की. इसी को देखते हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने स्वाति सिंह को मौका दिया. जब बीजेपी की सरकार बनी तो पार्टी ने स्वाति सिहं को भी मंत्री बनाया. अब यूपी चुनाव में एक बार फिर बीजेपी स्वाति सिंह को प्रचार की बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है.
रीता बहुगुणा जोशी
एक समय था जब रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस का बड़ा चेहरा मानी जाती थीं लेकिन अब वे बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं. दरअसल, प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं. इन्हें ब्राह्मण वर्ग और पढ़े लिखे चेहरे के तौर पर देखा जाता है. इतना ही नहीं इनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव है. इलाहाबाद की रानीति में बहुगुणा ने कई बार अपने जुझारूपन को साबित किया है. यूपी चुनाव में रीता बहुगुणा के बड़े कद का बीजेपी का फायदा मिलेगा, अब यह प्रियंका गांधी के लिए अच्छी खबर तो नहीं है.
बीजेपी ने राज्यसभा सांसद गीता शाक्य को यूपी में महिला मोर्चा की कार्यभार सौंप दिया था
गीता शाक्य
इस नाम को भले ही आपने अब तक ना सुना हो लेकिन यह चेहरा महिलाओं को लेकर यूपी चुनाव में बड़ी भूमिका निभाने वाला है. असल में बीजेपी ने चुनाव से पहले ही राज्यसभा सांसद गीता शाक्य को यूपी में महिला मोर्चा की कार्यभार सौंप दिया था. यानी गीता शाक्य को चुनाव में बड़े स्तर पर योजना बनाएंगी और महिला मतों को जोड़ने का काम करेंगी.
भले ही राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग राहुल गांधी का नाम सुनते ही नाक-मुंह सिकोड़ लेते थे वही अब प्रियंका गांधी के बारे में चर्चा कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी की इन दिग्गज महिला नेताओं का यूपी में जिस तरह का बोलबाला है, उसे देखते हुए कह सकते हैं कि प्रियंका के लिए यूपी फतह करना आसान तो बिल्कुल नहीं है.
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