Coronavirus के दौर में डॉक्टर-पुलिस पर हमला करने वाले नयी शक्ल के 'गोरक्षक'
कोरोना वायरस के नाम पर अफवाह (Coronavirus Rumours) फैला कर डॉक्टरों और दूसरे लोगों (Doctors and other targets) को वैसे ही टारगेट किया जा रहे हैं जैसे पहले कभी गोतस्कर बताकर या बच्चा चोर बता कर किया जाता रहा - आखिर गोरक्षकों (Cow Vigilantes) की शक्ल में ये हमलावर कौन हैं?
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8 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में जब कोविड 19 प्रभावित हॉट स्पॉट को सील करने की खबर आ रही थी, तभी कई शहरों में अफवाह भी फैलने लगी. लोगों के बीच पहुंची अफवाहों की वजह से लखनऊ के कई इलाकों में लोग दवा और जरूरी सामान लेने के लिए निकल पड़े और देखते ही देखते इतनी भीड़ हो गयी कि सोशल डिस्टैंसिंग (Social distancing) की बातें तो जैसे काफी पीछे ही छूट चुकी थीं. फिर अलग अलग शहरों में प्रशासनिक अधिकारी आगे आये और स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की. साथ ही, अफवाह फैलाने वालों के साथ सख्ती से पेश आने की चेतावनी भी दी. फिर भी अफवाह फैलाने वाले (Coronavirus Rumours) बाज नहीं आ रहे हैं - और जगह जगह कोरोना वायरस के नाम पर लोगों को टारगेट किये जाने की खबरें आ रही हैं.
दिल्ली में जहां 22 साल के एक युवक की पिटायी से मौत की खबर है, वहीं दिल्ली और नोएडा से कुछ महिला डॉक्टरों पर भी हमले (Doctors and other targets) की खबरें आयी हैं. डॉक्टरों और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों - और पुलिसवालों पर हमले को लेकर बार बार चेतावनी देने के बावजूद ऐसी घटनाएं थम नहीं रही हैं. समझना मुश्किल हो रहा है कि गोरक्षकों (Cow Vigilantes) की शक्ल में नजर आ रहे ये हमलावर कौन लोग हैं? स्वास्थ्य मंत्रालय ने, इस बीच, एक एडवायजरी भी जारी की है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि कोरोना के नाम पर न तो किसी के साथ भेदभाव हो, न ही किसी को इसके बहाने निशाना बनाया जाये - एडवायजरी में तमाम पहलुओं पर तस्वीर साफ करने की कोशिश की गयी है.
ये नयी शक्ल में गौरक्षक लगते हैं
कोरोना वॉरियर्स का मनोबल बरकरार रखने और लोगों के मन में उनके प्रति सम्मान की भावना जगाये रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अपील कर रहे हैं. ताली और थाली बजाने जैसे उपक्रम के जरिये तो अलग अलग मंच पर उनका जिक्र कर लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे किन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं. ये भी देखने को मिल रहा है कि कई डॉक्टर भी इलाज करते करते संक्रमित हो चुके हैं - और इंदौर से तो एक डॉक्टर के कोरोना से मौत की भी खबर आयी है. जो लोग भी कोरोना वायरस से आयी महामारी के दौरान सेवाओं में लगे हैं उनके साथ साथ उनके परिवार के लिए भी खतरा है, फिर भी वे बिना थके, बिना ठहरे ड्यूटी पर डटे हुए हैं.
फिर भी कोरोना वारियर्स के साथ कुछ लोग दुर्व्यवहार करने से बाज नहीं आ रहे हैं. कुछ दिन पहले दिल्ली और वारंगल में डॉक्टरों के साथ मकान मालिकों के खराब सलूक की भी खबरें आयी थीं - और इंदौर तो हमले का वीडियो सबने देखा ही. हालांकि, बाद में प्रशासन के एक्शन के बाद माफी भी मांग रहे थे. डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर थूकने को लेकर भी पुलिस में शिकायतें दर्ज करायी जा चुकी हैं.
