90 सेकंड की वो हवाई जंग, जिसके हीरो हैं विंग कमांडर अभिनंदन
विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की घर वापसी की खुशी तो हर भारतीय मना रहा है, इस खुशी में चार चांद लगाती है उनकी बहादुरी की वो कहानी जो किसी से छुपनी नहीं चाहिए.
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विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान देश के वो हीरो हैं जो दुश्मन को खदेड़ने का साहस रखते हैं. उनके जैसे सेना के लाखों जवान सरहद पर खड़े हैं इसीलिए हम भारत में चैन की नींद सो पाते हैं. विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी पर पूरा देश खुशियां मना रहा है और हज़ारों लोग उनका स्वागत करने बॉर्डर पर भी पहुंचे हैं. ये वो जवान है जिसने न सिर्फ पाकिस्तानी जहाजों को वापस खदेड़ दिया बल्कि इसी जवान ने एक पाकिस्तानी फाइटर प्लेन को तबाह भी कर दिया और खुद पाकिस्तान के कब्जे में जाने के बाद भी साहस का परिचय दिया. Indian Express की एक रिपोर्ट ने उन 90 सेकंड का पूरा लेखा-जोखा दिया है.
विंग कमांडर अभिनंदन का आभार तो पूरा देश कर रहा है और वो वाकई देश के हीरो हैं, लेकिन उनकी कहानी भी किसी से कम नहीं. ये वो कहानी है जिसने देश को उसका नया रोल मॉडल दिया है. वो इंसान जिसे देश ने इतना प्यार दिया उसने वो नाम खुद कमाया है. अभिनंदन ने सिर्फ 90 सेकंड में ये बता दिया कि वो कितने बहादुर हैं.
दरअसल, विंग कमांडर अभिनंदन और पाकिस्तानी F 16 के पायलट के बीच जो जंग लड़ी गई थी वो सिर्फ 90 सेकंड की थी जिसमें अभिनंदन वर्धमान ने पूरे भारत का दिल जीत लिया. ये वो जंग है जो बॉलीवुड की फिल्मों में नहीं दिखाई जाती ये वो 90 सेकंड थे जो शाहरुख खान की "चक दे इंडिया" की 70 मिनट वाली स्पीच से भी ज्यादा रोमांचक थे और ये वो 90 सेकंड थे जिन्हें कोई भी भूल नहीं पाएगा.
ये 90 सेकंड शायद एयरफोर्स के इतिहास के रोचक लम्हों में कैद होकर रह जाएंगे और ये वही 90 सेकंड हैं जो हर भारतीय को याद रहेंगे. सिर्फ 90 सेकंड शायद आपके लिए कुछ न हों, लेकिन विंग कमांडर अभिनंदन ने इन 90 सेकंड का इस्तेमाल ऐसे किया कि दुश्मन के छक्के छूट गए और उन्हें भारत की सीमा से खदेड़ दिया गया. हमारे लिए शायद ये समय सोचने में ही निकल जाए क्योंकि ये समय बहुत कम है, लेकिन उस पायलट के बारे में सोचिए जिसने इतने ही कम समय में पाकिस्तान की दो AMRAAM मिसाइलों का सामना किया और एक फाइटर प्लेन गिरा दिया.
ये अभिनंदन की बहादुरी ही है जो मिग 21 से उन्होंने एक एफ 16 विमान गिरा दिया.
भारतीय वायुसेना के सूत्र बताते हैं कि ये AMRAAM मिसाइल थीं जो सिर्फ F-16 विमान ही चला सकते हैं. भारतीय वायुसेना ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन मिसाइलों के पुर्जे दिखाए भी. ये पाकिस्तान के मुंह पर करारा तमाचा ही है क्योंकि पाकिस्तान का कहना है कि उन्होंने F-16 विमान उड़ाया ही नहीं. पाकिस्तान का मना करना भी वाजिब है क्योंकि ये विमान जब खरीदे गए थे तब अमेरिका ने ये शर्त रखी थी कि इन्हें सुरक्षा के लिए ही इस्तेमाल किया जाएगा न कि हमले के लिए. पर पाकिस्तान कहां मानने वाला था.
उस समय अगर अभिनंदन तुरंत अपनी काबिल सोच का परिचय नहीं देते तो क्या एक पुरानी तकनीक वाला Mig-21 विमान एक नई जनरेशन के F-16 फाइटर प्लेन को गिरा पाता? ये वो टकरार है जिसे पाकिस्तान मानना ही नहीं चाहता, लेकिन फिर भी इंकार करने से थोड़ी कोई सच्चाई छुप जाती है. ये अभिनंदन के साहस का परिचय देता है कि उन्होंने अपने पुराने विमान के बारे में नहीं सोचा और उन्हें मालुम था कि उनका विमान गिर सकता है फिर भी एक पाकिस्तानी विमान गिराकर ही माने.
