Coronavirus vaccine: क्या चीन की नजरों में गिनी पिग हैं पाकिस्तानी?
दुनिया में कोरोना (Coronavirus) फैलाने के बाद से चीन (China) बीमारी को लेकर गंभीर है और बीमारी की दवा (Corona Vaccine) बना रहा है. ऐसे में उसका अपने लोगों को छोड़कर पाकिस्तान (Pakistan) की आवाम पर उसका मानव परीक्षण (Human Test) कराना ये बता रहा है चीन (China) को अपना इजी टारगेट मिल गया है.
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इतिहास गवाह है जब जब कोई महामारी (Pandemic) आई और उसकी दवा (Vaccine) के निर्माण की बात हुई या फिर यूं भी जब कभी प्रयोग हुआ, प्रयोगशाला में सबसे ज्यादा जानें चूहों, गिनी पिग और बंदरों की गई. ऐसा इसलिए क्योंकि जब भी दवा बनती है उसका परीक्षण होता है उसके लिए सजीव जीव चाहिए होते हैं और वही बताते हैं कि प्रयोग सफल हुआ या विफल. ये तमाम बातें अपनी जगह हैं. कोरोना वायरस (Coronavirus) अपनी जगह. चाहे वो सुपर पावर अमेरिका (America) हो या फिर चीन (China), स्पेन (Spain), इटली (Italy) ईरान (Iran) और भारत (India) वर्तमान में कोरोना ने पूरी दुनिया को अपने आगे झुकने को मजबूर कर दिया है. बीमारी के कारण दुनिया ठप है और काम धाम रुका पड़ा है. लॉकडाउन (Lockdown) करके सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) को बल तो दिया जा रहा है मगर बड़ा सवाल यही है कि आखिर इस लाइलाज बीमारी का इलाज कब आएगा? दवा को लेकर परीक्षण (test) चल रहे हैं और आगे निकलने की होड़ में जो चीन ने किया उसने कई मुल्कों को हैरत में डाल दिया है. चीन, मानव परीक्षण (Human Trials) के लिए अपने लोगों को नहीं बल्कि पाकिस्तानी आवाम को बलि का बकरा बना रहा है और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) चुपचाप खड़े ये सब देख रहे हैं लेकिन कुछ कर नहीं पा रहे हैं.
दवा के नाम पर जो चीन ने पाकिस्तान के साथ किया है वो विचलित करने वाला है
जी हां भले ही ये बातें हैरत में डाल दें मगर सच यही है कोरोना वायरस के परिदृश्य में चीन पाकिस्तानी आवाम को चूहें, बंदरों और गिनी पिग से ज्यादा कुछ नहीं समझता है. बात कुछ यूं है कि कोरोना वायरस महामारी का हॉटस्पॉट रहे चीन ने इससे निपटने के लिए वैक्सीन तो बना ली है मगर जो उसके बाद किया वो हैरान करने वाला है. बताया जा रहा है कि अगले तीन महीने तक चीन पाकिस्तान के लोगों में इस दवा का ट्रायल करेगा। यदि प्रयोग कामयाब हुआ तो इसे आगे भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि चीन की तरफ से ये परीक्षण पाकिस्तान के लोगों में ही हो इसलिए दोनों देशों के बीच एक करार भी हुआ है.
पाकिस्तानी आवाम पर ये परीक्षण करके चीन ये जानने का प्रयास कर रहा है कि बीमारी की रोकथाम में ये वैक्सीन कितनी कारगर है. साथ ही ये भी कि इसका कोई दुष्परिणाम आम लोगों में तो नहीं है? पाकिस्तानी न्यूज चैनल 92 न्यूज से हुई बातचीत में पाकिस्तान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मेजर जनरल डॉक्टर आमिर इकराम ने कहा कि चीन ने वैक्सीन के ट्रायल के लिए काम शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, 'ऐसी आशा है कि पाकिस्तान में अगले तीन महीने में कोरोना वायरस की वैक्सीन लॉन्च कर दी जाएगी.'
