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Updated: 19 जनवरी, 2022 04:19 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला लिया था. इसके बावजूद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू लगातार सोशल मीडिया के जरिये कांग्रेस आलाकमान पर खुद को पंजाब में सीएम चेहरा (CM Face) घोषित करने का दबाव बना रहे थे. जिसे लेकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से खींचतान जारी थी. लेकिन, ये खींचतान अब खत्म होती नजर आ रही है. दरअसल, पंजाब चुनाव 2022 में सामूहिक नेतृत्व की बात कर रही कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो जारी कर बताया है कि सीएम कैसा होना चाहिए? और, इस वीडियो में साफ नजर आता है कि कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब चुनाव 2022 में सीएम चेहरे के तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी का नाम फाइनल कर दिया है. और, अब इसकी औपचारिक घोषणा भर होना बाकी है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि चन्नी सीएम उम्मीदवार होंगे, तो अब नवजोत सिंह सिद्धू के पास विकल्प क्या है?

Channi VS Sidhu CM Faceऐसा लग रहा है कि पंजाब में कांग्रेस आलाकमान चन्नी पर ही दांव लगाने की तैयारी कर चुका है.

क्या कहता है वीडियो?

कांग्रेस ने ट्विटर पर जो वीडियो शेयर किया है, उसमें बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद नजर आ रहे हैं. जो कह रहे हैं कि 'असली चीफ मिनिस्टर वो है, जिसे जबरदस्ती कुर्सी पर लेकर आया जाए...उसको कुर्सी के लिए संघर्ष नहीं करना पड़े. उसको बताना नही पड़े कि मैं चीफ मिनिस्टर कैंडिडेट हूं...मैं डिजर्व करता हूं...वो ऐसा होना चाहिए जो बैक बेंचर हो या उसको पीछे से उठा कर आगे लाया जाए और बताया जाए कि तू डिजर्व करता है...वो जो सीएम बनेगा, देश बदल सकता है.' इसके बाद इस वीडियो में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के अलग-अलग कार्यक्रमों के वीडियो फुटेज चलते हैं. इस वीडियो को देख कर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस आलाकमान ने तय कर लिया है कि सीएम चेहरे के लिए नवजोत सिंह सिद्धू की जगह चरणजीत सिंह चन्नी पर ही दांव लगाया जाएगा. 

क्या सिद्धू के लिए आगे की राह कांटों भरी है?

इन दिनों नवजोत सिंह सिद्धू हर जगह अपने 'पंजाब मॉडल' के सहारे खुद को सीएम चेहरा घोषित कराने के लिए प्रचार करते घूम रहे हैं. दरअसल, इस पंजाब मॉडल के जरिये ही सिद्धू कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाना चाहते हैं कि इसे पंजाब कांग्रेस के घोषणा पत्र में जगह दी जाए. लेकिन, इस मामले में उन्हें कांग्रेस की ओर से पहले ही झटका मिल चुका है. क्योंकि, कांग्रेस की मैनिफेस्टो कमेटी में नवजोत सिंह सिद्धू को नहीं रखा गया है. वैसे, इस फैसले के बाद से ही साफ हो गया था कि कांग्रेस आलाकमान के लिए सिद्धू फिलहाल उतनी अहमियत नहीं रखते हैं. वैसे, यहां एक बात गौर करने वाली है कि कांग्रेस के इस सांकेतिक ट्वीट के बाद ही दरअसल, कांग्रेस के इस ट्वीट के बाद ही ये खबर सामने आई थी कि ED ने सीएम चरणचीत सिंह चन्नी के भतीजे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रेत खनन मामले में छापेमारी की है. जिसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने 'पंजाब मॉडल' के जरिये अवैध रेत खनन को लेकर अपनी पॉलिसी साझा की.

सिलसिलेवार किए गए ट्वीट में नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा है कि 'रेत खनन पर पूरी तरह से सरकार का कंट्रोल ही एकमात्र हल है. पंजाब मॉडल में ठेकेदारी व्यवस्था को खत्म करने और रेत को तय दाम पर बेचने की बात की गई है. जब तक ठेकेदारी प्रथा रहेगी, लोगों को सस्ती रेत मिलना मुश्किल है.' इस ट्वीट को सीधे तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधने के तौर पर ही देखा जा रहा है. क्योंकि, नवजोत सिंह सिद्धू पहले भी ट्विटर के सहारे चरणजीत सिंह चन्नी पर हमले करते रहे हैं. वैसे, पंजाब चुनाव 2022 से पहले अगर कांग्रेस आलाकमान चन्नी को इन आरोपों पर साइडलाइन करता है, तो उसको सूबे में दलित वोटों का नुकसान हो सकता है. जो सीधे तौर पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाला फैसला होगा. तो, इस बात की संभावना कम ही नजर आती है कि कांग्रेस किसी भी हाल में चन्नी को सीएम फेस के चेहरे के तौर पर आगे करने के बाद अपना ये कदम पीछे खींचेगी. इससे इतर चरणजीत सिंह चन्नी भी पंजाब में सीएम चेहरा घोषित किए जाने को लेकर बयान दे चुके थे. क्योंकि, पंजाब में बिना सीएम चेहरे के पार्टी को नुकसान होने की संभावना थी. 

वैसे, इस बदली हुई स्थिति के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू को सीएम चेहरा बनाया जाना मुश्किल है. क्योंकि, सिद्धू और कांग्रेस आलाकमान के बीच रिश्ते अब पहले जैसे नहीं रह गए हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चन्नी को सीएम बनाए जाने के बाद हुई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के साथ हुई चार बैठकों में नवजोत सिंह सिद्धू को केवल शुरुआती दो बैठकों में ही शामिल हुए थे. जिसके कुछ दिनों बाद ही नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, कांग्रेस आलाकमान के समझाने पर वह मान गए थे. लेकिन, इस्तीफा वापस लेने के लिए सिद्धू ने AG और DGP को बदलने की शर्त रखी थी. जिसे मान लिया गया था. वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू अगर अब इस्तीफे का कार्ड खेलते हैं, तो ये उनके लिए ही नुकसानदायक होगा. क्योंकि, पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भी भगवंत मान को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया है.

खैर, अब नवजोत सिंह सिद्धू के पास एक ही विकल्प बचता है कि वह पंजाब चुनाव 2022 के नतीजों का इंतजार करें और विधायकों को अपने पक्ष में लामबंद करें. लेकिन, इसके लिए पहले उन्हें टिकट बंटवारे में अपने करीबियों को कांग्रेस से टिकट दिलवाना होगा. हालांकि, इसकी भी उम्मीद कम ही नजर आती है. वैसे, राजनीति में किसी भी संभावना को नकारा नहीं जा सकता है. तो, पंजाब में राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा, इस पर केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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