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Updated: 02 नवम्बर, 2022 08:23 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का समन भेजा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन से 3 नवंबर को इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है. इस बीच ये भी खबर है कि हेमंत सोरेन ने 3 नवंबर के कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है. वैसे, हेमंत सोरेन की मुश्किलें अचानक से नहीं बढ़ी हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए खुद को ही हेमंत सोरेन ने खनन पट्टा दे दिया था. इस मामले में हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग ने दोषी पाते हुए विधायक पद के लिए अयोग्य ठहराया था. हालांकि, उनके चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई गई थी. लेकिन, झारखंड के राज्यपाल रमेश बैंस ने सीएम सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा कर गेंद चुनाव आयोग के पाले में डाल दी थी. फिलहाल चुनाव आयोग के पास हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी करने का मामला लंबित पड़ा हुआ है.

ED summons Jharkhand CM Hemant Soren in Money Laundering and Illegal Mining Case he do not have any card as Gandhi Family has Motilal Vora cardहेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की घेराबंदी उनके ही विधायक प्रतिनिधि के इर्द-गिर्द की गई है.

क्या चल पाएगा हेमंत सोरेन का आदिवासी कार्ड?

कुछ ही महीनों पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस आलाकमान यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ के लिए तलब किया था. सोनिया गांधी और राहुल गांधी से की गई अलग-अलग पूछताछ के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली भर में प्रदर्शन किए थे. लेकिन, हेमंत सोरेन के पास दिल्ली में ऐसी कोई बड़ी ताकत भी नहीं है कि वे इसे प्रदर्शन के सहारे ही साजिश घोषित कर दें. हालांकि, हेमंत सोरेन खुद को आदिवासी होने की वजह से परेशान किए जाने का आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन, ये आरोप खनन पट्टा मामला के बाद बहुत ही कमजोर लगता है.

हां, अगर उनके पास गांधी परिवार की तरह कोई 'वोरा कार्ड' होता. तो, उनके बचने की संभावनाएं प्रबल हो सकती थीं. दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता दिवंगत मोतीलाल वोरा के नाम पर ही सारा बिल फाड़ दिया था. क्योंकि, मोतीलाल वोरा ही नेशनल हेराल्ड की खरीद-फरोख्त के समय कांग्रेस के कोषाध्यक्ष थे. तो, गांधी परिवार ने ईडी की पूछताछ में यही कहा कि वे ही इसके लिए जिम्मेदार हैं. लेकिन, हेमंत सोरेन के पास अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोई ऐसी कमजोर कड़ी नजर नहीं आती है.

सोरेन के खिलाफ ईडी का घेराबंदी

ईडी ने इसी साल मई में झारखंड की निलंबित खनन एवं उद्योग सचिव पूजा सिंघल के 20 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी. पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा और सीएम सुमन कुमार के ठिकानों पर कार्रवाई के दौरान करीब 20 करोड़ की नकदी बरामद हुई थी. ईडी की जांच में ये मामला मनी लॉन्ड्रिंग के साथ अवैध खनन से भी जुड़ गया. जांच में निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के तार मुख्यमंत्री कार्यलय से भी जुड़े पाए गए. और, जुलाई में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की. जिसमें 5 करोड़ से ज्यादा की नकदी और कई बैंक खातों में करीब 12 करोड़ रुपये जमा होने की बात भी सामने आई.

वहीं, जब ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की. तो, उसमें सीएम हेमंत सोरेन के बैंक खाते की चेकबुक मिलने की बात भी थी. मीडिया में छपी खबरों की मानें, तो इस चेकबुक पर हेमंत सोरेन के हस्ताक्षर थे. ये चेकबुक मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के घर से ही बरामद हुई थीं. बता दें कि पंकज मिश्रा पर मुख्यमंत्री का नाम लेकर अधिकारियों को हड़काने और दबाव बनाकर काम करवाने के आरोप हैं. इसके साथ ही पंकज मिश्रा पर अवैध खनन के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप हैं. आसान शब्दों में कहें, तो सीएम सोरेन के विधायक प्रतिनिधि ही उनके लिए गले की फांस बन गए हैं.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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