गौरतलब है कि बीमारी का खौफ कुछ ऐसा है कि आज अमेरिका से लेकर चीन और भारत से लेकर ईरान तक विश्व के तकरीबन सभी बड़े छोटे मुल्क यही कोशिश कर रहे हैं कि किसी भी सूरत में इस जानलेवा महामारी की दवा बनाकर लगातार मरते हुए लोगों को बचाया जा सके. दवा और चीन के इस प्रयोग पर इकराम ने सफाई दी है. इकराम ने बताया कि, 'आमतौर पर एक वैक्सीन को बनाने में 8 से 10 साल लगते हैं. चीन की बनी नई वैक्सीन को कई संस्थानों से मान्यता मिल गई है. हम इन सब मामलों को बहुत जल्द ठीक कर लेंगे.'
वहीं जब यदि खबर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के आलोचकों के सामने आई उन्होंने साफ़ कह दिया है कि चीन से दोस्ती निभाकर इमरान अपने लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं. आलोचकों का मानना है कि पाकिस्तान को चीन और इमरान खान की दोस्ती की एक लंबी कीमत चुकानी होगी. सवाल होगा क्यों ? तो जवाब बस इतना है कि वैक्सीन के इंसानों पर ट्रायल के बहुत खतरे होते हैं. पूर्व में मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिनमें मरीजों की जान गयी है. वैज्ञानिकों का एक वर्ग वो भी है जिसका मानना है कि यदि चीन का ये प्रयोग फेल होता है तो इसके परिणाम भयावह होंगे. बीमारी और ज्यादा फैल सकती है जिससे न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि आस पास के मुल्क भी प्रभावित होंगे.
इतनी बातों के बाद एक सवाल ये भी हो सकता है कि आखिर ऐसा क्या था जिसके चलते इमरान खान को इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा ? इस सवाल का जवाब भी बहुत आसान है. आज जैसे हालात हैं पाकिस्तान आर्थिक मोर्चे पर विफल है. मुल्क कर्जे की मार झेल रहा है और आलम कुछ यूं है कि देश के ज्यादातर युवा बेरोजगार हैं. आतंकवाद को लेकर पहले ही पाकिस्तान पूरी दुनिया से थू थू झेल रहा है. ऐसे में वो चीन ही था जो मदद के लिए सामने आया और न सिर्फ आर्थिक मोर्चों में उसकी मदद की बल्कि उसकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया.
अब चूंकि दुनिया की रिवायत रही है कोई किसी की मुफ्त में मदद नहीं करता चीन का भी हाल कुछ ऐसा ही है. अपने लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे और सतह ही वैक्सीन का सफल परीक्षण भी हो जाए चीन ने पाकिस्तान को मोहरा बनाया है. कहा यहां तक जा रहा है कि इसके पाकिस्तान के बाद चीन अन्य मुल्कों के लोगों के ऊपर भी यही परीक्षण करने वाला है.
पूरे मामले में एक दिलचस्प पक्ष ये भी है कि चीन कोई आज से नहीं बल्कि बहुत पहले से इस दवा के दवा के लिए गम्भीर है, कहा जा रहा है कि चीन ये परीक्षण 16 मार्च से कर रहा था और अब प्रयोग अपनी फाइनल स्टेज में है. चीनी मिलिट्री साइंस अकादमी के शोधकर्त्ता इस वैक्सीन को लेकर बहुत गंभीर हैं और उनका प्रयास यही है कि वो नंबर 1 का तेज पहन ले.
बहरहाल अब जबकि मामला सामने आ गया है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि पाकिस्तान की आवाम इसपर क्या फैसला लेती है. बाकी जैसे हालात हैं इतना तो तय है कि चीन की इस हरकत के बाद पाकिस्तान की आवाम बगावत कर सकती है. अब तक पाकिस्तान में कोरोना 222 लोगों की जान ले चुका है. देखना ये भी दिलचप्स रहेगा कि खुद पाकिस्तान की आवाम चीन और कोरोना से एक साथ कैसे लड़ती है? और वो कौन से हथकंडे हैं जिनका इस्तेमाल करके वो खुद को महफूज़ रख पाती है. अंत में बस इतना ही कि जिस तरह चीन ने पाकिस्तान के लोगों को जानवरों से बदतर सुलूक किया वो कई मायनों में विचलित करने वाला है.
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