शशि थरूर का ट्वीट बता रहा है, कांग्रेस की असल 'कमजोरी' क्या है?
केरल के तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से तीसरी बार कांग्रेस सांसद चुने गए शशि थरूर की गिनती देश के चुनिंदा पढ़े-लिखे सांसदों के तौर पर होती है. लेकिन, थरूर का ये ट्वीट केवल उनकी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के अंदर तक घर कर चुकी 'राजनीतिक कुलीनता' को दर्शाता है. सत्ता को अपनी जागीर मानने वालों के सामने यह समस्या खड़ी होना बहुत आम सी बात है.
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लोकसभा चुनाव 2014 के बाद से ही कांग्रेस अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस पाने की कोशिशों में लगी हुई है. पार्टी नेतृत्व से लेकर एक छोटा कार्यकर्ता भी इसके लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहा है. बावजूद इसके कांग्रेस अपनी पुरानी स्थिति को पाने में नाकाम रही है. सबसे पुरानी पार्टी का तमगा लिए फिर रही कांग्रेस की पुडुचेरी में भी सरकार गिर गई है. सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या है, जो कांग्रेस दोबारा अपनी राजनीतिक जमीन हासिल नहीं कर पा रही है? इसका जवाब बहुत ही सीधा और सरल है. यह जवाब आपको कांग्रेस के चर्चित चेहरे और अपने अंग्रेजी ज्ञान के लिए मशहूर शशि थरूर के एक ट्वीट से मिल जाएगा. दरअसल, थरूर ने भाजपा पर तंज करते हुए एक तस्वीर ट्वीट की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'पांच लोग मंच पर हैं. सात नेताओं की तस्वीर है. एक आदमी श्रोता है. और यह केरल भी नहीं है. भाजपा का उत्सव खत्म हो चुका है.'
Five people on stage. Pictures of seven leaders. One man in the audience. And it’s not even Kerala! #BJPThePartyIsOver pic.twitter.com/f2FCgeHWIi
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 20, 2021
केरल के तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से तीसरी बार कांग्रेस सांसद चुने गए शशि थरूर की गिनती देश के चुनिंदा पढ़े-लिखे सांसदों के तौर पर होती है. लेकिन, थरूर का ये ट्वीट केवल उनकी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के अंदर तक घर कर चुकी 'राजनीतिक कुलीनता' को दर्शाता है. सत्ता को अपनी जागीर मानने वालों के सामने यह समस्या खड़ी होना बहुत आम सी बात है. कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी लंबे समय से इसकी चपेट मे हैं. ये कहना गलत नहीं होगा कि इसी राजनीतिक कुलीनता की वजह से ही कांग्रेस आज सिकुड़ती जा रही है. ऐसे समय में जब कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता नेतृत्व को लेकर असंतोष जता चुके हों. बावजूद इसके किसी भी तरह से एक 'व्यक्ति विशेष' को कांग्रेस के पार्टी अध्यक्ष पद पर काबिज कराने के प्रयास इसी की बानगी हैं.
'दुश्मन अगर ज्ञानवान है, तो भी उससे सीख लेनी चाहिए.' ऐसी बहुत सारी लोकोक्तियां और कथ्य हमारे देश में काफी प्रचलित हैं. लेकिन, ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने इसे कभी समझने का प्रयास ही नहीं किया. शशि थरूर ने जो तस्वीर ट्वीट की है, वह पश्चिम बंगाल की है. किस स्थान विशेष की है, इसके बारे में जानकारी नहीं है. लेकिन, इस तस्वीर में मंच पर पांच भाजपा नेता देखे जा सकते हैं. वहीं, केवल एक व्यक्ति इस सभा में इन्हें सुन रहा है. थरूर ने इसे लेकर ही तंज किया है. लेकिन, थरूर पश्चिम बंगाल में भाजपा का राजनीतिक इतिहास भूलकर ये तंज कर रहे हैं.
थरूर पश्चिम बंगाल में भाजपा का राजनीतिक इतिहास भूलकर ये तंज कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में भाजपा इस समय मुख्य विपक्षी दल बनकर उभरी है. राज्य में कांग्रेस और वाम दलों समेत कई पार्टियों की अच्छी-खासी तादात है. इसके बाद भी पश्चिम बंगाल में भाजपा का उदय होना कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी के लिए 'आईने' का काम करता है. हालांकि, कांग्रेस 2014 से ही इस आईने से अपना मुंह चुरा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'कांग्रेस मुक्त भारत' की बात कही थी. शायद इसके लिए भाजपा को अधिक मेहनत की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि. कांग्रेस के करीब सभी नेताओं की सोच शशि थरूर से मिलती-जुलती ही है.
2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर पर सवार भाजपा को पश्चिम बंगाल में केवल दो सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी. भाजपा ने 2016 के विधानसभा चुनाव में भी केवल 3 सीटें जीती थीं. वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए 18 सीटों जीत दर्ज की थी. साथ ही अपना वोट शेयर भी काफी मात्रा में बढ़ा लिया था. वहीं, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की सिमटती हुई दिख रही है. उसे वाम दलों और अन्य पार्टियों से गठबंधन करना पड़ रहा है. इसके बाद भी कांग्रेस सबक लेती हुई नहीं दिख रही है.
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए 18 सीटों जीत दर्ज की थी.
इस तस्वीर में तंज नहीं है, बल्कि कांग्रेस के लिए छुपा हुआ सबक है. भाजपा एक ऐसी जगह भी अपना मंच लगाने में पीछे नहीं है, जहां उसे सुनने के लिए केवल एक आदमी बैठा हो. यही 'राजनीतिक जीवटता' भाजपा को 2 सीटों से उठाकर बहुमत की सरकार की ओर लाई है. कांग्रेस को भाजपा से सीखना चाहिए कि जहां उम्मीद खत्म होती दिख रही हो, वहां भी उसे कम से कम कोशिश तो करनी चाहिए. अपने इसी जुनून के दम पर भाजपा की केंद्र में सरकार है और कांग्रेस अपनी राजनीतिक जमीन खोजने में लगी है. इस बार के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा का दावा है कि वह 200 से ज्यादा सीटें लाएगी. नतीजे चाहे जो भी हों, भाजपा का जुनून मायने रखता है.
शशि थरूर अपने ट्वीट में कभी-कभी अंग्रेजी के ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जिनका मतलब समझने के लिए डिक्शनरी खोलनी पड़ जाए. अगर ऐसा शख्स इस तरह की तस्वीर शेयर कर रहा है, तो वक्त आ गया है कि कांग्रेस को अपने भीतर की इस 'कमजोरी' को दूर करने कोशिशों में जुट जाए. सत्ता पाने का जो जुनून कांग्रेस में ठंडा पड़ चुका है, उसे फिर से गर्मजोशी के साथ उठाने का यही समय है. कांग्रेस को अपने राजनीतिक दुश्मन भाजपा से इतनी सीख तो ले ही लेनी चाहिए. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो कुछ दशक बाद हमें कांग्रेस का मतलब खोजने के लिए डिक्शनरी खोलनी पड़ेगी.
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