आतंकी मसूद अजहर को बचाने के पीछे चीन के 4 स्वार्थ
अमेरिका की ओर से चीन को चेतावनी देते हुए ये कहा गया था कि अगर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया गया तो इसका असर क्षेत्रीय शांति पर पड़ सकता है, लेकिन चीन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी.
-
Total Shares
पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर बैन लगाने पर चीन ने एक बार फिर से रोक लगा दी है. चीन ने पहले ही इसका संकेत देते हुए कहा था कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी करार देने से पहले इस पर चर्चा करने की जरूरत है. भारत बार-बार मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सबूत देता है, लेकिन चीन अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए मसूद को आतंकी घोषित होने नहीं देता. अब तक चीन 4 बार भारत की कोशिश को नाकाम करते हुए मसूद पर लगने वाले बैन को ब्लॉक कर चुका है.
यहां सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर एक आतंकी को चीन क्यों बचाना चाहता है? क्या चीन को नहीं दिख रहा कि मसूद अजहर के आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ही पुलवामा में आतंकी हमला करने की जिम्मेदारी ली है, जिसमें सीआरपीएफ के 46 जवान शहीद हो गए थे? आखिर क्यों चीन अकेला ही बाकी देशों के फैसले के खिलाफ जा रहा है और पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है. इसके पीछे चीन की चालाकी भी है और डर भी.
चीन अब तक 4 बार मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने की कोशिशों को ब्लॉक कर चुका है.
1- दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है
सबसे पहली बात तो ये है कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में कितनी कड़वाहट है, ये पूरी दुनिया जानती है. सभी को दिखता है कि पाकिस्तान की ओर से आए दिन भारतीय सीमा में घुसपैठ और आतंकी हमले हो रहे हैं. ऐसे में भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के जानी दुश्मन बन गए हैं, जो चीन के लिए राहत की बात है, क्योंकि चीन के साथ भी भारत के रिश्ते अच्छे नहीं हैं. कुछ महीनों पहले ही चीन और भारत की सीमा पर डोकलाम में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं. और दुश्मन का दुश्मन तो दोस्त होता ही है. ये भी वजह है कि चीन की ओर से पाकिस्तान की वो हर मदद की जाती है, जो भारत के खिलाफ जाए.
2- CPEC प्रोजेक्ट को खतरा
चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी CPEC के तहत चीन की ओर से 55 अरब डॉलर का निवेश किया जा रहा है. इस कॉरिडोर को चीन और पाकिस्तान की दोस्ती के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, लेकिन असल में 2442 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर से चीन अपना फायदा देख रहा है. इसके जरिए चीन की ओर से पाकिस्तान में निवेश करने और दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने की योजना है. चीन मसूद अजहर को बैन करने को लेकर इसलिए सहमत नहीं होता है, क्योंकि ऐसी स्थिति में जैश-ए-मोहम्मद CPEC को निशाना बना सकता है. इतना ही नहीं, ये कॉरिडोर पीओके के साथ-साथ गिलगिट-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा वाले इलाके से गुजरता है, जहां बालाकोट है. इन इलाकों में अधिकतर आतंकी संगठन सक्रिय हैं, जो शिया-सुन्नी के झगड़ों में CPEC को होने वाले नुकसान से भी बचाते हैं. अब अगर मसूद के खिलाफ चीन आवाज उठाता है तो उसकी महत्वाकांक्षी योजना सीपीईसी पर खतरा मंडरा सकता है.
3- पाकिस्तान में निवेश
चीनी साम्राज्यवाद के चंगुल में पाकिस्तान का ग्वादर पोर्ट तो पहले ही बलि चढ़ चुका था, लेकिन अब चीन की ओर से पाकिस्तान के ग्वादर में कॉलोनी बसाने की तैयारी चल रही है. यहां करीब 5 लाख चीनी नागरिकों को बसाया जाएगा. इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 150 मिलियन डॉलर है. सबसे अहम बात, इस शहर में सिर्फ चीन के नागरिक होंगे, यानी अब चीन पाकिस्तान को अपने उपनिवेश के रूप में इस्तेमाल करेगा. और हो सकता है कि जैसे उसने तिब्बत पर कब्जा कर लिया है, ठीक उसी तरह एक दिन पाकिस्तान भी चीन का हिस्सा हो जाए.
4- अपना पलड़ा भारी रखना
मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने की पहले यूएनएससी 1267 रिजॉल्यूशन के तहत फ्रांस ने की थी और फिर उसे अमेरिका, यूके और रूस का साथ मिल गया. ऐसे में चीन को ये बात बिल्कुल हजम नहीं हो रही है कि वह इन देशों की बात माने. चीन सोच रहा है कि ऐसा करने पर दुनिया में ये मैसेज जाएगा कि उसका पलड़ा हल्का पड़ गया है और अमेरिका-फ्रांस जीत गए. ऐसे में चीन अपने आपको ताकतवर दिखाना चाहता है, इसलिए भी वह मसूद को आतंकी घोषित करने का समर्थन नहीं कर रहा है.
मसूद अजहर आतंकी है और भारत में आतंकवाद फैला रहा है ये अब जग जाहिर हो चुका है. भारत सरकार कई सालों से मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करवाने के लिए अलग-अलग मोर्चों पर कूटनीति का प्रयोग कर रही है, लेकिन हर बार चीन राह का रोड़ा बनकर सामने आ जाता है. हालांकि, इस बार तो अमेरिका की ओर से चीन को चेतावनी देते हुए ये कहा गया था कि अगर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया गया तो इसका असर क्षेत्रीय शांति पर पड़ सकता है, लेकिन चीन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. वहीं भारत के चुनावी माहौल में अजहर की इस हरकत ने कांग्रेस को भाजपा पर हमला करने का एक और मौका दे दिया है.
ये भी पढ़ें-
ग्वादर से आई खबर बता रही है कि बिक गया पाकिस्तान
CPEC: पाकिस्तान खफा है, चीन बेवफा है !!
CPEC पर इतराने वाला पाकिस्तान अब चीन से मुक्ति क्यों चाहता है?
आपकी राय