राहुल गांधी हों या कमलनाथ, कांग्रेसी गलतियां करते नहीं, बस हो जाती हैं
कांग्रेस (Congress) के कई नेता हिंदुओं (Hindu) को लेकर अपनी 'विशेष राय' की वजह से भाजपा के निशाने पर बने रहते हैं. इसके बावजूद कांग्रेस इन बातों से सबक लेती नहीं दिखती है. समझना मुश्किल हो जाता है कि आखिर कांग्रेस एक ही तरह की गलतियां बार-बार क्यों दोहराती है? फिर वो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हों या सतीश जारकीहोली या कमलनाथ (Kamal Nath).
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देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस इन दिनों अपने सबसे बुरे दौर से गुजरती हुई नजर आ रही है. कभी राम मंदिर, तो कभी धारा 370, कभी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूतों, तो कभी मुस्लिम परस्त राजनीति पर. कांग्रेस कई बार ऐसे ज्वलंत मुद्दों पर अपनी 'विशेष राय' की वजह से भाजपा के निशाने पर आती रही है. इतना ही नहीं, चुनावी राज्यों में कांग्रेस के नेताओं की जुबान फिसलने की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं. जिसका खामियाजा कांग्रेस को चुनाव के साथ ही पार्टी में टूट के तौर पर भी झेलना पड़ता है. लेकिन, कांग्रेस इन बातों से सबक लेती नहीं दिखती है. समझना मुश्किल हो जाता है कि आखिर कांग्रेस एक ही तरह की गलतियां बार-बार क्यों दोहराती है? इस सवाल के आलोक में याद आता है 1991 में फिल्म 'हिना' का एक गाना 'मैं देर करता नहीं, देर हो जाती है.' ऐसा लगता है कि कांग्रेसी नेता भी इसी गाने की तर्ज पर चलते हैं. फिर चाहे वो राहुल गांधी हों या कमलनाथ. कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेसी गलतियां करते नहीं, बस हो जाती हैं.
हिंदुओं को लेकर कांग्रेस के तमाम नेताओं की मनस्थिति समझना आसान नहीं है.
राहुल गांधी बांटने वालों से मिलकर लोगों को कैसे देंगे एकजुटता का संदेश?
2024 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने राहुल गांधी को रीलॉन्च करने के लिए 'भारत जोड़ो यात्रा' का खाका खींचा था. तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा फिलहाल महाराष्ट्र में हैं. और, राहुल गांधी की यही कोशिश रहती है कि अपने भाषणों से सद्भावना और एकजुटता के संदेश दें. इसके साथ ही राहुल गांधी के महंगाई, बेरोजगारी जैसे सामाजिक मुद्दों को भी भरपूर तरीके से उठा रहे हैं. लेकिन, भारत जोड़ो यात्रा शुरुआत से ही विवादों में आ गई थी. क्योंकि, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी कुछ ऐसे लोगों से भी मुलाकात कर रहे थे. जो लोगों के बीच एकजुटता की जगह गहरी खाई बनाने के लिए मशहूर थे.
George Ponnaiah who met Rahul Gandhi says “Jesus is the only God unlike Shakti (& other Gods) “ This man was arrested for his Hindu hatred earlier - he also said “I wear shoes because impurities of Bharat Mata should not contaminate us.” Bharat Jodo with Bharat Todo icons? pic.twitter.com/QECJr9ibwb
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) September 10, 2022
इन्हीं में से एक थे विवादित पादरी जॉर्ज पोन्नैया. जिन्होंने इस मुलाकात में राहुल गांधी को बताया था कि 'ईसा मसीह ही असली भगवान है. हिंदू धर्म के देवी-देवताओं शक्ति या अन्य की तरह यीशू नहीं हैं.' और, इसके बारे में खुद राहुल गांधी ने ही पूछा था. शायद राहुल गांधी की ये मंशा नहीं रही होगी. लेकिन, पादरी जॉर्ज पोन्नैया ये मौका नहीं चूके. और, राहुल गांधी से यहां अनचाहे ही एक गलती हो गई. यहां सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी को कांग्रेस में ऐसे लोगों की खोज नहीं करनी चाहिए, जो जान-बूझकर ऐसे विवादित लोगों के साथ उनके कार्यक्रम तय करवा देते हैं? और, बाद में कांग्रेस को उस पर सफाई देनी पड़ती है. आखिर रायता फैलने से पहले ही सुरक्षा के उपाय करने से कांग्रेसियों को किसने रोका है?
