कथित जमीन घोटाले में अब लालू यादव के करीबी भी राडार पर, विरोधी भड़के
प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली, नोएडा, पटना और मुंबई में 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है. एजेंसी की रडार पर लालू यादव के बच्चे और करीबी भी हैं. बीते दिनों इस मामले में लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से सीबीआई ने पूछताछ भी की थी. इस मामले में सीबीआई बाद ईडी दूसरी एजेंसी है जिसने लालू यादव और उनके करीबियों पर शिकंजा कसा है.
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नौकरी के बदले जमीन घोटाला में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली, नोएडा, पटना और मुंबई में 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है. एजेंसी की रडार पर लालू यादव के बच्चे और करीबी भी हैं. बीते दिनों इस मामले में लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से सीबीआई ने पूछताछ भी की थी. इस मामले में सीबीआई बाद ईडी दूसरी एजेंसी है जिसने लालू यादव और उनके करीबियों पर शिकंजा कसा है. रिपोर्टों के मुताबिक ईडी ने दिल्ली में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू यादव की बेटियों रागिनी, हेमा और चंदा के घर पर छापा मारा है. इसके अलावा लालू यादव के सीए के घर समेत 12 अन्य ठिकानों पर छापा मारा गया है. राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधायक अबु दोजाना के घर पर भी छापा मारा गया है.
इसको लेकर आरजेडी के प्रमुख लालू यादव ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके अनुसार उन्होंने आपातकाल का काला दौर भी देखा है. उसकी लड़ाई भी लड़ी थी. आधारहीन प्रतिशोधात्मक मामलों में आज उनकी बेटियों, नन्हें-मुन्ने नातियों और गर्भवती पुत्रवधू को भाजपाई ईडी ने 15 घंटों से बैठा रखा है. वे भाजपा पर इतने निम्न स्तर पर उतर कर राजनीतिक लड़ाई लड़ने का आरोप लगा रहे है. वे आगे कहते है कि भले ही संघ और भाजपा के विरुद्ध मेरी वैचारिक लड़ाई रही है और रहेगी. इनके समक्ष मैंने कभी भी घुटने नहीं टेके हैं और मेरे परिवार एवं पार्टी का कोई भी व्यक्ति आपकी राजनीति के समक्ष नतमस्तक नहीं होगा.
चूंकि कांग्रेस बिहार सरकार में आरजेडी के साथ कांग्रेस पार्टनर है सो कांग्रेस ने लालू यादव का समर्थन करते हुए कहा कि अब पानी सिर के ऊपर से चला गया है.कांग्रेस पार्टी चीफ मल्लिकार्जुन खरगे समर्थन करते हुए कहते है कि पिछले 14 घंटे से मोदी जी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घर पर ED बैठा रखी है. उनकी गर्भवती पत्नी और बहनें को सताया जा रहा है. लालू यादव बुजुर्ग हैं, बीमार हैं, तब भी मोदी सरकार ने उनके प्रति मानवता नहीं दिखाई. अब पानी सिर के ऊपर से चला गया है.उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार, विपक्षी नेताओं पर ED-CBI का दुरुपयोग कर लोकतंत्र की हत्या का कुत्सित प्रयास कर रही है. जब देश से भगोड़े करोड़ों लेकर भागे तब मोदी सरकार की एजेंसियाँ कहां थी? जब ''परम मित्र'' की संपत्ति आसमान छूती है तो जाँच क्यों नहीं होती? इस तानाशाही का जनता मुंहतोड़ जवाब देगी !
गौरतलब है कि इससे पहले ही बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ गई थीं. इसी साल जनवरी में जमीन के बदले नौकरी से जुड़े केस में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई को गृह मंत्रालय से मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई थी. सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में अपनी चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी, मध्य रेलवे के तत्कालीन जीएम, तत्कालीन सीपीओ, कुछ निजी व्यक्तियों और मामले में कुछ अभ्यर्थियों समेत 16 आरोपियों को नामजद किया था. सीबीआई ने उस दौरान कहा था कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नौकरी दी थी. यह जमीन प्रचलित सर्किल रेट से काफी कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर हासिल की गई थी.
