Sonu Sood या IAS सोमेश उपाध्याय को कोई बाहरी कैसे कहेगा?
कोरोना (Coronavirus) के मद्देनजर दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री (CM) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) दिल्ली के अस्पतालों में दिल्लीवासियों के इलाज की राजनीति कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) और आईएएस सोमेश उपाध्याय जैसे लोग हैं जो किसी विशेष धर्म, जाति, पंथ से इतर होकर पूरे देश की सेवा कर रहे हैं.
-
Total Shares
कोरोना (Coronavirus) के मद्देनजर राजधानी दिल्ली (Delhi) के हालात बद से बदतर हो रहे हैं.बात 8 जून तक के आंकड़ों की हो तो राजधानी दिल्ली में कोरोना के कुल 29,943 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें 17,712 एक्टिव केस हैं. कहा ये भी जा रहा है कि दिल्ली में जिस तरह लोगों की मौतें (Corona Death In Delhi) हो रही हैं उनकी एक बड़ी वजह कोरोना है. 874 लोग कोरोना के कारण मरे हैं. जैसे हालात हैं कहा ये भी जा रहा है कि देश की राजधानी दिल्ली कम्युनिटी ट्रांसमिशन की तरफ बढ़ चली है और अगले दो हफ़्ते दिल्ली के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण हैं. ये तमाम बातें एक तरफ हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) और उनकी बातें दूसरी तरफ हैं. कोरोना को लेकर अपने एक बयान के कारण दिल्ली के मुख्यमंत्री चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे हैं. ध्यान रहे कि अभी बीते दिनों ही केजरीवाल ने ये कहकर सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया था कि दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्ली वालों का ही इलाज होगा. इस मामले पर केजरीवाल ने चतुराई का परिचय देते हुए बंदूक दिल्लीवासियों के कंधे पर रखते हुए कहा था कि '90 फीसदी लोग चाहते हैं कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्लीवासियों का ही इलाज करें.'
वर्तमान में सोनू का शुमार उन लोगों में है जो बिना किसी भेदभाव के परेशानी में फंसे हर एक देशवासी की मदद कर रहे हैं
साथ ही केजरीवाल ने ये भी कहा था कि निजी अस्पताल भी दिल्लीवासियों के लिए रिजर्व रहेंगे. तब सीएम केजरीवाल ने इस पर भी जोर दिया था कि अगर अन्य शहरों के लोग विशेष सर्जरी के लिए दिल्ली आते हैं तो उनका इलाज निजी अस्पतालों में होगा. इन बातों का यदि गहनता से अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि ये सब केजरीवाल ने वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के अंतर्गत खुद को फ़ायदा पहुंचाने के लिए किया.
एक तरफ केजरीवाल हैं जो अपनी राजनीति चमकाने के लिए दिल्लीवालों को लेकर सिलेक्टिव हुए हैं वहीं दूसरी तरफ इसी देश में बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद और आईएएस सोमेश उपाध्याय जैसे लोग भी हैं जो किसी राज्य के न होकर पूरे देश के हैं और अपनी तरह से देश सेवा कर रहे हैं. मामले में हमें कहीं दूर जाने की ज़रूरत नहीं है सोनू सूद को ही देख लें तो सोनू पंजाब से हैं और मुंबई में रह रहे हैं. ऐसा बिल्कुल नहीं था कि उन्होंने मुंबई/ महाराष्ट्र में फंसे पंजाबियों की मदद की. सोनू हर उस आदमी की मदद के लिए सामने आए जो परेशानी में था और इस कोरोना काल में महाराष्ट्र की धरती पर फंसा हुआ था.
सोनू का ट्विटर एकाउंट अगर देखें तो उन्होंने किसी भी तरह की विचारधारा और धर्म, पंथ, जाति, समुदाय को दरकिनार कर सबकी मदद की और निष्काम भावना से की. सोनू ने ये बिल्कुल नहीं देखा कि कौन उत्तर प्रदेश का है और कौन बंगाल और बिहार का.
