निरहुआ को कम आंकने वाले 'नाम याद रखना', वे भोजपुरी सिनेमा के 'शाहरुख खान' हैं!
किंग खान के लिए जिस तरह की दिवानगी हिंदी बेल्ट में रहती है, वही दिवानगी भोजपुरिया लोगों में निरहुआ के लिए देखी जाती है.
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राजनीति के नाम पर दिनेश लाल यादव (Dinesh lal yadav) को ऐसे नीचा दिखाया गया जैसे पहले कभी कोई अभिनेता, राजनेता बना ही ना हो. हम बात करके हैं भोजपुरी जगत के सुपरस्टार की, जिसे पूरी दुनिया ऊर्फ निरहुआ (Nirahua) के नाम से ही जानती है. हम यहां शाहरुख खान से निरहुआ की तुलना नहीं कर रहे, लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि वे भोजपुरी के किंग खान तो बन ही चुके हैं. जिस तरह की दिवानगी हिंदी बेल्ट में किंग खान के लिए रहती है, वही दिवानगी भोजपुरिया लोगों में निरहुआ के लिए रहती है.
पूर्वांचल से लेकर बिहार तक में अहर निरहुआ का गाना ना बजे तो शादी ही अधूरी मानी जाती है. जिस तरह कभी शाहरुख खान की फिल्मों को देखने के लिए भीड़ उमड़ती थी, उसी तरह निरहुआ की फिल्मों के नाम पर झंकार सिनेमा हाउसफुल हो जाते हैं.
निरहुआ शाहरुख खान की तरह ही जाने-माने अभिनेता हैं, जिनके नाम भर से फिल्में हिट हो जाती हैं. जो भोजपुरी इंडस्ट्री में सबसे अधिक फीस लेने वाले हीरो हैं. भोजपुरी में इन्होंने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं जो तोड़ना आसान नहीं है. जिसमें बॉर्डर, निरहुआ रिक्शा वाला और नरहुआ हिंदुस्तानी शामिल हैं. लोगों ने निरहुआ को बिग बॉस 6 में भी काफी पसंद किया था. निरहुआ ने बचपन में कराटे की ट्रेनिंग ली है औऱ वह उनके एक्शन में दिखती है. लोग उनके रोमांस की चर्चा करते हैं, हमारे किंग खान भी तो रोमांस के बादशाह हैं.
जिस तरह लोग शाहरुख खान के अभिनय के दिवाने हैं उसी तरह भोजपुरिया भाषी निरहुआ के अभिनय को देख पगला जाते हैं
भोजपुरी बेल्ट के लोगों के लिए निरहुआ ही उनके शाहरुख खान हैं-
आज के समय में निरहुआ के कई गाने कई मिलियन में देखें जाते हैं. निरहुआ के करोड़ों फॉलोअर्स हैं. भोजपुरी बेल्ट के लोगों के लिए निरहुआ ही उनके शाहरुख खान हैं. जिस तरह लोग शाहरुख खान के अभिनय के दिवाने हैं उसी तरह भोजपुरिया भाषी निरहुआ के अभिनय को देख पगला जाते हैं. उन्हें निरहुआ उनके जैसा लगता है, मतलब एक सामान्य हीरो जो एकदम उनकी तरह ही है. निरहुआ लोगों के दिलों राज एकदम शाहरुख कान माफिक ही राज करते हैं. जिसकी एक झलक पाने के लिए फैंस घंटों इंतजार करते हैं. जिसे सिनेमा में हंसता देख लोग मुस्कुराने लगते हैं और दुखी देख भावुक हो जाते हैं.
भोजपुरी सिनेमा में रिक्शावाला बनकर निरहुआ लोगों के दिलों पर ऐसे छाए कि हमेशा के लिए उनकी अलग पहचान बन गई. इसके बाद एक से बढ़एक सुपरहिट फिल्में करते गए. जिस तरह लोगों को शाहरुख खान और कॉजोल की केमेस्ट्री पसंद आती है उसी तरह लोग आम्रपाली दुबे और निरहुआ की जोड़ी दर्शकों को काफी पसंद हैं.
निरहुआ ने अपने करियर की शुरुआत बहुत छोटे स्तर पर की. वे घूम-घूमकर गाना गाते थे. उन्होंने गाना अपने चचेरे भाई विजय लाल यादव से सीखा जो बिरहा गाते थे. निरहुआ फिर घर-घर घूमकर जहां-तहां गाना गाने लगे. इस तरह प्रेरणा मिलती गई. वहीं साल 2003 में निरहुआ सटल रहे नाम का म्यूजिक एल्बम बना बनाया जो लोगों का प्रिय गाना बन गया.
इसके बाद फिल्म चलत मुसाफिर मोह लियो रे में वे निरहुआ बनकर वे लोगों के बीच फेमस हो गए. फिर जब इस भोजपुरिया जवान ने 'हो गईल बा प्यार ओढ़निया वाली से...गाया तो लोग उसके लिए पागल हो गए. इसके बाद हिट और सुपरहिट का ऐसा सिलसिला शुरु हुआ कि निरहुआ ने बॉलीवुड के शंहशाह अमिताभ बच्चन के साथ भोजपुरी फिल्म गंगा देवी में काम किया.
