मोदी-खट्टर विरोधी टाइम-लाइन से बीजेपी की लाइन पर क्या मुंह लेकर आएंगे दुष्यंत चौटाला?
कहीं न कहीं तो दुष्यंत चौटाला को थोड़ी सी तो शर्मिंदगी महसूस होती होगी कि आखिर किस तरह उन्होंने खट्टर सरकार पर झूठ, भ्रष्टाचार और न जाने कितने ही आरोप लगाए थे. उनकी ट्विटर टाइमलाइन खुद उन्हें शर्मिंदा करने के लिए काफी है.
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राजनीति भी ऐसी शय है जो अच्छे-अच्छों को अर्श से फर्श पर ले आती है और किसी को भी फर्श से अर्श पर. हरियाणा चुनाव के नतीजों में राजनीति का बड़ा ही अद्भुत खेल देखने को मिला है.
केवल 10 महीने पहले ही बनी जननायक जनता पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में 10 सीटें जीती और राज्य की सत्ता में किंगमेकर बनकर उभरी है. पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला हैं जिन्होंने चुनाव के पहले बीजेपी की खट्टर सरकार के खिलाफ बोल-बोलकर ही जनता का ध्यान अपनी तरफ खींचा था.
गुरुवार को सामने आए नतीजों में किसी दल को बहुमत नहीं मिला. इसलिए 90 सीटों में से 40 सीटें जीतने वाली भाजपा को सरकार बनाने के लिए समर्थन चाहिए था. और भाजपा को समर्थ दिया जेजेपी ने. यानी तय हो गया है कि प्रदेश में बीजेपी-जेजेपी सरकार बनेगी. 27 अक्टूबर यानी दीवाली के दिन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री का ताज पहनेंगे दुष्यंत चौटाला.
मनोहर लाल खट्टर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे दुष्यंत चौटाला
लेकिन दुष्यंत चौटाला के पिछले कुछ महीनों का रिपोर्ट कार्ड देखें तो उन्होंने बीजेपी और खट्टर सरकार के खिलाफ इतनी मेहनत से माहौल बनाया था जिसका नतीजा उन्हें जीत के रूप में हरियाणा की जनता ने दिया है. लेकिन कितना अजीब है न कि बीजेपी के खिलाफ खड़े होकर चिल्लाने वाले दुष्यंत नतीजों के बाद बीजेपी के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. कहीं न कहीं तो दुष्यंत चौटाला को थोड़ी सी तो शर्मिंदगी महसूस होती होगी कि आखिर किस तरह उन्होंने खट्टर सरकार पर झूठ, भ्रष्टाचार और न जाने कितने ही आरोप लगाए थे.
दुष्यंत ने सोशल मीडिया पर खट्टर को सबसे बड़ा झूठा करार दिया था. उनकी ट्विटर टाइमलाइन खुद उन्हें शर्मिदा करने के लिए काफी है, जहां उन्होंने खट्टर सरकार के खिलाफ कितना कुछ लिख रखा है.
10 अक्टूबर को किए एक ट्वीट में दुष्यंत ने लिखा कि- सीएम साहब आपसे झूठा कोई नहीं!! आपने सफीदों में कहा कि एक भी नौकरी हरियाणा से बाहर के व्यक्ति को नहीं दी. झूठ !! आपके इसी बिजली विभाग ने 2018 में SDO बिजली की सामान्य कैटेगरी में 55 में से 47 हरियाणा से बाहर के थे.
सीएम साहब @mlkhattar आपसे झूठा कोई नहीं !! आपने सफीदों में कहा कि एक भी नौकरी हरियाणा से बाहर के व्यक्ति को नहीं दी ! झूठ !!!! आपके इसी बिजली विभाग ने 2018 में SDO elec के gen category के 55 में से 47 लोग हरियाणा से बाहर के लगाए. ये रहा उसका सरकारी रिकॉर्ड !!#मनोहरलालझूठाहै pic.twitter.com/hxeVQ9wPiQ
— Dushyant Chautala (@Dchautala) October 10, 2019
इससे पहले 5 सितंबर को भी ट्वीट करके दुष्यंत ने सीएम खट्टर पर बेरोज़गारी को लेकर हमला किया था.
शर्मनाक आंकड़े !! बेरोजगारी के मामले हरियाणा देश में सबसे आगे नम्बर 1 पर पहुँच गया. मुख्यमंत्री खट्टर एक ओर तो हरियाणा की नौकरियां हरियाणा से बाहर वालों को दे रहे हैं दूसरी ओर हरियाणा में बेरोजगारी का आंकड़ा देश में सबसे ऊँची दर 28.7% पर पहुँच गया.#रोजगार_मेरा_अधिकार pic.twitter.com/FAceD9Qgpy
— Dushyant Chautala (@Dchautala) September 5, 2019
छोटे से छोटे मामले को उठाकर दुष्यंत ने खट्टर सरकार को घेरने की खूब कोशिशें की थीं.
ये हालात है - हिसार के सबसे बेहतर रिहायशी क्षेत्र माने जाने वालेसेक्टर 15 के
जिसमे स्थानीय लोगो को पीने के पानी के लिये टैंकर मंगवाकर काम चलाना पड़ रहा है। @mlkhattar pic.twitter.com/HLyefvweWv
— Dushyant Chautala (@Dchautala) September 19, 2019
उकलाना में पत्रकार अनूप कुंडू पर FIR हरियाणा सरकार की तानाशाही और बौखलाहट दिखाता है।सरकारी गोदाम में सड़ रहे अनाज की खबर पर अफसरों पर कार्रवाई करने की बजाय रिपोर्टर पर FIR करना ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ जैसा है।खट्टर सरकार तुरंत इस FIR को रद्द करे
— Dushyant Chautala (@Dchautala) September 17, 2019
खट्टर को तो छोड़िए, दुष्यंत ने प्रधानमंत्री मोदी जी को भी नहीं छोड़ा था. सोशल मीडिया पर मोदी जी से सीधे-सीधे सवाल जवाब करते दिखाई दिए थे.
Batao Modi Ji pic.twitter.com/ClwNYSiHyk
— Dushyant Chautala (@Dchautala) May 8, 2019
जाहिर है चुनाव प्रचार के वक्त इस तरह के ट्वीट करके सत्ता में रही पार्टी को ऐसे ही आड़े हाथों लिया जाता है. दुष्यंत भी यही कर रहे थे. लेकिन नतीजों के बाद दुष्यंत ने बीजेपी को समर्थन देकर खट्टर के खिलाफ अपनी पिछली बातों को एक सिरे से खारिज कर दिया.
राजनीति इसी को कहते हैं. यहां कुछ भी संभव है. दुष्यंत राजनीति के नए खिलाड़ी हैं और उन्हें अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने के लिए बीजेपी का दामन थामना जरूरी था. लेकिन कल्पना करो तो कितना मुश्किल पल होगा जब शपथ ग्रहण करते वक्त मोदी-खट्टर विरोध का झंडा थामकर चलने वाले दुष्यंत चौटैला मुख्यमंत्री बने खट्टर के पांव छू रहे होंगे.
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