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Updated: 24 अक्टूबर, 2018 11:56 AM
अरविंद मिश्रा
अरविंद मिश्रा
  @arvind.mishra.505523
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मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही अब टिकट की दावेदारी के लिए मार-काट मची है. लेकिन इसमें खाास बात यह है कि दोनों प्रमुख पार्टियों- भाजपा और कांग्रेस के नेतागण अपने-अपने रिश्तेदारों के लिए भी टिकट का दावा कर रहे हैं. हालांकि राजनीति में वंशवाद कोई नया नहीं है लेकिन यह देखा गया है कि जो नेता वंशवाद का विरोध करते थे समय आने पर उन्होंने भी अपने नज़दीकी रिश्तेदारों को राजनीति में स्थापित किया. पहले भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगाती थी कि पार्टी में वंशवाद है लेकिन अब तो भाजपा भी किसी से पीछे नहीं है, यहां तक कि राज्यों में छोटे दलों की बुनियाद ही परिवारवाद पर टिकी है. देश के हर कोने में राजनीतिक वंशवाद फल फूल रहा है.

और अब मध्यप्रदेश में अगले महीने की 28 तारीख को विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में प्रदेश के कई बड़े नेता अपने पुत्र-पुत्रियों या फिर नज़दीकी रिश्तेदारों को टिकट दिलाकर सियासी सफर के पायदान पर चढ़ाने में लगे हैं.

जानने की कोशिश करते हैं ऐसे ही कुछ कद्दावर नेताओं के रिश्तेदारों की जो सियासत के सफर में अपना पदार्पण कर सकते हैं.

पहले बात भाजपा की-

कार्तिकेय चौहान:

karthikeya chauhanमध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान

मंदार महाजन:

mandar mahajanसुमित्रा महाजन के बेटे मंदार महाजन

आकाश विजयवर्गीय:

akash vijayvargiyaकैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय

तुष्मुल झा:

tushmul jhaप्रभात झा के बेटे तुष्मुल झा

अभिषेक भार्गव:

abhishek bhargavaगोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव

मुदित शेजवार:

mudit shejwarडॉ. गौरीशंकर शेजवार के पुत्र मुदित शेजवार

मौसम बिसेन:

bisen कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसम बिसेन

मौसम कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन की बेटी हैं और राजनीति में प्रवेश के लिए टिकट के इंतज़ार में हैं.

अब बात कांग्रेस की-

अपने नज़दीकी रिश्तेदारों को सियासत में लेन के लिए कांग्रेस भी पीछे नहीं है.

नकुलनाथ:

nakul nathकमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ

ये कांग्रेस के कद्दावर नेता कमलनाथ के पुत्र हैं. कमलनाथ इन्हें राजनीति में लाने को इच्छुक हैं. इस बार उन्हें टिकट मिलने की प्रबल संभावना है.  

विक्रांत भूरिया:

kantilal bhuriaकामतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया

विक्रांत कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया के सुपुत्र हैं. झाबुआ से टिकट लेकर राजनीति में पदार्पण करना चाहते हैं. विक्रांत पहले आदिवासी संगठन जयस से जुड़े थे.

नितिन चतुर्वेदी:

nitin chaturvediसत्यव्रत चतुर्वेदी के बेटे नितिन चतुर्वेदी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी अपने बेटे नितिन चतुर्वेदी को टिकट दिलाना चाह रहे हैं. हालांकि वो पहले भी असफलतापूर्वक चुनाव लड़ चुके हैं.  

जयवर्धन सिंह:

jaivardhan singhदिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह राघोगढ़ विधानसभा से विधायक हैं.  

इस विधानसभा चुनाव से लेकर अगले साल के लोकसभा चुनाव आते-आते ऐसा प्रतीत होता है जैसे नेताओं के रिश्तेदार बड़ी संख्या में सियासी सफर की सीढ़ियों पर पैर रखेंगे. हालांकि मध्यप्रदेश की राजनीति में यह पहली बार नहीं होगा. इससे पहले भी बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं के रिश्तेदार कामयाबी के शिखर पर हैं. मसलन स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद हैं तथा मुख्यमंत्री की दौड़ में भी शामिल हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं.

हालांकि ये नए नेतापुत्र टिकट हासिल कर पाएंगे या नहीं या फिर टिकट लेकर जीत पाएंगे या नहीं, आनेवाला वक़्त ही बता पायेगा लेकिन इतना तो तय है कि मध्यप्रदेश की राजनीति में नए युवराजों की फौज आने को व्याकुल है.

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लेखक

अरविंद मिश्रा अरविंद मिश्रा @arvind.mishra.505523

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

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