जिस गांव में अभिनंदन पैराशूट से उतरे, वहां अब वो बहादुरी की मिसाल हैं
जहां पर अभिनंदन वर्धमान का पैराशूट लैंड हुआ था, वहां के स्थानीय लोगों ने अभिनंदन की होशियारी की खूब तारीफ की, जिसके चलते उन्होंने पाकिस्तान में खुद को बचाने में सफलता पाई.
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भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों युद्ध के हालात बन चुके हैं. पहले पाकिस्तान में पनाह पाए मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में आतंकी हमला कराया, जिसमें 40 सीआरपीएफ के जवान मारे गए. उसके बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक की और करीब 300 आतंकी मार गिराए. स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई, जब पाकिस्तान ने भारतीय सीमा में अपने विमान भेजकर हमला किया और दोनों देशों की वायुसेना के बीच हवाई हमले शुरू हो गए.
दोनों देशों ने एक दूसरे के विमानों को निशाना बनाया. पाकिस्तान का एक एफ-16 विमान भारतीय वायुसेना ने मार गिराया और इसी कार्रवाई के दौरान भारतीय वायुसेना का भी एक विमान पाकिस्तानी वायुसेना का निशाना बन गया. उस विमान को उड़ा रहे थे विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान, जिन्हें इजेक्ट करना पड़ा. हालांकि, उनका पैराशूट भारत नहीं, बल्कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के भींबेर जिले में गिरा.
इजेक्ट करने के बाद अभिनंदन पाकिस्तानी सीमा में लैंड हुए थे, जहां स्थानीय लोगों ने उनके साथ मारपीट की.
तो अभिनंदन के पाकिस्तान में पहुंचने के बाद क्या हुआ?
हमारे सहयोगी इंडिया टुडे और आज तक की एक टीम ने उस गांव 'होरान' के लोगों से बात की, जहां पर अभिनंदन वर्धमान का पैराशूट लैंड हुआ था. स्थानीय लोगों ने अभिनंदन की होशियारी की खूब तारीफ की, जिसके चलते उन्होंने पाकिस्तान में खुद को बचाने में सफलता पाई.
'हवा में 5 बनाम 1 विमान'
जैसे ही अभिनंदन के मिग-21 बाइसन विमान पर हमला हुआ, उन्हें विमान से इजेक्ट होना पड़ा. उस उन्हें जो बात पता नहीं थी वह ये थी कि वो दुश्मन देश की सीमा में लैंड करने वाले हैं. एलओसी से करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित होरान गांव के लोगों से बात करने के लिए एक स्थानीय स्ट्रिंगर की मदद ली गई, जो एक चश्मदीद तक ले गया.
होरान गांव के रहने वाले उस घटना के चश्मदीद मोहम्मद कामरान बताते हैं- 'मैंने हवा में कम से कम 6 विमान उड़ते देखे. इनमें से एक भारत की तरफ से आया था और बाकी पाकिस्तान के विमान थे जो उसका पीछा कर रहे थे. वो विमान एक घेरे में उड़ रहे थे. तभी एक विमान पर हमला हुआ और उसमें आग लग गई. इसके बाद विमान से पैराशूट के जरिए एक पायलट लैंड हुआ. उसके पैराशूट पर भारत का झंडा बना हुआ था. जब वह लैंड हुआ तो उसे पता नहीं था कि वह कहां पर है, इसीलिए उसने स्थानीय लोगों से पूछा कि ये भारत है या पाकिस्तान?'
अभिनंदन ने लगाया नारा, तो हुआ शक
जैसे ही वहां लोग जमा हुए अभिनंदन ने अपनी रिवॉल्वर निकाल ली, क्योंकि वहां लोग जमा हो गए थे. जब उन्होंने पानी और एक मोबाइल फोन मांगा तो स्थानीय लोगों ने पहले उनसे रिवॉल्वर फेंकने को कहा. इससे अभिनंदन को शक हो गया. उन्होंने स्थानीय लोगों से भारत के प्रधानमंत्री का नाम पूछा. जैसे ही लोगों ने कहा 'मोदी', तो अभिनंदन ने नारा लगा दिया 'भारत माता की जय.' जब वहां खड़े बाकी लोगों ने नारा नहीं लगाया तो वह समझ गए कि वह दुश्मन देश की सीमा में हैं.
उन्होंने तुरंत कुछ दस्तावेज निकाले और उन्हें टुकड़ों में फाड़कर चबा गए. उसके बाद उन्होंने भागना शुरू किया. स्थानीय लोग उनका पीछा कर रहे थे और उन्हें पत्थरों से मार रहे थे. अभिनंदन ने इधर-उधर 6 हवाई फायर किए, ताकि भीड़ तो तितर-बितर किया जा सके. लोग भी काफी सतर्कता से उनका पीछा कर रहे थे क्योंकि उनके पास रिवॉल्वर थी. लेकिन थोड़ी ही देर बाद वहां पाकिस्तानी सेना पहुंच गई. उन्होंने भी अभिनंदन से हथियार डालने को कहा. इसके बाद स्थानीय लोगों ने अभिनंदन पर हमला कर दिया और उन्हें बुरी तरह से पीटा. उसके बाद सेना उन्हें वहां से लेकर चली गई.
भारत लौटते समय हुआ था अभिनंदन के विमान पर हमला
अभिनंदन के मिग-21 बाइसन का विमान वहां से 200 मीटर दूर क्रैश हुआ था, जहां से उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार किया. स्थानीय लोगों ने कहा कि अभिनंदन का विमान तब मार गिराया गया, जब वह भारत वापस लौट रहा था. जेट का डायरेक्शन एलओसी की तरफ था. अगर चंद सेकेंड और अभिनंदन खुद को बचाने में कामयाब हो जाते तो वह भारतीय सीमा में पहुंच जाते, क्योंकि वहां से भारतीय सीमा महज 3 किलोमीटर की दूरी पर थी. इंडिया टुडे की टीम को क्रैश की जगह पर विमान के कुछ मलबे भी पड़े हुए मिले. स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर अभिनंदन बिना रिवॉल्वर के ही लैंड किए होते तो उन्हें शायद लोगों ने पत्थरों से ही मार डाला होता. ये उनकी समझदारी ही थी कि उन्होंने किसी व्यक्ति पर गोली नहीं चलाई, क्योंकि इससे भीड़ भड़क जाती और अभिनंदन की जान के लिए खतरा बन सकती थी.
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