Aryan Khan केस को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक अखाड़ा अब सजा है
समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) की भूमिका को लेकर आर्यन खान केस की जांच से महाराष्ट्र में शुरू हुआ राजनीतिक विवाद बढ़ता ही जा रहा है - अब तो नवाब मलिक (Nawab Mallik) और देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) आमने सामने आ गये हैं.
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आर्यन खान की जमानत बॉम्बे हाई कोर्ट से मंजूर होने के बाद NCP प्रवक्ता नवाब मलिक ने शाहरुख खान की ही फिल्म 'ओम शांति ओम' के एक डायलॉग के जरिये दिया था, 'पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त' - ये विवाद बढ़ते बढ़ते नवाब मलिक (Nawab Mallik) और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच तकरार शुरू हो गयी है.
नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पर आरोप तो सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच के वक्त भी लगाये गये थे - और रिया चक्रवर्ती को जेल भेजे जाने के बाद तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी 'बंगाली ब्राह्मण महिला' बताते हुए बचाव में खड़े हो गये थे. जैसे तब कांग्रेस नेता रिया चक्रवर्ती को राजनीतिक वजहों से फंसाये जाने की बात कर रहे थे, आर्यन खान के केस में भी वैसी ही बातें कही जा रही हैं.
नवाब मलिक को ज्यादा मुखर तब देखा गया जब उनके दामाद को ड्रग्स केस में जमानत मिल गयी क्योंकि कोर्ट में एनसीबी अफसरों की दलीलें नहीं टिक पायी थीं. हालांकि, एनसीबी की तरफ से नये सिरे से जमानत रद्द कराने के लिए कोर्ट में अर्जी देने की तैयारी हो रही है.
नवाब मलिक ने पहले तो एनसीबी के मुंबई जोन के डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पीछे पड़े थे, लेकिन अब अपनी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को घेरने लगे हैं. देवेंद्र फडणवीस भी नवाब मलिक पर अंडरवर्ल्ड के साथ रिश्तों का इल्जाम लगा रहे हैं.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तो एनसीबी के जरिये बीजेपी पर महाराष्ट्र को बदनाम करने का ही आरोप जड़ दिया था - और गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर बरामद ड्रग्स का जिक्र कर बीजेपी नेतृत्व तक को घेरने की कोशिश की थी.
कहने को तो आर्यन खान का केस एनसीबी दफ्तर से होते हुए अदालत में चल रहा है, लेकिन वो महज केस का आपराधिक पक्ष है - क्योंकि राजनीतिक लड़ाई तो अलग ही लड़ी जा रही है. आर्यन खान केस को लेकर राजनीतिक बंटवारा साफ साफ दो हिस्सों में देखा जा सकता है.
जैसे केंद्रीय जांच एजेंसियों के एक्शन होते ही केंद्र की मोदी सरकार निशाने पर आ जाती है, ड्रग्स केस में आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद भी महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं को जवाब देना पड़ रहा है - और महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन के नेता हमलावर हैं.
न तो सुशांत सिंह राजपूत केस बिहार चुनाव में मुद्दा बन सका, न रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी बंगाल चुनाव में. बिहार में चुनाव प्रभारी रहते हुए भी देवेंद्र फडणवीस को सुशांत केस पर कुछ खास नहीं करना पड़ा था, लेकिन आर्यन खान केस के राजनीतिक राह पर आगे बढ़ने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री को मोर्चा संभालना पड़ा है, खासकर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को जांच के काम से हटाये जाने के बाद - और ये सब इतना जल्दी खत्म होता नहीं दिख रहा है.
दशहरे से दिवाली तक - और उसके आगे की राजनीति
शिवसेना की दशहरा रैली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एनसीबी की कार्रवाई पर बिफरे हुए नजर आये थे, 'ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे तुलसी की जगह गांजा लगाया जा रहा है... ऐसा जानबूझ कर क्यों कर रहे हो? ऐसा नहीं है कि सिर्फ महाराष्ट्र में मिला है... मुंद्रा बंदरगाह पर करोड़ों का ड्रग्स मिला... कहां है मुंद्रा? गुजरात... आप यहां चिमटी भर गांजा सूंघ रहे हैं.'
जैसे 2020 की दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे ने बॉलीवुड एक्टर कंगना रनौत के बहाने राजनीतिक विरोधियों पर बरसे थे, इस बार एनसीबी माध्यम बना था, 'आप यहां चिमटी भर गांजा सूंघने वाले को माफिया कहते हो... किसी एक सेलीब्रिटी को पकड़ते हो... फोटो खींचते हो और ढोल बजाते हो.'
समीर वानखेड़े को जांच से हटाया जाने के बाद नवाब मलिक का आक्रामक होना स्वाभाविक ही लगता है
उद्धव ठाकरे के इतना कहने भर से ही एनसीपी नेता नवाब मलिक का जोश बढ़ गया और वो हर रोज कोई न कोई नया दावा करते और किसी न किसी की तस्वीर ट्विटर पर शेयर करने लगे. समीर वानखेड़े के परिवारवालों की कई तस्वीरें तो ट्विटर पर शेयर किये ही, एक दिन देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस की भी शेयर कर डाली.
