चीन सैनिकों की संख्या घटा रहा है, ताकत नहीं
चीन की टेक्नोलॉजी हो या पॉलिटिक्स वह अपने कारनामों से अक्सर दुनिया को चौंकाता आया है. अब एक बार फिर से चीन ने अपनी एक घोषणा से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है.
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चीन की टेक्नोलॉजी हो या पॉलिटिक्स वह अपने कारनामों से अक्सर दुनिया को चौंकाता आया है. अब एक बार फिर से चीन ने अपनी एक घोषणा से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों की संख्या में 3 लाख की कटौती करने की घोषणा की है. चीन ने यह घोषणा दूसरे विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ विजय के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित एक सैन्य परेड में की.
दुनिया को लग रहा है कि चीन का यह कदम शायद उसकी सैन्य ताकत कमजोर करेगा लेकिन दरअसल ऐसा है नहीं. चीन के इस कदम से उसकी सेना की ताकत घटेगी नहीं, बल्कि बढ़ेगी. चौंक गए न आप! जी हां, यही सच है. 22 लाख से ज्यादा सैनिकों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा सैन्यबल वाला यह देश कैसे इस कदम से अपनी ताकत बढ़ाएगा, आइए जानें...
1.सैनिकों को घटाकर सेना पर और खर्च करेगाः भले ही चीन ने सैनिकों की संख्या घटाई हो लेकिन वह अपनी ताकत में कमी कतई नहीं होने देगा. बल्कि इस कटौती से होने वाली बचत को सेना के लिए हथियार खरीदने में निवेश करके अपनी ताकत और बढ़ाएगा.
2.आधुनिकतम हथियारों पर भरोसाः चीन ने अपने सैनिकों की संख्या में कटौती करके आधुनिक हथियारों पर अपने बढ़ते भरोसे को दिखाया है. परमाणु हथियारों से लैस चीन के पास अब लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनको लेकर अमेरिका तक की नींद उड़ी हुई है.
3.इन नए हथियारों से धाक जमा रहा है चीनः चीन ने इस परेड में लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम तुंग फुंग-31 बैलिस्टिक मिसाइल का प्रदर्शन किया जोकि 12 हजार किलोमीटर की दूरी तक मार सकती हैं. साथ ही चीन ने दोंगफेंग-21डी मिसाइल का भी प्रदर्शन किया. इस पोत भेदी बैलिस्टिक मिसाइल को कैरियर किलर्स कहा जाता है. इस मिसाइल ने अमेरिका को भी चिंता में डाल रखा है क्योंकि यह उसके विमानवाहक पोतों को 1700 किलोमीटर तक की दूरी से भी उड़ा सकती है. साथ ही उसने एक और नए लड़ाकू विमान जे-15 को भी प्रदर्शित किया. इनके अलावा चीन अपने जे-11, जे-10, सुखोई-30 और जेएच-7 जैसे फाइटर प्लेनों पर भी इतराता है.
4. भारत, जापान को कड़ा संदेशः चीन ने युद्ध विजय दिवस परेड के बहाने सालों से उसके साथ सीमा विवाद में उलझे रहे दो पड़ोसी देशों भारत और जापान को भी अपनी ताकत का अहसास करवाने की कोशिश की है. इस परेड में चीन ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन कर इन दोनों पड़ोसियों को एक तरह से चेताया है कि चीन के साथ सीमा को लेकर किसी भी तरह के विवाद में उलझना इनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है.
5.अमेरिका को देगा टक्करः चीन मौजूदा समय में रक्षा पर खर्च के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है और सैन्य ताकत के मामले में भी उसका नंबर अमेरिका के बाद आता है. दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका को हर मोर्चे पर टक्कर दे रहा चीन सैन्य शक्ति के मामले में भी पिछड़ना नहीं चाहता है. 2015 में चीन ने रक्षा बजट 141 अरब डॉलर रहा जोकि अमेरिका के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा है. तुंग-फुंग-31 जैसी मिसाइलों के प्रदर्शन से उसने दिखाया कि भले ही अमेरिका दुनिया में सबसे ताकतवर हो लेकिन वह भी उसकी मिसाइलों की जद में है.
आंकड़ों में चीन की सैन्य ताकतः
चीन भारत
रक्षा बजट- 145 अरब डॉलर 38 अरब डॉलर
कुल सैनिक- 22.85 लाख 13.25 लाख
टैंक- करीब 9100 करीब 6400
फाइटर प्ले- 1669 1380
कुल लड़ाकू विमान- 2860 1905
युद्धपोत- 285 150
पनडुब्बियां- 60 12
परमाणु बम- 150-200 50-70
मिसाइल: चीन की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल तुंग फुंग-31 है जोकि 12 हजार किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है. जबकि भारत की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल अग्नि-5 है, जोकि 5 हजार किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है.
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