विधानसभा चुनाव: सट्टा बाजार के रुझान पोलिटिकल पंडितों को चौंकाने वाले हैं
राजस्थान में मुख्य रूप से दो ही राजनीतिक पार्टियों में टक्कर होती है- भाजपा और कांग्रेस. माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस बहुमत के साथ जीतेगी. सटोरिए कांग्रेस को 200 में से 118-122 सीटें तक मिलने का दावा कर रहे हैं.
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मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान सट्टा बाजार के दावों ने पहले तो भाजपा के जीतने के इशारे दिए थे, लेकिन चुनाव का दिन नजदीक आते-आते कांग्रेस बाजी मारती दिखने लगी. अब राजस्थान चुनाव में भी कांग्रेस का पलड़ा भारी दिख रहा है. चुनावी नतीजे तो 11 दिसंबर को आएंगे, लेकिन सट्टा बाजार ने ये पहले ही बता दिया है कि कौन जीतेगा. अगर सट्टा बाजार की मानें तो मध्य प्रदेश में तो कांग्रेस का वनवास खत्म होगा ही, साथ ही राजस्थान में भी कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी. अगर राजस्थान के सीकर में चल रहे सट्टा बाजार की बात करें तो 2013 में उसने बहुमत के साथ भाजपा की जीत का अनुमान लगाया था, जो बिल्कुल सही रहा था. और इस बार यहां का सट्टा बाजार कांग्रेस की जीत के दावे कर रहा है.
सटोरिए कांग्रेस को 118-122 सीटें तक मिलने का दावा कर रहे हैं.
किसे मिलेंगी कितनी सीटें?
राजस्थान में मुख्य रूप से दो ही राजनीतिक पार्टियों में टक्कर होती है- भाजपा और कांग्रेस. एक बार सत्ता भाजपा को मिलती है तो दूसरी बार ये कांग्रेस के हाथ चली जाती है. यहां सीकर, फालोदी और नोखा में मुख्य सट्टा बाजार हैं, जहां पर चुनावी मौसम आते ही करोड़ों रुपए का सट्टा लगता है. माना जा रहा है कि कांग्रेस बहुमत के साथ जीतेगी. कांग्रेस को 118-122 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि भाजपा 55-57 सीटों पर जी सकती है. देखा जाए तो भाजपा की हालत पहले से कुछ सुधरी है, क्योंकि दो महीने पहले तक तो सट्टा बाजार मान रहा था कि भाजपा को 47-49 सीटें ही मिलेंगी, जबकि कांग्रेस की झोली में 132-134 सीटें जाएंगी. एक बुकी के अनुसार नेताओं के बयान और पॉलिटिकल डेवलपमेंट के आधार पर सट्टेबाजी के रेट हर दिन बदलते रहते हैं. यानी आने वाले दिनों में इसमें कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं. जयपुर का सट्टा बाजार भी दावा कर रहा है कि जयपुर की 9 विधानसभा सीटों में से कम से कम 5 सीटों पर कांग्रेस आसानी से विजय पताका फहरा देगी.
मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस
पहले तो मध्य प्रदेश के सट्टा बाजारों में इस बात को लेकर दाव लगाए जा रहे थे कि कौन जीतेगा. अगर कोई शख्स भाजपा की जीत पर 10,000 रुपए का सट्टा लगा रहा था जो उसे 11,000 रुपए मिलने थे, जबकि अगर कोई शख्स कांग्रेस की जीत पर 4,400 रुपए का सट्टा लगा रहा था तो उसे 10,000 रुपए मिलने थे. लेकिन चुनाव का दिन आते-आते ट्रेंड बदल गया और सट्टा हार-जीत पर नहीं, बल्कि सीटों के हिसाब से लगाया जाने लगा. बुकीज का मानना है कि इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत मिलना मुश्किल है, कांटे की टक्कर होगी. भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखते हुए सट्टा इस बात पर लगाया जा रहा है कि भाजपा को 102 से अधिक सीटें मिलेंगी या फिर कांग्रेस को 116 से अधिक सीटें मिलेंगी. इन दोनों ही दाव पर पैसा डबल हो रहा है. हालांकि, सट्टा बाजार की का गणित देखकर ये अंदाजा लग रहा है कि इस बार मध्य प्रदेश में कांग्रेस ही आएगी.