ऐसी बहुत सारी सामानताएं हैं जिससे कहा जा सकता है कि शाहरुख खान से निरहुआ की जिंदगी और सफलता से काफी मिलती-जुलती है. भले ही शाहरुख कोई राजनेता नहीं बने, लेकिन उनकी सफलता के पीछे भी वे खुद ही हैं. एक साधारण घर का लड़का जो दिल्ली की गलियों से मुंबई गया और संघर्षों का सामना करके बॉलीवुड में अपना पहचान बनाई. उसी तरह निरहुआ ने अपने नाम को एक नया रूप दिया. वरना गरीब किसान घर के बेटे का अभिनेता से नेता बन जाना आसान नहीं था.
फिल्म इंडस्ट्री चाहें बॉलीवुड की हो या भोजपुरी की, यहां अपनी जगह खुद ही बनानी पड़ती है. शाहरुख खान की तरह, निरहुआ भी आम लोगं के बीच से निकले हीरो हैं. जो यह जानते हैं कि जमीन पर रहना क्या होता है? कुछ तो बात है इस भोजपुरी के जुबली स्टार में जो एक बार चुनाव हारने के बाद दोबारा चुनावी मैदान में उतरा, और सपा के कभी ना टूटूने वाले किले को फतह कर लिया. ठीक किसी फिल्म की हीरो की तरह जो एक बार मारखाने के बाद दोबारा विलन को मारने के लिए झपट पड़ता है. अंत में वह घायल हीरो कैसे भी करके लड़ाई जीत ही जाता है.
निरहुआ वह इंसान है, जिसके पास कभी साइकिल भी नहीं थी, अगर आज वो लग्जरी गाड़ी से चलता है तो वह तो वह उसके मेहनत की कमाई से है जो उसने नाचगा कर ही कमाया है. निरहुआ भी शाहरुख खान की तरह सेल्फमेड इंसान है, जिसने यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है. जिस तरह शाहरुख खान अपनी मेहनत के बदौलत बॉलीवुड के बादशाह बने उसी तरह दिनेश लाल यादव ने भी अपने आप को निरहुआ बनकर स्थापित किया है.
आजमगढ़ उप-चुनाव जीतने के बाद निरहुआ नाम से मशहूर भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव को भले ही लोगों ने नचनिया-गवनिया कहकर छोटा साबित करना चाहा, लेकिन वे जो कुछ भी हैं अपने दम पर हैं. उन्होंने अपनी जिंदगी किसी की चमचागिरी करके नहीं बनाई है. ना ही भोजपुरी सिनेमा में उनका कोई गॉड फॉदर रहा है जो उन्हें फिल्मों में हीरो का रोल दिलवा देता. ना ही वे राजनीतिक खानदान से नाता रखते हैं.
वैसे भी आम सी शक्ल वाला इंसान जो उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के टडवां गांव का रहने वाला हो, गरीबी से लड़ा हो वह ऐसे कैसे हीरो बन जाता और फिर हिम्मत तो देखो वह चुनाव में भी खड़ा हो गया. इसलिए लोगों को जब निरहुआ में कोई और कमी नजर नहीं आई तो उन्होंने साड़ी पहनी उसकी तस्वीरें शेयर करके मजाक उड़ाना शुरु कर दिया. वह साधारण परिवार का लड़का जो लोगों के घरों में 500 रूपए में शादियों में ढोलक बजाकर गाना गाता हो वह नेता बनकर उनके सिर पर कैसे नाचता. खैर, आज बात राजनीति से इतर उस निरहुआ की करते हैं, जिसे जनता यानी फैंस का इतना प्यार मिला कि वह पहले सुपरस्टार और अब बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद बन गया.
अक्सर देखने में आता है कि भोजपुरी भाषी लोग भी निरहुआ का नाम सुनकर बोल पड़ते हैं, अरे ये कौन है हम नहीं जानते. हम तो भोजपुरी फिल्म देखते ही नहीं फिर निरहुआ को कहां से जानेंगे. हालांकि उन्हें भी पता है कि निरहुआ को भले ही आपने फिल्मों में ना देखा हो, उसके गाने ना सुने को लेकिन बंदे में ऐसी बात है कि नाम को कहीं ना कहीं सुना ही होगा.
भोजपुरी से नफरत करने वाले भोजपुरी जानते तो हैं, लेकिन शायद उन्हें सबके सामने बोलने में शर्म आती है क्योंकि वे भोजपुरी भाषा को गंदा समझते हैं. यही वजह है कि लोग निरहुआ के ओहदे को छोटा समझते थे. हालांकि अगर वही बॉलीवुड का कोई सुपरस्टार होता या किसी राजनेता के खानदान का होता तो लोगों की नजरों में उसकी शाख कुछ और होती.
हां अगर निरहुआ ने पहले कभी एक सामान्य गायक की तरह ढोल बजाता था. नाच-गाना करता था तो इसमें शर्म कैसा? यह तो कला है, रोजी-रोटी कमाने का जरिया है. यूपी से लेकर बिहार और झारखंड में निरहुआ का कद क्या है, कभी उन लोगों के बीच जाकर देखिए जो निरहुआ के दिवाने हैं, बाकी जलने वाले तो झलते ही रहेंगे...
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