दुनिया की सबसे नामी सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मिला क्या?
कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल और दिग्विजय सिंह ने तो भारत की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए सबूत भी मांग लिए हैं. सबूत इस बात के अगर पाकिस्तान पर कार्रवाई हुई तो कितने आतंकी मरे? जबकि अमेरिका ने आज तक सबूत नहीं दिए, लेकिन उससे कोई सवाल नहीं पूछ रहा.
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पुलवामा हमले का जवाब देते हुए भारत ने पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक की, जिसमें करीब 200-300 आतंकियों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही है. जहां एक ओर भारतीय सेना पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में लगी हुई है, वहीं दूसरी ओर इस मामले पर राजनीति भी खूब हो रही है. कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल और दिग्विजय सिंह ने तो भारत की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए सबूत भी मांग लिए हैं. सबूत इस बात के अगर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई हुई तो कितने आतंकी मरे? क्या कार्रवाई का कोई वीडियो भी है?
पाकिस्तान में पनाह लिए आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत सरकार ने जो अहम कदम उठाया, उस पर ही अब सवाल उठाए जा रहे हैं. कपिल सिब्बल विदेशी मीडिया संस्थानों का हवाला दे रहे हैं और दिग्विजय सिंह ने तो ओसामा बिन लादेन के खिलाफ की गई कार्रवाई का जिक्र कर दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मारने के बाद उसके सबूत दिखाए थे, वैसे ही भारत को भी सबूत जारी करने चाहिए. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ओसामा बिन लादेन को मारे जाने के सबूत कब दिखाए गए और दिग्विजय सिंह ने कहां से देख लिए. आज भी ओसामा बिन लादेन को मारे जाने से जुड़े कई ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब नहीं मिला.
आज भी ओसामा बिन लादेन को मारे जाने से जुड़े कई ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब नहीं मिला.
2 मई 2011 को अमेरिकी सेना के नेवी सील्स कमांडो पाकिस्तान के ऐबटाबाद में पहुंचे थे. वहां सिर्फ 40 मिनट के अंदर ही अमेरिकी सैनिकों ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला करने के दोषी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. इस पूरी कार्रवाई के बाद कई तस्वीरें सामने आईं, जिन्हें इस कार्रवाई का सबूत कहा गया. शायद दिग्विजय सिंह इन्हीं सबूतों की बात कर रहे हैं. लेकिन ये सबूत भी किसी आधी-अधूरी जानकारी से कम नहीं थे, क्योंकि जिस ओसामा बिन लादेन को मारने का दावा अमेरिका ने किया, न तो उसकी लाश दिखाई, न तस्वीर जारी की, ना ही उसका कोई वीडियो रिलीज किया. लोगों का कुछ कंफ्यूजन इस ऑपरेशन पर बनी फिल्म zero dark thirty ने भी दूर किया, लेकिन अभी भी बहुत से सवाल हैं, जो लोगों के जेहन में घूम रहे हैं. चलिए एक नजर डालते हैं दुनिया की इस सबसे नामी सर्जिकल स्ट्राइक के 5 अनसुलझे सवालों पर.
1- ओबामा की लाश दुनिया को क्यों नहीं दिखाई गई?
अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मौत के घाट उतारने के बाद उसकी लाश को दुनिया को नहीं दिखाया. ना तो उसकी कोई फोटो रिलीज की, ना ही कोई वीडियो. घटनास्थल की तस्वीरों को ही सबूत के तौर पर सामने रख दिया, लेकिन जिसे मारने का दावा किया गया उसके कोई सबूत नहीं दिए.
अमेरिका ने घटनास्थल की तस्वीरों को ही सबूत के तौर पर सामने रख दिया था.
2- कैसे किया गया अंतिम संस्कार?
ये भी बताया गया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ओसामा की लाश अपने साथ ले गई थी और उसे समुद्र में इस्लामिक रीति रिवाज के अनुसार दफना दिया गया. लेकिन इस बात के भी कोई सबूत नहीं हैं. एक लीक हुए ईमेल के जरिए ये बात भी सामने आई थी कि लादेन के शव को अमेरिका ले जाकर उसका दाह संस्कार किया गया था. अमेरिका की ओर से आज तक इस बात के सबूत जारी नहीं किए गए हैं कि लादेश को समुद्र में दफनाया गया.
