गाय हो या उद्धव, आस्था का चरम हिंसा तक जाता ही है!
Maharashtra के CM Uddhav Thackeray अब आम शिव सैनिकों के बीच आस्था का विषय बन गए हैं जैसा वक़्त है उद्धव कुछ भी कर दें उनकी आलोचना किसी को रत्ती भर भी बर्दाश्त नहीं है.
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शिवसेना (ShivSena) के न्याय का तरीका कोई नया नहीं है. जो भी करना है, ऑन द स्पॉट (Shiv Sena judgement on the spot). चाहे उत्तर भारतीय हों, या दक्षिण भारतीय. शिवसैनिकों के निशाने पर पाकिस्तानी कलाकार भी आए. अब जबकि शिवसेना की सरकार बन गई है, तो उद्धव ठाकरे 'साहेब' की आलोचना (Criticism on CM Uddhav Thackeray) करने वाले निशाने पर हैं. उद्धव की महिमा की रक्षा करने वालों के तेवर वैसे ही हैं, जैसे गोरक्षकों के रहा करते हैं. मजाल है जो यूपी बिहार मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में कोई गाय को इधर उधर कर ले. गोरक्षक मौके पर चौका मार देते हैं. गोरक्षकों और शिवसैनिकों की कार्यप्रणाली कैसे एक दूसरे से मिलती जुलती है? इसे हम एक घटना से समझ लेते हैं. मामला महाराष्ट्र के बीड़ का है. बीड़ में एक व्यक्ति का फेसबुक पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की आलोचना करना उसे महंगा पड़ा है. महिला शिवसैनिक ने मारे गुस्से के व्यक्ति के लिए 'नालायक' और 'उद्धवस्त' शब्द का इस्तेमाल करते हुए उसके मुंह पर स्याही फेंक दी है.
सीएम उद्धव ठाकरे की आलोचना पर व्यक्ति पर स्याही फेंकती महिला शिव सैनिक
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. मुख्यमंत्री की आलोचना पर जिस तरह एक शिवसैनिक ने व्यवहार किया है उसने पूरी पार्टी को शर्मसार करते हुए, साल के पहले ही दिन पार्टी को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है.
#WATCH Maharashtra: Ink poured on a man reportedly by a woman Shiv Sena worker, in Beed allegedly over his social media post criticising Chief Minister Uddhav Thackeray. (30.12.19) pic.twitter.com/xH6QzTiDzx
— ANI (@ANI) December 30, 2019
वीडियो का अवलोकन करने पर पता चल रहा है कि व्यक्ति फोन पर किसी से बात कर रहा था. जबकि महिला बहुत गुस्से में थी. बताया जा रहा है कि व्यक्ति ने कोई फेसबुक पोस्ट लिखा था जिसमें उसने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शान में गुस्ताखी करते हुए आलोचना के लहजे में कुछ लिखा था. महिला को अपने नेता की ये बेइज्जती बुरी लगी और उसने व्यक्ति के मुंह और कपड़ों पर स्याही फेंककर अपना गुस्सा ठंडा किया.
मामले को लेकर जिस तरह का रोष वीडियो में महिला का दिख रहा है साफ़ है कि उद्धव उनके लिए आस्था का वो विषय हैं, जिसके खिलाफ वो एक शब्द भी नहीं सुन सकती हैं. बात उद्धव की आलोचना की हो रही है तो बता दें कि CAA के विरोध में सड़कों पर आए और हिंसक गतिविधियों में लिप्त जामिया के छात्रों पर पुलिस के लाठी चार्ज के बाद हिंदुत्व का चोला उतार के ताजे ताजे सेक्युलर बने उद्धव ने घटना की तीखी आलोचना की थी और इसकी तुलना जलियांवाला बाग़ से की थी. तमाम उद्धव समर्थक ऐसे थे जिन्हें अपने नेता की बात बुरी लगी और उन्होंने इसकी जमकर आलोचना की थी.
ये कोई पहली बार नहीं है कि इस तरह की हरकत के बाद शिवसैनिक चर्चा में आए हों. बात बीते दिनों की है. यही सोशल मीडिया मुंबई के एक अन्य व्यक्ति के लिए जी का जंजाल साबित हुआ था. मुंबई स्थित वडाला के राहुल तिवारी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कार्यप्रणाली और बदले हुए अवतार से नाखुश हैं. ये सोचकर कि लोगों का इस मामले पर क्या मत है उन्होंने मामला सोशल मीडिया पर उठाया और उन्हें लेने के देने पड़ गए.
उद्धव समर्थकों को ये बात बुरी लगी और उन्होंने उनका मुंडन कर दिया. बता दें कि आलोचना के तहत राहुल तिवारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सोशल मीडिया पर टकला लिखा था. मामले में दिलचस्प बात ये है कि जब राहुल ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की तो उनके साथ बदसलूकी करने वालों को दरकिनार कर पुलिस ने उल्टा राहुल को ही 149 का नोटिस पकड़वा दिया.
सीएम बनने के बाद से ही किसी न किसी कारण को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं उद्धव ठाकरे
अपने साथ हुई इस घटना के बाद से ही राहुल बहुत आहत हैं. अपनी सफाई देते हुए राहुल ने कहा है कि उसने गलती की, तो माफी मांग ली थी, अपनी पोस्ट भी डिलीट कर दी. पर उसके बाद शिवसैनिकों ने आकर उसकी पिटाई की और मुंडन कर दिया फिर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उसकी बदनामी की. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय समझौते के लिए दबाव डाला. बुलाकर दिनभर बिठाया पर उसकी एफआईआर नहीं ली. आपको बताते चलें कि मीडिया में मामला प्रकाश में आने के बाद मुंबई पुलिस हरकत में आई और काफी दबाव के बाद उसने राहुल की एफआईआर दर्ज की और चार शिवसैनिकों को गिरफ्तार किया.
बहरहाल, बात गाय से शुरू हुई है और उद्धव ठाकरे और उनके शिवसैनिकों पर आ गई है. तो बताना जरूरी है कि लड़ाई झगड़े को लेकर शिवसेना की छवि कोई ख़ास अच्छी नहीं है. उद्धव अभी नए नए मुख्यमंत्री हुए हैं उन्हें सोचना चाहिए कि ऐसी घटनाएं सीधे तौर पर उनकी शान में बट्टा लगा रही हैं. यदि आज उन्होंने उपद्रवी शिव सैनिकों को रोकने के लिए कड़े कदम नहीं उठाए तो फिर कल अराजकता इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी कि उनके पास संभालने को कुछ बचेगा नहीं.
साथ ही उद्धव को अपने शिव सैनिकों को एक बात का एहसास और कराना चाहिए कि हम जिस देश में रह रहे हैं वहां लोकतंत्र हैं. जहां लोकतंत्र होता है वहां व्यक्ति आलोचना के नाम पर मन की बात कहने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होता है.
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