नीतीश ने आधी जंग जीत ली, आधी बाकी है
नीतीश कुमार ही बिहार में आरजेडी-जेडीयू के महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. तो क्या जनता देगी उन्हें एक और मौका?
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नीतीश कुमार ने आधी जंग तो जीत ही ली. नीतीश कुमार ही बिहार में आरजेडी-जेडीयू के महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. आरजेडी नेता लालू प्रसाद की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीएम कैंडिडेट बनाए जाने की घोषणा की. मुलायम के अनुसार इस गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल होगी.
इस महागठबंधन में मुलायम सिंह की बड़ी भूमिका रही है. इससे पहले मुलायम ने ही बीच बचाव करके दोनों दलों के दरम्यान गठबंधन में आ रहे गतिरोध को खत्म कराया था. हालांकि, नीतीश कुमार के कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात पर उन्हें कड़ी आपत्ति थी.
लालू प्रसाद की सफाई
अब तक लालू प्रसाद का स्टैंड रहा कि चुनाव बाद ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर चर्चा होगी. माना जा रहा था कि लालू कई वजहों से नीतीश के नाम पर तैयार नहीं हो रहे हैं. एक वजह ये रही कि लालू को डर था कि नीतीश के नाम पर कहीं उनका यादव वोट बैंक हाथ से निकल न जाए. आरजेडी के एक नेता ने जब कहा कि उनकी पार्टी में भी कई सीएम उम्मीदवार हैं तो उसे भी लालू के ही बयान के तौर पर लिया गया था.
खैर, अब लालू प्रसाद इस मसले पर भी स्थिति साफ कर दी, "हम मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं और राजद के साथ-साथ मेरे परिवार के किसी सदस्य की इस पद में कोई दिलचस्पी नहीं है." लगे हाथ राजनीतिक वजह भी बता दी, "नीतीश कुमार के साथ कोई मतभेद नहीं है और ये गठबंधन सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए बना है."
कैसे होगा सीटों का बंटवारा
नीतीश और लालू के बीच अब तक इसी बात पर ठनी हुई थी. नीतीश के नाम पर बात भले ही बन गई हो, लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल सीटों का बंटवारा है. महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के लिए छह लोगों की एक कमेटी बनाई गई है. ये कमेटी ही इस बात का फैसला करेगी कि किस पार्टी के कितनी सीटें मिलें.
सीट बंटवारे पर लालू प्रसाद का कहना है कि जब दिल मिल गया है तो सीटों का मसला भी सुलझा लेंगे. अब तक इस मसले पर लालू कहते रहे हैं कि 2014 के लोक सभा चुनाव में वोट शेयर के हिसाब से बंटवारा हो.
अगर वोट शेयर के लिहाज से देखा जाए तो लालू की पार्टी की ज्यादा दावेदारी बनती है. इस हिसाब से देखा जाए तो 32 विधानसभा क्षेत्रों में आरजेडी नंबर वन रही जबकि 110 क्षेत्रों में वो दूसरे स्थान पर रही. इसी तरह जेडीयू 18 विधानसभा क्षेत्रों में पहले स्थान पर जबकि 19 क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रही. इसी तरह 14 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पहले स्थान पर और 43 क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रही.
पटना में जनता दरबार के बाद जब नीतीश कुमार मीडिया के सामने आए तो उन्होंने बड़े राजनीतिक धमाकों के संकेत दिए. 9 जून को आरजेडी-जेडीयू की अहम बैठक होने वाली है.
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