पंजाब: शिरोमणि अकाली दल का नाम खराब कर रही है ड्रग्स
शिरोमणि अकाली दल की 'क्लीन चिट' दिलाने की कोशिशों के बावजूद केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई और पंजाब के राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर लगे ड्रग्स के दाग छूटने का नाम नहीं ले रहे हैं.
-
Total Shares
शिरोमणि अकाली दल की 'क्लीन चिट' दिलाने की कोशिशों के बावजूद केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई और पंजाब के राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर लगे ड्रग्स के दाग छूटने का नाम नहीं ले रहे हैं.
चर्चित सिंथेटिक ड्रग्स मामले में संदिग्ध भूमिका के चलते 26 दिसंबर 2014 को प्रवर्तन निदेशालय ने मजीठिया से पूछताछ की थी. इस केस में गिरफ्तार सिंथेटिक ड्रग माफिया जगजीत सिंह चहल ने बिक्रम सिंह पर पैसा लेने का आरोप लगाया गया है. चहल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए एक लिखित बयान में दावा किया है कि उसने मजीठिया को 2007 और 2012 के बीच 35 लाख रुपये दिए.
प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक, चहल ने ये भी बताया कि उसने मजीठिया के करीबी सतप्रीत सिंह सत्ता और परमिंदर सिंह पिंडी को स्यूडोईफेड्रीन (ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल होने वाला रसायन) दिया था. सूत्रों का कहना है कि चहल ने 9 फरवरी 2015 को प्रवर्तन निदेशालय में दर्ज कराए गए बयान में कहा कि उसने मजीठिया को पांच-पांच लाख रुपये की सात किस्तों में 35 लाख रुपये का भुगतान चुनावी फंड के नाम पर किया था. चहल ने प्रवर्तन निदेशालय को कथित तौर पर ये भी बताया है कि मजीठिया को ये रकम अमृतसर वाले घर पर दी गई थी.
मुख्य आरोपी जगदीश सिंह भोला के बाद चहल अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का दूसरा आरोपी है जो मजीठिया से जुड़ा बताया जा रहा है. भोला ने ही 7 जनवरी 2014 को इस बात का खुलासा किया था कि मजीठिया भी सिंथेटिक ड्रग रैकेट में शामिल है.
अकाली दल, अमृतसर की ग्रामीण इकाई के कोषाध्यक्ष मनिंदर सिंह बिट्टू औलख और चहल को 5.8 करोड़ रुपये की सिंथेटिक ड्रग्स के साथ 15 नवंबर 2013 को गिरफ्तार किया गया था. औलख और चहल दोनों हिमाचल के बद्दी में एक दवा फैक्ट्री के मालिक हैं. मजीठिया के करीबी माने जाने वाले बिट्टू औलख और अकाली दल नेता रतन सिंह अजनाला के पुत्र बोनी अजनाला पर भी ड्रग तस्करों से संबंध होने के आरोप हैं.
चहल के बयान, 3 मार्च 2015 को पटियाला कोर्ट में दायर प्रवर्तन निदेशालय के आरोप पत्र का हिस्सा है.
मजीठिया के खिलाफ ताजा आरोप पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया. विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक बार फिर से मजीठिया को कैबिनेट मंत्री पद से हटाने की अपनी पुरानी मांग को तेज कर दिया है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा का कहना है कि "मजीठिया का नाम 3 मार्च को पटियाला कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दायर किए गए आरोप पत्र शामिल है. साथ ही चार्जशीट में जगजीत सिंह चहल का वो इकबालिया बयान भी शामिल है जिसमें सीधे मजीठिया को आरोपी बताया गया है. मजीठिया को तुरंत नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए."
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर विधानसभा से वॉक आउट किया और बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की.
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील जाखड़ ने कहा, "आरोप बहुत गंभीर हैं. प्रवर्तन निदेशालय को इस पर गौर करना चाहिए. मजीठिया को कैबिनेट मंत्री के तौर काम करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए."
अपनी प्रतिक्रिया में इसे अपमानजनक बताते हुए मजीठिया ने कहा, "उन पर लगाए जा रहे आरोप बेतुके और बेबुनियाद हैं."
पंजाब के इस मंत्री का कहना है कि वो पारदर्शी और निष्पक्ष जांच के तैयार हैं ताकि सच्चाई सामने आए और वो इससे से अलग हो सकें.
मजीठिया का कहना है कि "इस केस में कुछ निहित स्वार्थवाले एक सम्मानित जांच एजेंसी (ईडी) की ओर से मीडिया को बता रहे हैं जबकि तमाम आरोपियों से पूछताछ में ड्रग्स सौदों में कथित मिलीभगत को लेकर मेरे खिलाफ कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है. ये सभी आरोप सोच समझकर मेरी छवि को खराब करने के मकसद से लगाए जा रहे हैं."
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि ताजा आरोपों के सामने आने के बाद एक बार फिर मजीठिया को तलब किया जा सकता है.
आपकी राय