Please stay there. Sending someone now to take care of you guys. Some one will pick u up and also have organised stay for all of you. Time to meet your families. God bless ❣️???? घर वालों से मिलने का समय आ गया है दोस्त। https://t.co/4PIfVgObzX
— sonu sood (@SonuSood) June 8, 2020
इस मुश्किल वक़्त या ये कहें कि इन जटिल परिस्थितियों में जिस तरह का काम सोनू ने किया है उसके चलते उनकी तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं. तमाम प्रवासी मजदूर ऐसे हैं जो आज सोनू को इंसान के भेस में साक्षात भगवान का अवतार मान रहे हैं. ये सब करना सोनू के लिए भी आसान नहीं था. अब जबकि अधिकांश प्रवासी मजदूर अपने अपने घरों की तरफ लौट चुके हैं मामले पर राजनीति की शुरुआत हो गई है. सोनू का इस तरफ गरीब लोगों की मदद करना शिवसेना नेता संजय राउत को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया है और सोनू के मद्देनजर उन्होंने सामना में एक लेख भी लिखा है जिसे लेकर सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है. संजय राउत की बातों पर अपना तर्क देते हुए सोनू ने तर्क दिया है कि ये उनका मत है और इसके लिए वो पूरी तरह स्वतंत्र हैं.
वहीं बात अगर आई ए एस सोमेश उपाध्याय की हो तो उन्होंने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए अरविंद केजरीवाल के 'दिल्लीवासियों' वाले बयान की तीखी आलोचना की है. सोमेश ने ट्वीट किया है कि, 'मैं बिहार से हूं नपर ओड़िशा कैडर में कार्यरत हूं. पश्चिम बंगाल तथा मुम्बई में मेरी शिक्षा हुई है. दिल्ली और बनारस में रह कर IAS की तैयारी की. भोजपुरी, हिंदी, बंगाली, ओड़िया बोल लेता हूं.मराठी की समझ है. ऐसे में मुझे ये कन्फ्यूजन है कि मैं कहां पर भीतरी और कहां पर बाहरी हूं.
मैं बिहार से हूँ पर ओड़िशा कैडर में कार्यरत हूँ।पश्चिम बंगाल तथा मुम्बई में मेरी शिक्षा हुई है। दिल्ली और बनारस में रह कर IAS की तैयारी की। भोजपुरी, हिंदी, बंगाली, ओड़िया बोल लेता हूँ। मराठी की समझ है। ऐसे में मुझे ये confusion है कि मैं कहाँ पर भीतरी और कहां पर बाहरी हू।
— Somesh Upadhyay, IAS (@Somesh_IAS) June 8, 2020
साफ है कि अपने इस ट्वीट के जरिये आई ए एस सोमेश उपाध्याय ने केजरीवाल और दिल्ली सरकार पर तीखा व्यंग्य किया है. अपनी कही इस बात के बाद आई ए एस सोमेश ने एक ट्वीट और किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि हम सब भारतीय हैं और पूरे भारत में कोई बाहरी नहीं है.
हम सब भारतीय हैं। पूरे भारत में कहीं बाहरी नही।
— Somesh Upadhyay, IAS (@Somesh_IAS) June 8, 2020
विषय एकदम सीधा और स्पष्ट है चाहे सोनू सूद हों या फिर आई ए एस सोमेश दोनों ही लोग अपने अपने स्तर से देश का साथ दे रहे हैं और ऐसे ही और भी तमाम लोग हैं जो देशसेवा में अपना योगदान दे रहे हैं. ऐसे में जिस तरह अपने राजनीतिक हित के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों को राज्यों के बीच बांटा है वो न सिर्फ विचलित करने वाला है बल्कि ये भी बताता है कि जब बात राजनीति की आती है तो व्यक्ति के मंसूबे खतरनाक बल्कि बेहद खतरनाक हो जाते हैं.
बहरहाल बात केजरीवाल द्वारा लोगों को बांटने की चली है तो दिल्ली के मुख्यमंत्री को सोनू सूद और आईएएस सोमेश उपाध्याय जैसे लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए जो किसी क्षेत्र विशेष के लिए नहीं बल्कि पूरे देश को अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उसे लेकर उन्होंने कभी अपने को खास दिखाने की कोशिश भी नहीं की. केजरीवाल की ये राजनीति उन्हें कितना फायदा देती है फैसला वक़्त करेगा लेकिन जो वर्तमान है उसने ये बता दिया है कि जब बात राजनीति या फिर उससे मिले फायदों की आती है तो व्यक्ति अपनी सीमाएं लांघने से गुरेज नहीं करता.
ये भी पढ़ें -
Sanjay Raut on Sonu Sood: सोनू भले महात्मा न हों, संजय राउत क्या हैं ये पता चल गया
Yogi Adityanath की ख़ूबियां सीमा पार दुश्मन को दिख गईं, यहां विपक्ष अंधा हो गया!
Sonu Sood को निशाना बनाकर संजय राउत ने उद्धव ठाकरे की ही छवि बिगाड़ दी
आपकी राय