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Updated: 08 फरवरी, 2020 07:09 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) खत्म हो चुका है और मतदाताओं ने तमाम सीटों पर खड़े उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर दिया है. इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 फीसदी वोटिंग हुई है. अब 11 फरवरी (Delhi Assembly Election Result) को ईवीएम में कैद नतीजों से ये साफ होगा कि किसकी जीत हुई और कौन हार गया. चुनावी नतीजों से पहले एग्जिट पोल (Delhi Exit Poll) के नतीजे आ गए हैं, जो दिखा रहे हैं कि दिल्ली (Delhi) में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने हैट्रिक मार दी है. एग्जिट पोल के अनुसार अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में 49 सीटें जीत रहे हैं. वहीं दूसरी ओर, भाजपा को 20 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि कांग्रेस (Congress) के खाते में सिर्फ 1 सीट आ रही है. Sudarshan News, Times Now- Ipsos, ABP News-C Voter, TV9 Bharatvarsh - Cicero, Republic TV- Jan Ki Baat और India News-Neta ने तो exit poll वही दिखाया है, जिसकी उम्‍मीद की जा रही थी. केजरीवाल का जीतना तय था और भाजपा (BJP)-कांग्रेस को हारना ही था. आश्‍चर्य इस पर भी होगा यदि कांग्रेस अपना खाता खोल पाई. इस exit poll results की एक-दो नहीं, बल्कि 5 बड़ी वजहें हैं.

5 Reasons of Arvind Kejriwal victoryअगर एग्जिट पोल्स के पोल देखें, तो कुछ ऐसे आंकड़े सामने आते हैं.

1- कांग्रेस की न के बराबर कोशिश

कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में न के बराबर कोशिश की. आधे-अधूरे मन से तीन-चार दिन प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने कुछ सभाएं कीं. उसमें भी केजरीवाल से ज्‍यादा उन्‍होंने बीजेपी और मोदी पर फोकस रखा. राहुल गांधी का मोदी को 'डंडा मारने' वाला बयान तो एक उदाहरण है. कांग्रेस की इस खानापूर्ति का नतीजा ये हुआ कि बीजेपी विरोधी वोट नहीं बंटे और आप को फायदा हुआ. ओपिनियन पोल तो पहले ही बता चुके थे कि कांग्रेस को 3-4 फीसदी वोट मिलने की उम्‍मीद है. और उसका वोट शेयर आम आदमी पार्टी की तरफ शिफ्ट हो गया है. जैसा कि 2015 के चुनाव में हुआ था.

2- फ्री 'बिजली-पानी-बस यात्रा' से केजरीवाल को मिली बढ़त

चुनाव से करीब 6 महीने पहले केजरीवाल ने फ्री बिजली और महिलाओं के लिए बस का सफर मुफ्त करने के ऐलान किए. साथ ही पूरे कार्यकाल में मुफ्त पानी ने केजरीवाल को फायदा पहुंचाया. इसके अलावा दिल्‍ली के स्‍कूलों का बदला नक्‍शा भी केजरीवाल की मार्केटिंग करता रहा. अरविंद केजरीवाल ने अपने पूरे कैंपेन में कोशिश भी यही की थी कि वह लोगों को अपने काम गिना सकें और काम के आधार पर ही लोगों से वोट मांग सकें.

3- केजरीवाल ने किया नो-निगेटिव कैंपेन

अरविंद केजरीवाल ने दिल्‍ली चुनाव को नो-निगेटिव कैंपेन बना दिया था. यह उनकी रणनीति का हिस्‍सा ही था कि उन्‍होंने पीएम मोदी पर कोई सीधा प्रहार नहीं किया. इतना ही नहीं, उन्होंने मोदी के खिलाफ उठाए गए किसी भी मुद्दे से खुद को दूर बनाए रखा. नतीजा ये हुआ कि बीजेपी को भी पलटवार करने का मौका नहीं मिला. इधर कांग्रेस और भाजपा आपस में भिड़ते रहे और उधर इसका पूरा फायदा आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को मिल गया.

5 Reasons of Arvind Kejriwal victoryएग्जिट पोल के अनुसार दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल ने हैट्रिक मार ली है और एक बार फिर भाजपा हार गई है.

4- मुख्यमंत्री पद का चेहरा ना होना भाजपा को पड़ा भारी

भाजपा को सबसे बड़ा नुकसान ये भी हुआ कि केजरीवाल के मुकाबले उसके पास कोई स्थानीय नेता नहीं था. केजरीवाल ने भी बड़ी होशियारी से इसे मुद्दा बना दिया कि यदि बीजेपी किसी को सीएम पद का उम्‍मीदवार बनाए तो वह उसके साथ तमाम मुद्दों पर बहस को तैयार हैं. केजरीवाल ने पूरी दिल्‍ली को ये अहसास करवा दिया कि बीजेपी के पास दिल्‍ली का नेतृत्‍व देने के लिए कोई नेता नहीं है. उन्होंने तो ये तक कहा कि जनतंत्र में जनता मुख्यमंत्री चुनती है, लेकिन अमित शाह कहते हैं कि मुख्मयंत्री वह चुनेंगे. इसके जरिए भी केजरीवाल ने लोगों का मन इस बात के लिए पक्का करना सुनिश्चित किया कि आम आदमी पार्टी को अधिक से अधिक वोट पड़ें.

5- भाजपा नेताओं के विवादित बयानों से बढ़ाई मुश्किल

दिल्‍ली चुनाव में भाजपा की सबसे बड़ी फजीहत उसी के नेताओं ने की. भाजपा के नेताओं के विवादित बयानों ने उनकी छटपटाहट दिखाई. अनुराग ठाकुर अपनी रैली में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों पर हमला बोलते हुए कहते नजर आए कि 'देश के गद्दारों को, गोली मारो #$@&* को...'. वहीं भाजपा ने प्रवेश कुमार ने तो केजरीवाल को आतंकवादी की संज्ञा भी दी. बता दें कि इससे पहले वह शाहीन बाग पर भी विवादित बयान देते हुए कह चुके हैं कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी दिल्लीवालों के घरों में घुस जाएंगे, मां-बहनों का रेप कर देंगे और उनकी हत्या कर देंगे. इन बयानों की वजह से भी लोगों के मन में भाजपा की छवि खराब हुई.

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