अभी नोएडा से एक घटना की जानकारी आयी है जिसमें दो महिला डॉक्टरों पर उनके पड़ोसियों ने हमला बोल दिया. ये घटना 8 अप्रैल की है और तब रात के 9.30 बजे थे. बताते हैं कि दोनों महिला डॉक्टर घर से बाहर फल खरीदने निकली हुई थीं. दुकानों पर उनके पड़ोसी पहले से ही पहुंचे हुए थे. उनको देखते ही एक पड़ोसी जोर जोर से चिल्लाने लगा कि वे वहां कोरोना वायरस फैला रही हैं. जब दोनों डॉक्टरों ने उनके शोर मचाने का विरोध किया तो कुछ और पड़ोसियों ने हमला कर दिया. ये दोनों डॉक्टर सफदरजंग अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में तैनात हैं. बाद में सफदरजंग हॉस्पिटल रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर मनीष ने दिल्ली के हौजखास पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करायी. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है.
सफदरजंग अस्पताल की दो महिला डॉक्टर नोएडा में फल लेने गयी थीं तभी पड़ोसियों ने हमला कर दिया - आरोपी गिरफ्तार किया जा चुका है
क्या ऐसा नहीं लगता कि ये हमलावर नयी शक्ल में उग आये गोरक्षकों जैसे व्यवहार कर रहे हैं. आखिर ये भी तो कोरोना फैलाने का आरोप वैसे ही लगा रहे हैं जैसे गोरक्षा के नाम पर असामाजिक तत्वों का झुंड किसी को भी घेर कर उस पर हमला बोल देता था.
दोनों डॉक्टर तो हमलावरों से जैसे तैसे बच निकलीं, लेकिन दिल्ली के बवाना में 22 साल के एक युवक की बेरहमी से पिटाई के बाद तो उसकी मौत ही हो गयी. पीटने वाले उस युवक पर भी कोरोना फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगा रहे थे.
पुलिस के मुताबिक वो युवक तब्लीगी जमात के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने भोपाल गया था और 45 दिन बाद वो सब्जी लेकर आ रहे एक ट्रक में सवार होकर लौटा था. आजादपुर मंडी में उसे पकड़ लिया गया लेकिन मेडिकल टेस्ट के बाद उसे छोड़ दिया गया. पुलिस ने बताया है कि जब वो अपने गांव पहुंचा तो अफवाह फैला दी गयी कि उसकी कोरोना वायरस फैलाने की योजना है. फिर लोग उसे पकड़ कर खेतों में लेते गये और जम कर पिटाई कर दी. पिटाई बुरी तरह जख्मी हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गयी. पुलिस ने इस मामले में भी तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
बीबीसी ने एक रिपोर्ट में ऐसी ही कुछ घटनाओं की जानकारी दी है. रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के बागलकोट में करीब दर्जन भर लोग तीन मछुआरों को घेर लेते हैं. एक वीडियो सामने आया है जिसमें तीनों मछुआरे हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाते हैं तो बाकी लोग जोर से बोलते हैं - 'छूना मत इन्हें... ये लोग ही कोरोना फैला रहे हैं.'
1. बागलकोट के एसपी लोकेश बी. जगालसर ने बीबीसी को घटना के बारे में बताया, 'चार मछुआरे थे जो एक गांव में मछली पकड़ने गए थे, जिनमें दो हिंदू और दो मुसलमान थे. ये मछुआरे दूसरे गांव मछली पकड़ने गए थे लेकिन इन्हें गांववालों ने घेर लिया... उनके साथ जो हुआ वो गलत है. हमने एफ़आईआर रजिस्टर किया है और पांच लोगों की गिरफ्तारी की गई है.'
2. ऐसा ही एक वीडियो उत्तराखंड के हल्द्वानी का है जो वायरल हो रहा है. हल्द्वानी की घटना में कुछ लोग फलों की एक दुकान पर पहुंचते हैं और नाम पूछते हैं. दुकानदार जब मुस्लिम नाम बताता है तो बोलते हैं कि वो दुकान वहां न लगाये. जब बगलवाला दुकानदार पूछता है तो वे लोग बोलते हैं - नहीं आप लगाइए. मूल रूप से यूपी के बदायूं का रहने वाला दुकानदार ने बीबीसी को बताया कि जब उसके साथ ये सब हो रहा था तो वहां कुछ महिला पुलिसकर्मी भी ये सब चुपचाप देख रही थी.