3- ओसामा बिन लादेन मरा भी या नहीं?
सवाल तो ये भी उठे कि लादेन को मारने का दावा सच है या सिर्फ एक कहानी? अमेरिकी अधिकारियों ने अपने दावे को सच्चा साबित करने के लिए कहा कि लादेन को मारने के बाद पहले उसके शव को अफगानिस्तान ले जाया गया, जहां पर उसका डीएनए परीक्षण किया गया. ओसामा का डीएनए उसके परिवार वालों से पूरी तरह मेल खा गया, जिससे ये साफ हुआ कि मारा जाने वाला शख्स ओसामा ही था. हालांकि, आज तक अमेरिका ने उस डीएनए जांच की भी कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है.
4- हकीकत या सिर्फ ड्रामा?
अमेरिका ने तो ओसामा बिन लादेन को मार गिराना का दावा किया, लेकिन वहां आस-पास के लोगों की कहानी कुछ और ही है. बीबीसी को लादेन के घर के आसपास रहने वाले लोगों ने जो बताया वो बातें अमेरिका के दावों पर सवाल खड़ा करती हैं. कुछ लोगों का कहना है कि ओसामा वहां था ही नहीं, कुछ कहते हैं कि 2 मई का वाकया सिर्फ एक ड्रामा भर है. जिस घर पर कार्रवाई हुई थी, उसके सामने रहने वाले समरेज खान खुद को घटना का चश्मदीद गवाह बताते हैं. वह कहते हैं कि रात में एक विमान आया और एक के बाद एक दो धमाके किए और चला गया. जब हमने बाहर आकर देखा तो एक विमान गिरा था, जिसमें आग लगी थी. स्थानीय लोगों के दावों को भी झूठा साबित करने के लिए अमेरिका ने ओसामा के शव की तस्वीर या वीडियो नहीं दिखाया.
5- पाकिस्तान की मदद के बिना अमेरिका ने की कार्रवाई?
ओसामा बिन लादेन का ठिकाना पाकिस्तानी सैन्य बेस से महज 800 मीटर दूर था. उसके घर के आस-पास बहुत से सैनिक रहते थे. बावजूद इसके क्या पाकिस्तान को वाकई ये पता नहीं था कि लादेन वहां छुपा है. हवेली जैसी ऊंची-ऊंची चारदिवारी देखकर भी क्या किसी को शक नहीं हुआ होगा? ये नामुमकिन सी बात लगती है. अमेरिका दावा करता है कि उसने अकेले ही इस कार्रवाई को अंजाम दिया, लेकिन पाकिस्तानी सेना के गढ़ में घुसकर 40 मिनट तक एक मिशन को अंजाम दिया गया और महज 800 मीटर दूर मौजूद पाकिस्तानी सेना को पता नहीं चला, ये मुमकिन नहीं लगता. निश्चित ही इस कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका की मदद की. लेकिन इसका भी सच अब तक सामने नहीं आ सका है.
ओसामा बिन लादेन का ठिकाना पाकिस्तानी सैन्य बेस से महज 800 मीटर दूर था.
ओसामा की मौत के 8 साल बाद भी अमेरिका ने उसकी मौत के सबूत नहीं दिए. आखिर क्यों? मुमकिन है कि इसका देश की सुरक्षा से कोई संबंध हो. अब अगर अमेरिका पर सबूत देने का दबाव नहीं डाला जा रहा है तो फिर अपने ही देश की सरकार पर ये दबाव क्यों? हो सकता है कि सबूतों को सार्वजनिक करने से देश की सुरक्षा पर कोई खतरे की आशंका हो या फिर सरकार एक सही मौके का इंतजार कर रही हो जब पूरा देश सबूतों को स्वीकार करने की स्थिति में हो. कपिल सिब्बल और दिग्विजय सिंह जैसे लोगों के लिए तो ये मामला राजनीति से बढ़कर और कुछ नहीं है. यही वजह है कि वह सबूतों की दरकार कर रहे हैं.
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