हिंदू शब्द के अर्थ 'शर्मनाक' बताने वाले जारकीहोली कैसे जोड़ेंगे?
भाजपा हमेशा से ही कांग्रेस पर हिंदूविरोधी होने का आरोप लगाती रही है. और, इन आरोपों की पुष्टि कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जारकीहोली जैसे नेता ही कर देते हैं. हाल ही में सतीश जारकीहोली ने हिंदू शब्द पर अपने बयान के जरिये एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था. जिसके लिए बाद में उन्होंने माफी तक मांग ली. लेकिन, सवाल ये उठता है कि माफी ही मांगनी थी, तो विवादित बयान दिया क्यों? और, इससे भी अहम बात ये है कि एक पब्लिक फीगर होने के बावजूद आखिर क्यों इस तरह के बयान दिए जाते हैं?
#WATCH| "Where has 'Hindu' term come from?It's come from Persia...So, what is its relation with India? How's 'Hindu' yours? Check on WhatsApp, Wikipedia, term isn't yours. Why do you want to put it on a pedestal?...Its meaning is horrible:KPCC Working Pres Satish Jarkiholi (6.11) pic.twitter.com/7AMaXEKyD9
— ANI (@ANI) November 7, 2022
बता दें कि सतीश जारकीहोली ने कहा था कि अगर आपको हिंदू शब्द का अर्थ पता चलेगा. तो, आपको शर्म आ जाएगी. इसका मतलब बहुत गंदा होता है. अब अगर इस तरह के बयानों से हिंदू वोटर का कांग्रेस से दूरी बना लेंगे. तो, कांग्रेस की ओर से कहा जाएगा कि भाजपा विभाजनकारी राजनीति कर रही है. जबकि, कांग्रेस के नेता ही जाने-अनजाने में अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने को तैयार बैठे रहते हैं.
मंदिर का केक काटकर किसे खुश कर रहे थे कमलनाथ?
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने जन्मदिन के मौके पर एक मंदिरनुमा केक को काटकर कार्यकर्ताओं के साथ जश्न मनाया. कांग्रेस के झंडे की तरह ही तिरंगे रंग से रंगे इस मंदिरनुमा केक के सबसे ऊपर पर हनुमान जी की तस्वीर नजर आ रही है. इस वीडियो के सामने आने के बाद भाजपा ने कमलनाथ पर हमला बोल दिया. और, इसे हिंदुओं और सनातन परंपरा का अपमान बताया है. खैर, भाजपा को तो इस मामले पर कांग्रेस को निशाने पर लेना ही था. क्योंकि, वो ऐसा मौका हाथ से जाने ही नहीं देती है.
Congress is essentially anti Hindu hence from Hindu terror to Hindutva is ISIS to equating Gita To Jihad or Jarkiholi insulting Hindus to now Kamalnath ji cutting a cake with Mandir & Hanuman ji on it ! They are Chunavi Hindus & leave no opportunity to insult Hindus ! pic.twitter.com/z3Go60vFGz
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) November 17, 2022
लेकिन, यहां सोचने वाली बात है कि क्या कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शामिल कमलनाथ के पास इतना भी कॉमन सेंस नहीं था कि वो मंदिरनुमा केक को काटने से हो सकने वाले संभावित नुकसान को नहीं समझ पाए. या फिर क्या कमलनाथ ने ऐसा जानबूझकर किया था? वैसे, वीडियो देखकर साफ होता है कि ये केक कार्यकर्ताओं द्वारा लाया गया था. लेकिन, केक को देखने के बावजूद उसे काटने का फैसला तो कमलनाथ का ही था. क्या उन्होंने अपने आसपास ऐसे लोगों को नहीं रखा है, जो इस तरह की चीजों के लिए उन्हें आगाह करें?
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