छत्तीसगढ़-तेलंगाना में है ये हाल
अगर बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां पर सटोरिए भाजपा पर भरोसा कर रहे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा को 42-43 सीटें मिलेंगी, जबकि कांग्रेस को 36-37 सीटें मिलेंगी. अजित जोगी के गठबंधन को 7 सीटें मिलने का अनुमान है. यहां दूसरे चरण के मतदान के बाद भाजपा की दावेदारी और मजूबत हो गई है. हर 1 रुपए के सट्टे पर भाजपा के जीतने पर 90 पैसे मिलेंगे, जबकि कांग्रेस के जीतने पर 1.40 रुपए मिलेंगे. वहीं दूसरी ओर, तेलंगाना के सट्टा बाजार में टीआरएस के दोबारा सत्ता में आने का अनुमान लगाया जा रहा है.
सट्टा बाजार में कितना दम?
सट्टा बाजार में पैसे लगाने वालों की बात तो छोड़िए. उनका फायदा-नुकसान जानने से अधिक जरूरी ये जानना है कि सट्टा बाजार के दावों में कितना दम होता है? क्या वाकई जिस ओर सट्टा बाजार झुकता है, उसी पार्टी की जीत होती है? आइए एक नजर डालते हैं पुराने आंकड़ों पर और जानते हैं सट्टा बाजार के अनुमान सही साबित हुए या गलत-
- अगर सट्टा बाजार के पुराने आंकड़ों को देखा जाए तो यूपी चुनाव में भी सट्टा बाजार का अनुमान सही साबित हुआ था. सट्टा बाजार में उस वक्त भाजपा पर पैसे लगाए गए थे और भाजपा जीती भी.
- वहीं बिहार चुनाव में सटोरियों को मुंह की खानी पड़ी. सट्टा लगाया था भाजपा पर, लेकिन जीत गए नीतीश कुमार, जो उस वक्त महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे थे.
- इतना ही नहीं, पंजाब में भी सटोरियों का अनुमान था कि आम आदमी पार्टी जीतेगी और कांग्रेस दूसरे नंबर रहेगी. इसके उलट कांग्रेस ने पंजाब में जीत हासिल की.
- सटोरियों की सबसे बुरी हालत हुई थी दिल्ली चुनाव में. सट्टा बाजार के हिसाब से यह अनुमान था कि भाजपा की जीत होगी, जबकि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 3-4 सीटें ही मिलेंगी. वहीं इसके उलट, आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत से जीती और भाजपा को सिर्फ 3 सीटें मिलीं.
- उत्तराखंड चुनाव में सट्टा बाजार ने यह अनुमान लगाया था कि भाजपा जीतेगी और वहां पर भाजपा की सरकार बनी. यानी उत्तराखंड में सट्टा बाजार का अनुमान सही बैठा.
- गुजरात चुनाव में सट्टा बाजार ने अनुमान लगाया था कि भाजपा जीतेगी और हुआ भी वैसा ही. हां, कांग्रेस की तगड़ी तैयारी को देखते हुए एक बार तो सटोरिए भी घबरा गए थे कि कहीं कांग्रेस ना जीत जाए.
11 दिसंबर को सभी चुनावों के नतीजे सामने आएंगे. ये अनुमान स्थानीय ट्रेंड को ध्यान में रखते हुए लगाए जाते हैं, इसलिए ये जरूरी नहीं कि वह एकदम सही हों, लेकिन ऐसा कई बार देखा गया है जब सट्टा बाजार का अनुमान सही साबित हुआ है. राजस्थान के सीकर का सट्टा बाजार तो इस मामले में पिछली बार अपना झंडा भी गाड़ चुका है, जब उसने भाजपा के जीतने का अनुमान लगाया था. इस बार उसका अनुमान कांग्रेस की जीत दिखा रहा है. अब अगर सटोरियों की मानें तो मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की वापसी होगी. अगर ऐसा हो जाता है तो सिमट कर गठबंधन समेत महज 3 राज्यों में बची कांग्रेस के लिए खुशी की बात होगी, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो ये कांग्रेस के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा.
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