अगर ये 90 सेकंड इतिहास का हिस्सा नहीं बने तो क्या बने. किस कदर जोश भरा होगा अभिनंदन वर्धमान में उस समय जो उन्होंने बिना अपनी जान की परवाह किए देश के सबसे बड़े दुश्मन के जहाज खदेड़ने शुरू कर दिए. यही तो होता है फौज का जज्बा जो किसी भी हालत में देश को झुकने नहीं देता है.
क्या हुआ था उस ऐतिहासिक दिन जब अभिनंदन ने एक पाकिस्तानी विमान मार गिराया था?
दिन की शुरुआत तो वैसे ही थी जैसे किसी आम समय में होती है, लेकिन पाकिस्तान-हिंदुस्तान के बीच अगर जंग जैसा माहौल हो तो फिर कैसे कोई दिन आम रह सकता है. सुबह 12 पाकिस्तानी फाइटर जेट जिनमें अमेरिकी F-16, फ्रांस के मिराज और JF-17 फाइटर प्लेन शामिल थे वो भारतीय सीमा में घुसे. पर वो ये भूल गए थे कि भारत के सभी एयर डिफेंस सिस्टम पहले से ही अलर्ट थे. भारत के Airborne Warning and Control System (AWAC) सिस्टम ने उन प्लेन की जानकारी दे दी.
तभी भारतीय वायुसेना के पायलट अवंतिपोरा, श्रीनगर और आस-पास की एयर फील्ड से उड़े. किस्मत तो देखिए कि पाकिस्तानी प्लेन के उस जखीरे के सबसे पास Mig-21 विमान ही था. इसके बाद शुरू हुए वो 90 सेकंड जब एक F-16 को पकड़ने के लिए भारतीय वायुसेना के जवान ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया.
शुरुआत में F-16 9000 फिट की ऊंचाई पर उड़ रहा था और Mig 21 15000 फिट की ऊंचाई पर, लेकिन उस समय पाकिस्तानी फाइटर प्लेन ने फिर अपनी चाल चली. जैसे ही मिग विमान ने अपना निशाना साधा वैसे ही पाकिस्तानी विमान एकदम से ऊपर उठने लगा और हाई-तकनीक वाला एफ-16 26000 फिट की ऊंचाई पर पहुंच गया.
पर मिग 21 तुरंत ही 60 डिग्री के एंगल में फायर करने के लिए तैयार हो गया. आखिर वो कैसे अपने जोश को दबने देता. उस मिग विमान ने रूस में बनी हुई Vympel R-73 मिसाइल दाग दी जो सीधे F-16 को जाकर लगी. लेकिन F-16 के साथ उड़ रहा विमान तब तक Mig -21 को निशाना बना चुका था. उसके बाद किसी भी तरह का कोई संपर्क मिग 21 विमान से नहीं हुआ.
ऐसा शायद ही कभी हुआ है कि Mig 21 विमान जिसने अपने से ज्यादा आधुनिक F-16 को गिरा दिया हो. लेकिन भारतीय वीर के विमान के साथ ऐसा हुआ.
क्यों बेहद मुश्किल था ये काम?
Mig 21 विमार तकनीक और आधुनिकता के मामले में F-16 से काफी पीछे है. Mig 21 की रेंज सिर्फ 1210 किलोमीटर की है जबकि F-16 की रेंज 4220 किलोमीटर की है. एफ -16 रॉकेट, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और हवा से जहाज तक मार करने वाली मिसाइल के साथ-साथ कई तरह के बम से लैस है. इसमें रडार ऑन-बोर्ड भी होता है. मिग 21 को अपग्रेड जरूर किया गया था, लेकिन उसका डिजाइन अभी भी पुराना ही था. मिग 21 हर मामले में एफ 16 से पीछे ही साबित हो सकता था, लेकिन बस एक मामले में एफ 16 पीछे रह गया और वो था हमारे पायलट का जज्बा.
ये ऐसा मामला था कि किसी मारुति 800 ने बीएमडब्लू को हरा दिया.
अभिनंदन वर्धमान ने दुश्मन का जहाज तो गिरा दिया, लेकिन फैक्ट तो ये है कि एक गोली भी एक फाइटर प्लेन को गिराने में कामियाब हो सकती है वही हुआ अभिनंदन वर्धमान के साथ जब उनका जहाज पाकिस्तानी प्लेन के निशाने पर आ गया और गिर गया. ये जहाज पर तो निर्भर करता है, लेकिन उसके साथ ही ये पायलट की कुशलता पर भी निर्भर करता है कि वो जहाज को किस तरह उड़ा रहा है और कैसे वो अपने लक्ष्य को भेदता है. ये अर्जुन के मछलि की आंख में तीर मारने जैसा ही तो है. विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी पर पूरे भारत को बधाई.
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