3. यूपी के फूलपुर में भी ऐसे ही एक वाकये का पता चला है. सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर एक मीडियाकर्मी ने वाराणसी पुलिस और प्रशासन ने अपने खिलाफ अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की मांग की है. वीडियो में मीडियाकर्मी कहता है कि वो दिल्ली में वर्क फ्रॉम होम कर रहा है और उसके गांव में कुछ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित होकर घर में छिपे होने का आरोप लगा रहे हैं - वैसे शिकायत मिलने के बाद पुलिसवाले मीडियाकर्मी के घर जाकर जांच भी कर आये हैं, लेकिन अब उसे किसी और अनहोनी का डर सता रहा है.
In d wake of a lot of rumours about Covid19 cases, kindly take note about false police complaint against me.@varanasipolice @adgzonevaranasi @dmvaranasi2016 @spvaranasi @IgRangeVaranasi @SHOPhulpur @TheQuint @kapur_ritu @Rohit_K69 @AdityaMenon22 @NeerajGupta20 @vikrantdubeyvns pic.twitter.com/7iv6k8k4Rh
— Mohd. Irshad Alam (@MIAlam1981) April 8, 2020
क्या ये घटनाएं बीते दिनों की मॉब लिंचिंग की घटनाओं की याद नहीं दिला रही हैं. कभी गोरक्षा के नाम पर तो कभी बच्चा चोर बता कर देश भर में ऐसी कई घटनाएं हुई थीं. सवाल ये है कि नयी शक्ल में गोरक्षकों जैसी हरकत कर रहे ये कौन लोग हैं?
ये कौन लोग हैं जो जगह जगह अफवाह फैला रहे हैं - और कहीं भी किसी को भी टारगेट कर रहे हैं? याद कीजिये एक बार प्रधानमंत्री मोदी ने ही बताया था कि जो लोग दिन में गोरक्षा के नाम पर उत्पात कर रहे हैं वे रात में क्या करते हैं राज्य सरकारों को उनका डॉजियर तैयार करना चाहिये. ये ताजा हरकतें तो यही बताती हैं कि ये बिलकुल वही हैं - बस टारगेट करने के लिए टॉपिक बदल लिया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवायजरी
कोरोना वायरस से हो रहे संक्रमण पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार अपडेट दे रहा है - और जरूरत पड़ने पर एडवायजरी भी जारी कर रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय की एजवायजरी में साफ साफ कहा गया है कि कोरोना वायरस को लेकर किसी समुदाय को भी टारगेट न किया जाये.
स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया है कि जो कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, सोशल मीडिया पर उनकी पहचान भी उजागर न करें. साथ ही संक्रमितों का इलाज करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों और फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों को निशाना न बनाएं.
1. स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइडरी में साफ तौर पर कहा गया है कि कोरोना वायरस फैलाने के लिए किसी भी समुदाय पर कोई आरोप न लगाये.
2. न तो किसी समुदाय या इलाके विशेष पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप न लगायें - क्योंकि ये एक संक्रामक बीमारी है और किसी को भी हो सकती है.
3. जो कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, सोशल मीडिया पर उनकी पहचान कभी भी उजागर न किया जाये.
4. कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों और फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों को निशाना न बनायें.
5. जो भी लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं, उन्हें कोरोना पीड़ित न कह कर कोविड-19 से उबरने वाला कहा जाए.
6. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि जो लोग कोरोना वायरस से लड़ने की जंग में जुटे हैं, उनकी सराहना करें. लॉकडाउन में जो जरूरी सेवाओं और वस्तुओं को मुहैया करा रहे हैं, उनका और उनके परिवार का मनोबल बढ़ायें.
7. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से ये भी अपील की गयी है कि कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी के लिए सिर्फ आधिकारिक सूचना देखी और शेयर की जाये जो स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
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