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Updated: 20 मई, 2020 05:21 PM
मशाहिद अब्बास
मशाहिद अब्बास
 
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(US President Donald Trump) अपने ऊलूल-जुलूल बयानों के चलते सुर्खियों में बने ही रहते हैं. व्हाइट हाउस (White House) में पत्रकार वार्ता में कई बार अमेरिकी राष्ट्रपति अपने बयानों पर फंसते हुए ही नज़र आए हैं. ताजा मामला भारत से भेजी गई मलेरिया की दवा का है. राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में कुछ व्यापारियों के साथ चर्चा के दौरान दावा किया की वो कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine) का इस्तेमाल कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी दावा किया कि उनके साथ ही अमेरिका में काफी लोग इस दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनके इस दावे के बाद से ही लोग इसको लेकर ट्वीटर पर लगातार राष्ट्रपति ट्रंप को घेरते हुए नज़र आ रहे हैं. राष्ट्रपति से जब इस संबध में पूछा गया कि इस दवा को इस्तेमाल करके कोरोना वायरस से बचने के क्या सबूत हैं तो राष्ट्रपति ने कहा कि उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं लेकिन उन्होनें कोई भी बात सबूत के तौर पर पेश नहीं की.

मलेरिया के इलाज में काम आने वाली इस दवा को कई देशों ने कोरोना वायरस के मरीजों पर इस्तेमाल किया है लेकिन किसी ने भी इसकी 100 प्रतिशत गारंटी नहीं ली की यह दवा कोरोना के मरीजों पर कामगर है. वैज्ञानिकों का दावा है कि मलेरिया के काम आने वाली इस दवा को इस्तेमाल करना शरीर के लिए घातक भी हो सकता है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप खुद ही डाक्टर और वैज्ञानिक बन इसका गुणगान करने में लगे हुए हैं.

Coronavirus, Lockdown, America, Donald Trumpराष्ट्रपति ट्रंप अक्सर ही कुछ न कुछ ऐसा कह देते हैं जिससे विवादों को बल मिल जाता है

इससे पहले भी राष्ट्रपति के कई बयानों का जमकर मज़ाक उड़ाया जा चुका है. हफ्ते भर पहले वैज्ञानिकों ने कहा था कि कोरोना वायरस कड़ी धूप में मर जाता है लेकिन इसको लेकर अभी रिर्सच जारी है, तब भी राष्ट्रपति ट्रंप ने पत्रकार वार्ता के दौरान उत्साह भर कर दावा करने लगे कि अब कीटाणुनाशक इंजेक्शन तैयार करके इस वायरस पर काबू पाया जा सकता है.

ट्रंप के इस बयान पर वैज्ञानिक भी भौचक्के रह गए थे जब अमेरिकी मीडिया में इसका जमकर मजाक बनाया जाने लगा तो राष्ट्रपति ने अपने बयान से पल्टी मार ली और कहा कि वह तो मजाक कर रहे थे. अमेरिका में इसी वर्ष चुनाव होने वाले हैं इसलिए डोनाल्ड ट्रंप भी चाह रहे हैं कि वह कोरोना पर जल्दी काबू पा लें और देश की अर्थव्यवस्था को संभाले रहें जिससे अमेरिकी नागरिकों में उनका विश्वास बना रहे.

इसीलिए अमेरिका में कोरोना वायरस के रिकार्ड केस होने के बावजूद वह संपूर्ण अमेरिका को बंद करने से हमेशा बचते ही नज़र आए हैं. देश के कई राज्यों में वह लाकडाउन को खोलने के पक्ष में रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मीडिया से पूरे कार्यकाल के दौरान संबध कुछ खास नहीं रहा है, राष्ट्रपति कई बार मीडिया को आड़े हाथ लेते नज़र आए हैं. इसी झल्लाहट में ट्रंप यह भी कह चुके हैं कि अब उन्हें कोरोना वायरस को लेकर हर रोज़ पत्रकार वार्ता करना भी ज़रूरी नहीं है क्योंकि मीडिया हमेशा उनके बयानों को तोड़ मोड़ कर ही पेश करती है.

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लेखक

मशाहिद अब्बास मशाहिद अब्बास

लेखक पत्रकार हैं, और सामयिक विषयों पर टिप्पणी करते हैं.

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