झाडू लेकर सियासत में सफाई करने आये केजरीवाल खुद भ्रष्टाचार के लपेटे में
शूंगलू कमेटी की रिपोर्ट में भी केजरीवाल पर सगे संबंधियों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे हैं. दिलचस्प बात ये है कि कपिल मिश्रा ने भी दिल्ली सरकार के एक अन्य मंत्री सत्येंद्र जैन के हवाले से केजरीवाल के सगे रिश्तेदार के लिए डील कराने की बात कही है.
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अरविंद केजरीवाल की राजनीति में एंट्री का मकसद ही भ्रष्टाचार का खात्मा था, लेकिन अब वो खुद ही 2 करोड़ रुपये कैश लेने को लेकर सवालों के घेरे में आ गये हैं. केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का इतना बड़ा आरोप खुद उनकी पार्टी के कपिल मिश्रा ने लगाया है जिसे एक दिन पहले मंत्रिमंडल से हटा दिया गया.
2 करोड़ कैश किसलिए?
भ्रष्टाचार पर बड़े खुलासे की घोषणा तो कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर पहले ही कर दी थी. कपिल मिश्रा ने जगह भी वही चुनी जो विशेष मौकों के लिए केजरीवाल की पसंदीदा जगह रही है. मीडिया पहले से ही कपिल मिश्रा का राजघाट पर इंतजार कर रहा था. दिल्ली में राजघाट पर अपनी प्रेस कांफ्रेंस में केजरीवाल पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कपिल मिश्रा ने कहा, 'सत्येंद्र जैन ने अरविंद केजरीवाल जी को मेरे सामने पैसे दिए. मैंने जब उनसे इस पैसे के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ बातें होती हैं जो बताई नहीं जा सकतीं.'
कपिल मिश्रा ने ये भी दावा किया है कि सत्येंद्र जैन ने उन्हें बताया था कि उन्होंने केजरीवाल के एक करीब रिश्तेदार के लिए 50 करोड़ की डील कराई है.
शूंगलू कमेटी की रिपोर्ट के बाद सवालों के घेरे में आये केजरीवाल के लिए कपिल मिश्रा का आरोप मुश्किलों का अंबार है. केजरीवाल के विरोधी एक स्वर से उनका इस्तीफा मांग रहे हैं - और जांच का सामना करने की सलाह दे रहे हैं.
आरोप नहीं गवाही
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने तत्काल प्रभाव से केजरीवाल का इस्तीफा मांगा और कहा कि ये कपिल मिश्रा के आरोप नहीं बल्कि गवाही है. मनोज तिवारी का कहना है कि पुलिस और जांच एजेंसियों को इस मामले पर ध्यान देना चाहिये क्योंकि केजरीवाल का साथी ही इस मामले का चश्मदीद गवाह है.
शूंगलू कमेटी की रिपोर्ट में भी केजरीवाल पर सगे संबंधियों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे हैं. दिलचस्प बात ये है कि कपिल मिश्रा ने भी दिल्ली सरकार के एक अन्य मंत्री सत्येंद्र जैन के हवाले से केजरीवाल के सगे रिश्तेदार के लिए डील कराने की बात कही है. अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कपिल मिश्रा ने कहा कि पहले उन्हें लगता था कि केजरीवाल ईमानदार हैं, लेकिन इस भारी कैश को लेकर पूछने पर उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी.
अगर लोकपाल होता तो दूध का दूध और...
कपिल मिश्रा ने कहा, 'मैंने केजरीवाल से कहा कि गलती किसी से भी हो सकती है, आप माफी मांगिए. मैंने उन्हें यह भी कहा कि यह बात मुझे एसीबी को बतानी होगी. इसके बाद विधायकों की मीटिंग भी हुई. मुझे लगा वो इस बारे में चर्चा करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.'
कपिल के आरोप लगाने के कुछ ही देर बाद केजरीवाल के बचाव में सिसोदिया उतरे. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया मीडिया के सामने आये और आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. अपने छोटे से बयान में सिसोदिया ने बस इतना कहा कि ये आरोप बेबुनियाद है और ऐसे आरोपों का कुछ नहीं किया जा सकता.
कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर आरोप लगाने से पहले दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की. एसीबी को भी कपिल पहले ही एक चिट्ठी लिख चुके हैं.
अपनेआप में अकेला
खुद को कैबिनेट से हटाये जाने के बाद कपिल मिश्रा ने एक ट्वीट किया था - जिसमें उन्होंने कहा कि वो अकेले मंत्री हैं जिस पर कोई इल्जाम नहीं लगा या फिर वो किसी जांच एजेंसी के घेरे में नहीं हैं.
i am the only minister with no corruption charges. no CBI enquiry against me. किसी बेटी रिश्तेदार को पद नही दिया। शीला का भ्रस्टाचार खोला
— Kapil Mishra (@KapilMishraAAP) May 6, 2017
क्या कपिल मिश्रा भी किसी जांच एजेंसी के घेरे में होते तो भी केजरीवाल उनके साथ ऐसा ही बर्ताव करते. जितेंद्र तोमर या दूसरे आप नेताओं के उदाहरण तो यही बताते हैं कि केजरीवाल आखिर लम्हे तक साथ खड़े रहे.
सीधे केजरीवाल को कठघरे में खड़ा करने से पहले कपिल मिश्रा ने कहा कि टैंकर घोटाले में जिन लोगों पर सवाल उठ रहे हैं वे केजरीवाल के करीबी हैं. तो क्या इसी वास्ते कपिल मिश्रा को वैसी ही कीमत चुकानी पड़ी है जैसी कभी योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को चुकानी पड़ी थी. कपिल मिश्रा पार्टी में बने हुए हैं जबकि उन दोनों को बाहर कर दिया गया था. कपिल का कहना है कि वो पार्टी के संस्थापकों में से हैं और उन्हें कोई नहीं निकाल सकता. कपिल शायद योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण प्रकरण भूल गये हैं.
कपिल मिश्रा को कुमार विश्वास का करीबी बताया जाता है जिन्हें हाल ही में आप का राजस्थान प्रभारी बनाया गया है. खबर है कि विश्वास के करीबियों को पिछले दिनों केजरीवाल के इशारे पर टारगेट किया गया. फिर भी विश्वास ने हार नहीं मानी है, उनका कहना है कि जंतर मंतर की आग अभी बुझी नहीं है.
एक आंदोलन और सही.न थके हैं,न डरे हैं. सत्ता के किसी घड़े का बूँद भर जल भी नहीं चखा इसलिए अभीतक जंतर-मंतर की आग बाक़ी है.साथियो आश्वस्त रहो????????
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) May 6, 2017
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