सीबीआई ने चार्जशीट में बताया है कि उम्मीदवारों ने गलत-सलत टीसी का इस्तेमाल किया. अभ्यर्थियों ने रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज तक जमा किए. सीबीआई को जांच के दौरान पता चला कि लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी हेमा यादव को उम्मीदवारों ने नौकरी घोटाले के लिए गिफ्ट में जमीन दी थी, इसी के बाद उनकी रेलवे में भर्ती की गई थी. इसी केस में पिछले साल रेलवे स्टाफ ह्रदयानंद चौधरी और लालू प्रसाद यादव के तत्कालीन ओएसडी भोला यादव को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था. भोला यादव 2004 से 2009 के बीच लालू यादव के ओएसडी थे, जब लालू रेल मंत्री थे. अपने कार्यकाल के दौरान, लालू प्रसाद यादव ने उम्मीदवारों से रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी की नौकरी के बदले अपने परिवार के लोगों के नाम पर जमीन ली थी और फायदा उठाया था.
इसमें तो पटना के रहने वाले कई लोगों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के जरिए लालू यादव के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना में मौजूद अपनी जमीन बेची थी, वे ऐसी अचल संपत्तियों के ट्रांसफर में भी शामिल थे. रेलवे में भर्ती के लिए ना कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. फिर भी जो पटना के निवासी थे. उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित अलग-अलग जोनल रेलवे में सब्स्टिट्यूट के तौर पर नियुक्त किया गया था. सीबीआई के मुताबिक इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर हासिल की थी.
ज्ञात हो कि कल ही पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद को नोटिस जारी किया है. इस बारे में अधिकारियों ने बीते दिन ही जानकारी दी थी. सीबीआई मामले में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है. विशेष अदालत ने प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों सहित अन्य आरोपियों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए सम्मन जारी किया है.अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने कथित घोटाले की जांच खुली रखी है और मामले में आगे की जांच के तहत लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है. उन्होंने बताया कि सीबीआई की टीम इस संबंध में प्रसाद के परिवार से कुछ और दस्तावेज भी मांग सकती है. यह मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को तोहफे में जमीन दे कर या जमीन बेचने के बदले में रेलवे में कथित तौर पर ‘ग्रुप-डी' की नौकरी दिए जाने से संबंधित है.
इस बीच, लालू प्रसाद के बेटे एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सीबीआई की कार्रवाई उनके परिवार द्वारा भारतीय जनता पार्टी (BJP) का लगातार किये जा रहे विरोध का नतीजा है.उन्होंने कहा, ‘‘यह जाहिर है कि जांच एजेंसियां भाजपा के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और उन लोगों की मदद कर रही है जो उस पार्टी (भाजपा) के साथ खड़ी है.'' उन्होंने यह भी दावा किया कि तत्कालीन रेल मंत्री के तौर पर किसी लाभ के एवज में नौकरी देने की उनके पिता के पास कोई शक्तियां नहीं थीं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे अन्य विपक्षी दलों ने भी सीबीआई की कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी इस घोटाले की लड़ाई में कूद चुकी है जो कह रही है कि विपक्षी नेता भाजपा के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं, उन्हें ईडी-सीबीआई के जरिये प्रताड़ित किया जा रहा है. आज राबड़ी देवी जी को परेशान किया जा रहा है. लालू प्रसाद जी व उनके परिवार को वर्षों से प्रताड़ित किया जा रहा है, क्योंकि वे झुके नहीं. भाजपा विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है. आप के नेता जो कई घोटालों में फंसे हुए है कहते है कि सीबीआई विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना और प्रताड़ित करना गलत है.
हालांकि, भाजपा ने कहा है कि सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में अपना काम कर रही है और लालू प्रसाद ने जो बोया था वही काट रहे हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने कह रहे है लालू प्रसाद सीबीआई का लंबे समय से सामना कर रहे हैं. चारा घोटाले का मामला काफी पहले दर्ज हुआ था. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कुछ लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के विभिन्न जोन में 2004-2009 के दौरान ग्रुप-डी पदों पर नियुक्त किया गया. इसके बदले में उन लोगों ने या उनके परिवार के सदस्यों ने प्रसाद और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के नाम पर अपनी जमीन दी.
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