जब नवाब मलिक ने देवेंद्र फडणवीस के ड्रग कारोबारियों से गहरे रिश्तों का दावा कर बैठे तो विवाद बढ़ना ही था. देवेंद्र फडणवीस को खुल कर मोर्चा संभालना पड़ा. नवाब मलिक ने फडणवीस के अलावा और भी बीजेपी नेताओं के ड्रग्स का कारोबार करने वालों से संबंध होने का भी आरोप लगाया.
नवाब मलिक ने प्रेस कांफ्रेंस में एक एल्बम के निर्माण को लेकर जेल में एक व्यक्ति के बहाने बीजेपी नेताओं को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. नवाब मलिक ने कहा कि जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे तब उनकी पत्नी ने एक रिवर सॉन्ग चल-चल मुंबई बनाया था. वो गीत सोनू निगम और अमृता फडणवीस ने मिल कर गाया था और देवेंद्र फडणवीस और उनके कैबिनेट साथी सुधीर मुनगंटीवार ने एल्बम में अभिनय किया था.
जिस व्यक्ति के बहाने नवाब मलिक बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगा रहे हैं उसका नाम जयदीप राणा है और वो दिल्ली के 2020 के एक ड्रग तस्करी केस में जेल में बंद है. नवाब मलिक ने ये इल्जाम भी लगाया कि मुंबई, महाराष्ट्र और गोवा में ड्रग्स का कारोबार देवेंद्र फडणवीस के संरक्षण में किया जा रहा है - और आने वाले दिनों में जांच कराये जाने की भी बात कही.
नवाब मलिक के आरोपों को खारिज करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेता पर ही अंडरवर्ल्ड के साथ संबंधों के आरोप लगा डाला है - फडणवीस ने ऐलान किया था कि वो दिवाली के बाद बम फोड़ेंगे - और एनसीपी नेता शरद पवार को भी अपडेट करेंगे.
Nawab Malik attempted a 'Fuska Fataka', but now, after Diwali, I will bring a Bomb !I will expose Nawab Malik's underworld links and will send all evidence to Shri Sharad Pawar ji too. pic.twitter.com/Wco0Z6e0zt
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) November 1, 2021
देवेंद्र फडणवीस ने ये तो माना है कि रिवर एनथम की पूरी टीम उनसे मिली और फोटो भी खींचे गये, लेकिन वो ये कह कर बचाव कर रहे हैं कि जिस व्यक्ति का नाम नवाब मलिक ले रहे हैं उसे चार साल बाद एनसीबी ने गिरफ्तार किया है.
दिवाली बाद भी नवाब मलिक ने देवेंद्र फडणवीस का इंतजार नहीं किया और अब समीर वानखेड़े पर आर्यन खान को किडनैप करने कर फिरौती मांगने का इल्जाम लगाया है. केस के एक गवाह ने भी समीर वानखेड़े पर पैसे मांगने का आरोप लगाया था - और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. नवाब मलिक का कहना है कि मामले की जांच के लिए वो एसआईटी गठित करने की मांग किये थे, लेकिन अब दो स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम बनाई गई हैं. एक टीम केंद्र सरकार की तरफ से बनाई गई है और दूसरी महाराष्ट्र सरकार की ओर से.
एनसीबी में एक नयी बात हुई है कि समीर वानखेड़े को जिन छह मामलों की जांच से हटाया गया है, उनमें आर्यन खान केस के अलावा नवाब मलिक के दामाद समीर खान का केस भी शामिल है. समीर वानखेड़े का दावा है कि उनको केस से हटाया नहीं गया है बल्कि वो खुद ऐसा करने के लिए एप्लीकेशन दिये थे. समीर वानखेड़े केस की जांच के काम से जरूर हटा दिये गये हैं, लेकिन एनसीबी के मुंबई जोन के डायरेक्टर अभी वही हैं.
समीर वानखेड़े की जगह अब आर्यन खान केस की जांच का नेतृत्व दिल्ली के आईपीएस अधिकारी संजय कुमार सिंह कर रहे हैं, जो केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान हुए कॉमन वेल्थ गेम्स घोटाले की भी जांच कर चुके हैं.
राहुल गांधी भी सपोर्ट में रहे
आर्यन खान के रिहा होने से करीब दो हफ्ते पहले राहुल गांधी ने फिल्म स्टार शाहरुख खान को एक पत्र लिखा था. राहुल गांधी ने शाहरुख से कहा कि पूरा देश आपके और आर्यन के साथ है और देश की जनता सब देख रही है - इंसाफ जरूर होगा. सूत्रों के हवाले से बताया गया कि राहुल गांधी ने इस बात पर दुख जताया था कि गौरी और शाहरुख खान एक मुश्किल घड़ी से गुजर रहे हैं, 'कोई भी बच्चा ऐसा बर्ताव डिजर्व नहीं करता.'
महाराष्ट्र की राजनीति का जो लेवल सुशांत सिंह राजपूत केस के वक्त देखने को मिला था - और बाद में बीएमसी की कार्रवाई के बाद कंगना रनौत के मुंबई को पीओके बता देने पर जो बवाल हुआ - उसी का एक रंग केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी के रूप में भी देखने को मिला था. राजनीति अब भी उसी रास्ते पर आगे बढ़ती जा रही है.
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